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विधानसभा अध्यक्ष को चार दिन बाद भी नहीं मिला एलजी का लिखा पत्र, मीडिया में लीक होने पर भड़के

Assembly Speaker raging on Delhi LG: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने पत्र लिखे जाने के 4 दिन बाद भी एलजी का पत्र ना मिलने को लेकर नाराजगी जताई. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ऐसे मामले लगातार देखे जा रहे हैं. किसी भी मामले में इस तरह की लापरवाही या जानबूझ कर ऐसा किया जाना सही नहीं है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 25, 2023, 4:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने एलजी का पत्र ना मिलने को लेकर नाराजगी जताई है. आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही के मुकदमे की स्वीकृति के संबंध में एलजी द्वारा भेजे गए पत्र पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इसकी सूचना मीडिया के जरिए ही मिली थी और आज तक उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है.

अध्यक्ष ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपराज्यपाल पर हमला बोला. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत अदालत द्वारा अपराधों का संज्ञान लेने से पहले दर्ज अपराधों के अभियोजन के लिए सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी आवश्यक है. किसी विधायक के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के सक्षम प्राधिकारी विधानसभा अध्यक्ष हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अखिलेशपति त्रिपाठी के खिलाफ कथित शिकायत के बारे में तब तक कोई टिप्पणी नहीं करेंगे जब तक की उन्हें फाइल नहीं मिल जाती.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह रोजाना उपराज्यपाल के फैसलों के बारे में समाचार देखते हैं. जो संबंधित व्यक्तियों को आधिकारिक तौर पर फाइल मिलने से पहले ही लीक हो जाती है. इनमें से अधिकतर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए होती हैं. उन्होंने कहा कि वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने इससे पहले भी इसे लेकर नाराजगी जताई थी.

इससे पहले 17 अप्रैल 2023 को विधानसभा की एक दिन की बैठक पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री को लिखा गया उपराज्यपाल का नोट, मुख्यमंत्री या विधानसभा को मिलने से पहले ही मीडिया को दिया जा चुका था. अध्यक्ष ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आगे बेहतर समझ कायम होगी और उपराज्यपाल का कार्यालय उच्च पद के साथ जुड़ी गरिमा, शिष्टाचार और शालीनता को बनाए रखेगा.

ये भी पढ़ें: स्पीकर ने कहा- मुझे पत्र नहीं मिला, उपराज्यपाल कार्यालय से सीधे मीडिया को मिल गया, यह गलत है..

क्या था मामला: आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी पर एमसीडी चुनाव के दौरान एक महिला उम्मीदवार को आम आदमी पार्टी का टिकट दिलाने के बदले 90 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. पिछले साल हुए एमसीडी चुनाव में कमला नगर वार्ड नंबर 69 सीट से पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए आप का टिकट दिलाने के एवज में महिला के पति ने शिकायत दर्ज कराई थी. महिला के पति की शिकायत पर एसीबी ने मामला दर्ज किया था. जांच में एसीबी के अधिकारियों को जो तथ्य व सबूत मिले हैं, वह बताता है कि इस रिश्वत मामले में विधायक और अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता है.

मामले को लेकर शुक्रवार को सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वाई वीवी जे राजशेखर ने विधानसभा के सचिव को पत्र लिखकर आरोपी विधायक के खिलाफ मिली शिकायत और इस संबंध में जांच रिपोर्ट का जिक्र किया है. रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि कोई भी अपने ऊपर लगे आरोप, मुकदमे के बारे में स्वयं जज नहीं बन सकता है.

ये भी पढ़ें: AAP विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ चलेगा रिश्वत मांगने का मामला, एलजी ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने एलजी का पत्र ना मिलने को लेकर नाराजगी जताई है. आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही के मुकदमे की स्वीकृति के संबंध में एलजी द्वारा भेजे गए पत्र पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें इसकी सूचना मीडिया के जरिए ही मिली थी और आज तक उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है.

अध्यक्ष ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपराज्यपाल पर हमला बोला. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत अदालत द्वारा अपराधों का संज्ञान लेने से पहले दर्ज अपराधों के अभियोजन के लिए सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी आवश्यक है. किसी विधायक के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के सक्षम प्राधिकारी विधानसभा अध्यक्ष हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अखिलेशपति त्रिपाठी के खिलाफ कथित शिकायत के बारे में तब तक कोई टिप्पणी नहीं करेंगे जब तक की उन्हें फाइल नहीं मिल जाती.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह रोजाना उपराज्यपाल के फैसलों के बारे में समाचार देखते हैं. जो संबंधित व्यक्तियों को आधिकारिक तौर पर फाइल मिलने से पहले ही लीक हो जाती है. इनमें से अधिकतर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए होती हैं. उन्होंने कहा कि वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने इससे पहले भी इसे लेकर नाराजगी जताई थी.

इससे पहले 17 अप्रैल 2023 को विधानसभा की एक दिन की बैठक पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री को लिखा गया उपराज्यपाल का नोट, मुख्यमंत्री या विधानसभा को मिलने से पहले ही मीडिया को दिया जा चुका था. अध्यक्ष ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आगे बेहतर समझ कायम होगी और उपराज्यपाल का कार्यालय उच्च पद के साथ जुड़ी गरिमा, शिष्टाचार और शालीनता को बनाए रखेगा.

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क्या था मामला: आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी पर एमसीडी चुनाव के दौरान एक महिला उम्मीदवार को आम आदमी पार्टी का टिकट दिलाने के बदले 90 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. पिछले साल हुए एमसीडी चुनाव में कमला नगर वार्ड नंबर 69 सीट से पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए आप का टिकट दिलाने के एवज में महिला के पति ने शिकायत दर्ज कराई थी. महिला के पति की शिकायत पर एसीबी ने मामला दर्ज किया था. जांच में एसीबी के अधिकारियों को जो तथ्य व सबूत मिले हैं, वह बताता है कि इस रिश्वत मामले में विधायक और अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता है.

मामले को लेकर शुक्रवार को सतर्कता विभाग के विशेष सचिव वाई वीवी जे राजशेखर ने विधानसभा के सचिव को पत्र लिखकर आरोपी विधायक के खिलाफ मिली शिकायत और इस संबंध में जांच रिपोर्ट का जिक्र किया है. रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि कोई भी अपने ऊपर लगे आरोप, मुकदमे के बारे में स्वयं जज नहीं बन सकता है.

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