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भारत की नई शिक्षा नीति की ऑस्ट्रेलिया शिक्षा मंत्री जैसन क्लेयर ने की तारीफ, कहा- हम सहयोग करने को तैयार

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Published : Mar 2, 2023, 7:46 AM IST

ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जैसन क्लेयर चार दिनों की भारत यात्रा पर हैं. वह बीते बुधवार को दिल्ली विश्वविद्धालय के वेंकटेश्वर कॉलेज में आयोजित एक समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने भारत की नई शिक्षा नीति की सरहाना करते हुए कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव को दर्शाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम भारत को सहयोग करने के लिए तैयार हैं.

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ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जैसन क्लेयर

नई दिल्ली: शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिसकी बदोलत बड़ी से बड़ी लड़ाई जीती जा सकती है. यहीं वजह है कि आज विश्व में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी अलग पहचान बनाई है. ऑस्ट्रेलिया में जहां 50 साल पहले सिर्फ 18 फीसदी बच्चों ने ही हाई स्कूल की पढ़ाई की थी, वहां आज मौजूदा समय में 90 फीसदी से ज्यादा बच्चों ने हाई स्कूल की शिक्षा ली. यह कहना है ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर का. वह भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निमंत्रण पर भारत दौरे पर आए हैं और बीते बुधवार को वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध वेंकटेश्वर कॉलेज में एक कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने के लिए पहुंचे थे.

उन्होंने कहा कि मुझे यहां मेरे मित्र धर्मेंद्र प्रधान ने बुलाया है, मैं उनका तहे दिल से धन्यवाद करता हूं, मुझे भारत आकर काफी अच्छा लगा है. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी वाइस चांसलर ने कहा कि वह और एडम गिलक्रिस्ट भाई हैं. मैंने उनसे कहा कि एडम क्रिकेट सुपरस्टार हैं और मैं नहीं. मैं और प्रधान बहुत कम समय में अच्छे दोस्त बन गए हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैत्रीपूर्ण संबंध के लिए इससे अच्छा क्या हो सकता है कि वर्षो से भारत और ऑस्ट्रेलिया एक दूसरे के साथ हैं.

जेसन क्लेयर ने कहा कि मैं और धर्मेंद्र प्रधान जानते हैं कि शिक्षा वो मजबूत कड़ी है, जिसके माध्यम से सिर्फ किसी का भविष्य नहीं बल्कि देश की तकदीर भी बदली जा सकती है. उन्होंने कहा कि जब हमारी इससे पहले मुलाकात हुई तो, मैंने उन्हें बताया कि ऑस्ट्रेलिया में आज से 50 साल पहले 18 फीसदी बच्चों ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की. लेकिन मौजूदा समय में 90 फीसदी से ज्यादा छात्रों ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली है. शिक्षा की बदौलत ही हम आज देश में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. उन्होंने भारत की नई शिक्षा नीति की तारीफ की और कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव को दर्शाता है. हम भारत को सहयोग करने के लिए तैयार हैं. इस दौरान उनके साथ पूर्व ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट भी मौजूद रहे.

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गुजरात में दो युनिवर्सिटी की होगी स्थापना : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में बहुत समानताएं हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अवलोकन किया है कि वहां कैसे शिक्षा के साथ स्किल डेवलपमेंट पर काम किया गया है. वहां 50 साल में जो बदलाव हुआ वो देखते ही बनता है. उन्होंने कहा कि भारत जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. विदेशी मेहमानों का स्वागत करने के लिए हम तैयार हैं और हमारे साथ दोस्त देश ऑस्ट्रेलिया भी होगा. मुझे खुशी है कि हमारे निमंत्रण पर ऑस्ट्रेलिया के एजुकेशन मिनिस्टर जेसन क्लेयर के साथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, पूर्व क्रिकेटर एंबेसडर भी यहां मौजूद हैं. भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और हम इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग करना चाहते हैं.

इस दौरान प्रधान ने कुछ घोषणाएं भी की. उन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैत्रीपूर्ण संबंध को और मजबूत करने के उद्देश्य से कहा कि गुजरात के गिफ्ट सिटी में ऑस्ट्रेलिया के दो यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी. वोलोंगोंग और डीकिन यूनिवर्सिटी को गुजरात में स्थापित करने के उद्देश्य से आने वाले दिनों में भारत के दौरे पर ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीस होंगे. इस दौरान यूनिवर्सिटी स्थापित करने के संबंध में एक एमओयू साइन किया जाएगा. इसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी.

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910 डिग्री देकर भारत ने रचा इतिहास : दिल्ली विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो.योगेश सिंह ने कहा कि अभी बीते दिनों पहले हमने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 99वें दीक्षांत समारोह में स्नातक, परस्नातक, प्रोग्राम के लिए 1 लाख 57 हजार 290 छात्रों को डिग्री दी गई. साथ ही 910 को पीएचडी की डिग्री दी गई. यह डीयू के इतिहास में पहली बार हुआ है. साथ ही भारत में दिल्ली यूनिवर्सिटी सबसे ज्यादा पीएचडी डिग्री देने वाला पहला एक मात्र विश्व विद्यालय बन गया है. उन्होंने कहा कि मेरे पास वर्ल्ड का डाटा तो नहीं है, लेकिन एक साल में 910 पीएचडी डिग्री देना सच में एक बड़ी उपलब्धि है और वह हमने हासिल की है. दिल्ली यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के साथ अन्य छात्रों के लिए बेहतर माहौल है. शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली यूनिवर्सिटी और ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के साथ कई एमओयू साइन किए गए हैं. उन्होंने कहा कि भारत के विश्व विद्यालय और दिल्ली विश्व विद्यालय की स्ट्रेंथ साइंस टेक्नोलॉजी और मैथ्स हैं.टेक्नोलॉजी में हमारे छात्र बहुत अच्छा काम कर रहे हैं.

