नई दिल्ली: लैंगिक समानता पर ऑस्ट्रेलिया की राजदूत स्टीफन कोपस कैंपबेल के नेतृत्व में 6 लोगों के एक ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली महिला आयोग की '181' महिला हेल्पलाइन कार्यालय का दौरा किया. इस दौरान सभी सदस्यों को 181 महिला हेल्पलाइन के कामकाज और संचालन के बारे में जानकारी दी गई.
स्टीफ़ाइन कोपस कैंपबेल और टीम के अन्य सदस्यों ने हेल्पलाइन पर कॉल करने वालों द्वारा लाइव परामर्श भी देखा. इस दौरान रेस्क्यू करने वाली टीम ने कुछ खास अनुभवों को बताया. इसमें मोबाइल हेल्पलाइन की काउंसलर गीता ने 2018 में राजस्थान की एक लड़की को छुड़ाने के मामले के बारे में बताया. उसे उसके माता-पिता द्वारा बंदी बना लिया गया था. उसके मंगेतर ने आयोग से इसकी शिकायत की थी. इसके बाद, गीता के नेतृत्व में आयोग की एक टीम को लड़की को छुड़ाने के लिए राजस्थान भेजा गया. बहुत मुश्किल से लड़की को बचाया गया था. प्रतिनिधिमंडल के लोगों ने आयोग के कामकाज और उसकी हेल्पलाइन की प्रशंसा की.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ''हमें दिल्ली महिला आयोग के 181 महिला हेल्पलाइन पर ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के अधिकारियों के साथ लैंगिक समानता पर ऑस्ट्रेलियाई राजदूत स्टेफ़नी कैंपबेल का स्वागत करते हुए बहुत ख़ुशी हुई. हेल्पलाइन और आयोग की पूरी टीम राजधानी में लड़कियों और महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे कड़ी मेहनत करती है. स्टेफ़नी कैंपबेल दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों से संबंधित मुद्दों में गहरी दिलचस्पी रखने वाली एक बहुत ही भावुक व्यक्ति हैं. दुनिया भर में महिलाओं के मुद्दों पर उनके साथ बातचीत करना खुशी की बात थी. हम ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के साथ इस तरह के जुड़ाव को लेकर आशान्वित हैं."
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महिलाओं की सहायता करने में '181' प्रभावी: बता दें कि '181' महिला हेल्प लाइन नंबर है, जो दिल्ली महिला आयोग द्वारा संकट में महिलाओं और लड़कियों की परेशानी सुनने के लिए संचालित की जा रही है. 24 घंटे संचालित यह हेल्पलाइन महिलाओं की सहायता करने में बहुत प्रभावी है. हेल्पलाइन पर प्राप्त प्रत्येक कॉल को एक टीम के द्वारा तुरंत सुना जाता है. कॉल करने वाले की काउंसलिंग की जाती है और उसकी शिकायत को संबंधित प्राधिकरण जैसे दिल्ली पुलिस, अस्पतालों, आश्रय गृहों आदि को भेज दिया जाता है. गौरतलब है कि आयोग ने अपनी हेल्पलाइन पर प्राप्त कॉल के माध्यम से हजारों लड़कियों को तस्करी, घरेलू दुर्व्यवहार और बाल विवाह आदि से बचाया है. महिला आयोग को फरवरी 2016 से अब तक अपनी हेल्पलाइन पर 20 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुई हैं.
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