नई दिल्ली: ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अखिल भारतीय अध्यक्ष और वकील अशोक अग्रवाल ने केंद्र सरकार के नीट और जेईई की परीक्षा लेने के फैसले की आलोचना की. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार को छात्रों के करियर की चिंता नहीं है, बल्कि शिक्षा के माफियाओं के मुनाफे की चिंता है.
अशोक अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन लगाने से पहले सरकार ने जनता से कुछ नहीं पूछा था, बल्कि परिस्थितियां देखने के बाद ये फैसला लिया गया था. ऐसे में जब कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, तो नीट और जेईई की परीक्षा लेने के लिए रायशुमारी क्यों की जा रही है?
'खतरे से खाली नहीं आयोजन'
अशोक अग्रवाल ने कहा कि सरकार कह रही है कि बहुसंख्यक छात्र जेईई और नीट की परीक्षा में हिस्सा लेना चाहते हैं, इसलिए हम परीक्षा आयोजित करना चाहते हैं. सरकार का ये तर्क समझदारी वाला नहीं है. सरकार का कोई भी फैसला परिस्थिति और तथ्य पर निर्भर करता है. आज परिस्थिति और तथ्य ये है कि देशभर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं और मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है.
एक तरफ सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं और सरकार चाहती है कि छात्रों की परीक्षा आयोजित की जाए. ये खतरे से खाली नहीं है. ये फैसला जनता की राय से नहीं बल्कि सरकार की अपनी बुद्धि और विवेक से तय होना चाहिए.