नई दिल्ली: शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिसकी बदोलत बड़ी से बड़ी लड़ाई जीती जा सकती है. यहीं वजह है कि आज विश्व में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी अलग पहचान बनाई है. ऑस्ट्रेलिया में जहां 50 साल पहले सिर्फ 18 फीसदी बच्चों ने ही हाई स्कूल की पढ़ाई की थी, वहां आज मौजूदा समय में 90 फीसदी से ज्यादा बच्चों ने हाई स्कूल की शिक्षा ली. यह कहना है ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर का. वह भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निमंत्रण पर भारत दौरे पर आए हैं और बीते बुधवार को वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध वेंकटेश्वर कॉलेज में एक कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने के लिए पहुंचे थे.

उन्होंने कहा कि मुझे यहां मेरे मित्र धर्मेंद्र प्रधान ने बुलाया है, मैं उनका तहे दिल से धन्यवाद करता हूं, मुझे भारत आकर काफी अच्छा लगा है. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी वाइस चांसलर ने कहा कि वह और एडम गिलक्रिस्ट भाई हैं. मैंने उनसे कहा कि एडम क्रिकेट सुपरस्टार हैं और मैं नहीं. मैं और प्रधान बहुत कम समय में अच्छे दोस्त बन गए हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैत्रीपूर्ण संबंध के लिए इससे अच्छा क्या हो सकता है कि वर्षो से भारत और ऑस्ट्रेलिया एक दूसरे के साथ हैं.

जेसन क्लेयर ने कहा कि मैं और धर्मेंद्र प्रधान जानते हैं कि शिक्षा वो मजबूत कड़ी है, जिसके माध्यम से सिर्फ किसी का भविष्य नहीं बल्कि देश की तकदीर भी बदली जा सकती है. उन्होंने कहा कि जब हमारी इससे पहले मुलाकात हुई तो, मैंने उन्हें बताया कि ऑस्ट्रेलिया में आज से 50 साल पहले 18 फीसदी बच्चों ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की. लेकिन मौजूदा समय में 90 फीसदी से ज्यादा छात्रों ने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली है. शिक्षा की बदौलत ही हम आज देश में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. उन्होंने भारत की नई शिक्षा नीति की तारीफ की और कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव को दर्शाता है. हम भारत को सहयोग करने के लिए तैयार हैं. इस दौरान उनके साथ पूर्व ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट भी मौजूद रहे.

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गुजरात में दो युनिवर्सिटी की होगी स्थापना : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में बहुत समानताएं हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अवलोकन किया है कि वहां कैसे शिक्षा के साथ स्किल डेवलपमेंट पर काम किया गया है. वहां 50 साल में जो बदलाव हुआ वो देखते ही बनता है. उन्होंने कहा कि भारत जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. विदेशी मेहमानों का स्वागत करने के लिए हम तैयार हैं और हमारे साथ दोस्त देश ऑस्ट्रेलिया भी होगा. मुझे खुशी है कि हमारे निमंत्रण पर ऑस्ट्रेलिया के एजुकेशन मिनिस्टर जेसन क्लेयर के साथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, पूर्व क्रिकेटर एंबेसडर भी यहां मौजूद हैं. भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और हम इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग करना चाहते हैं.

इस दौरान प्रधान ने कुछ घोषणाएं भी की. उन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैत्रीपूर्ण संबंध को और मजबूत करने के उद्देश्य से कहा कि गुजरात के गिफ्ट सिटी में ऑस्ट्रेलिया के दो यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी. वोलोंगोंग और डीकिन यूनिवर्सिटी को गुजरात में स्थापित करने के उद्देश्य से आने वाले दिनों में भारत के दौरे पर ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीस होंगे. इस दौरान यूनिवर्सिटी स्थापित करने के संबंध में एक एमओयू साइन किया जाएगा. इसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी.

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910 डिग्री देकर भारत ने रचा इतिहास : दिल्ली विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो.योगेश सिंह ने कहा कि अभी बीते दिनों पहले हमने दिल्ली यूनिवर्सिटी के 99वें दीक्षांत समारोह में स्नातक, परस्नातक, प्रोग्राम के लिए 1 लाख 57 हजार 290 छात्रों को डिग्री दी गई. साथ ही 910 को पीएचडी की डिग्री दी गई. यह डीयू के इतिहास में पहली बार हुआ है. साथ ही भारत में दिल्ली यूनिवर्सिटी सबसे ज्यादा पीएचडी डिग्री देने वाला पहला एक मात्र विश्व विद्यालय बन गया है. उन्होंने कहा कि मेरे पास वर्ल्ड का डाटा तो नहीं है, लेकिन एक साल में 910 पीएचडी डिग्री देना सच में एक बड़ी उपलब्धि है और वह हमने हासिल की है. दिल्ली यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के साथ अन्य छात्रों के लिए बेहतर माहौल है. शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली यूनिवर्सिटी और ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के साथ कई एमओयू साइन किए गए हैं. उन्होंने कहा कि भारत के विश्व विद्यालय और दिल्ली विश्व विद्यालय की स्ट्रेंथ साइंस टेक्नोलॉजी और मैथ्स हैं.टेक्नोलॉजी में हमारे छात्र बहुत अच्छा काम कर रहे हैं.

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