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मेरठ की किसान महापंचायत में शामिल होंगे केजरीवाल: संजय सिंह

मेरठ में 28 फरवरी को किसान महापंचायत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल होंगे. सोमवार को राज्यसभा सांसद एवं यूपी प्रभारी संजय सिंह ने इसकी जानकारी दी.

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किसान महापंचायत को लेकर संजय सिंह
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Published : Feb 15, 2021, 10:53 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 6:11 AM IST

नई दिल्ली/मेरठ: आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायत का आगाज कर दिया है. राज्यसभा सांसद एवं यूपी प्रभारी संजय सिंह ने इस बात की जानकारी दी है. मेरठ में सोमवार को एक वार्ता में संजय सिंह ने बताया कि आगामी दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मेरठ में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे.

किसान महापंचायत को लेकर संजय सिंह

इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों के नुकसान गिनाते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि कानून पर नहीं बल्कि किसानों के डेथ वारंट पर साइन किया है. जिस तरह डेथ वारंट में संशोधन नहीं होता, उसी तरह किसान भी इन कानूनों में संशोधन नहीं चाहते बल्कि वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान बजट को उन्होंने देश बेचने वाला बजट करार दिया. संजय सिंह के मुताबिक, सरकार सभी सरकारी सम्पत्तियों को बेच रही है. गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अमित शाह दिल्ली की कानून-व्यवस्था नहीं संभाल पा रहे हैं, इसलिए वहां अपराध बढ़ते जा रहे हैं.


किसान महापंचायत करेगी 'आप'

मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बताया कि पश्चमी यूपी के मेरठ में आप मुखिया एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पहली किसान महापंचायत आयोजित करने को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की जा रही है. पिछले 80 दिनों से देश में किसानों का आंदोलन चल रहा है.

दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डरों पर अब तक करीब 200 किसान आंदोलन की भेंट चढ़कर शहीद हो चुके हैं. किसान लगातार इन तीनों काले कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संसद में बिल आया, उसी वक्त उन्होंने आम आदमी पार्टी की ओर से इस बिल का जमकर विरोध किया था. उन्होंने कहा कि यह बिल देश के किसानों और जनता के लिए नहीं बल्कि चंद पूंजीपतियों के लिए मोदी सरकार ने बनाया है.



'पूंजीपतियों की गुलाम मोदी सरकार'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आगे कहा कि पीएम मोदी चंदे से अपनी पार्टी और सरकार चलाते हैं. उन्होंने कहा कि कहने के लिए मोदी सरकार 130 करोड़ हिंदुस्तानियों की सरकार है, लेकिन हकीकत में बीजेपी सरकार चंद पूंजीपतियों की गुलाम सरकार है. सरकार द्वारा असीमित भंडारण की जो नीतियां बनाई गई हैं, ये सब किसानों के ही नहीं बल्कि देश की जनता के भी खिलाफ हैं. बड़े-बड़े पूंजीपति किसान से सस्ते में अनाज, फल, सब्जियां खरीदेंगे अपने कोल्ड स्टोरेज में जमा कर लेंगे. जब बाजार में उसकी कमी हो जाएगी तो आम जनता को महंगे दामों पर बेचा जाएगा.



'कृषि कानूनों से बढ़ेगी महंगाई'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने इस काले कानून के माध्यम से जमाखोरी, कालाबाजारी और महंगाई को बढ़ावा देने का काम किया है. एक तरफ पेट्रोल 100 रुपये को पार कर गया है. वहीं, गैस सिलेंडर का दाम 50 रुपये बढ़ गया. अगर हिंदुस्तान में कृषि कानून लागू हो गए, तो जमाखोरी और कालाबाजारी को तो बढ़ावा मिलेगा ही, साथ ही कानूनी वैधता के कारण बहुत तेजी से देश में महंगाई बढ़ेगी.

'कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को मजबूर होगा किसान'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का एक शब्द भी नहीं लिखा गया है. कानून लागू होने से मंडियां भी खत्म हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक कांट्रैक्ट फार्मिंग लागू हो जाएगी. कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग इतना खतरनाक कानून है कि देश के किसानों की जमीनें चंद पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी. किसानों से अनुबंध साइन किया जाएगा. पूंजीपति खेत में अपने हिसाब से केमिकल, फर्टिलाइजर इस्तेमाल करेंगे. उनके हिसाब से उपज अच्छी हो गई तो फसल उनकी और खराब हो गई तो किसान को न्यायालय जाने का भी अधिकार नहीं है.



'देश को बेचने वाला है मोदी सरकार का बजट'

आम बजट 2021 पर बोलते हुए संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार इस देश के लोगों की सरकार नहीं है, यह केवल पूंजीपतियों की सरकार है. यह बजट 130 करोड़ हिंदुस्तानियों के द्वारा बनाए गए संपत्तियों को बेचने वाला बजट है. इस देश को बेचने वाला बजट है. इसमें रेल, सेल, खेल, सड़क, बिजली, पानी, बीपीसीएल, एफसीआई, एलआईसी, बैंक आदि सब कुछ बेचा जा रहा है. मोदी जी ने वादा किया था कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे, लेकिन ये तो रोजगार खत्म करने की योजना है.

'किसानों पर हिटलरशाही दिखा रही सरकार'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत को रुलाया गया है. गाजीपुर बॉर्डर पर जहां किसान आंदोलन पर बैठे हैं, वहां ऐसे कंटीले तार लगाए जा रहे हैं. यह सब इस बात को दर्शाता है कि मोदी की सरकार एक अहंकारी, तानाशाही और हिटलरशाही की सरकार है.

ये भी पढ़ें:-Toolkit Case: दिशा रवि की गिरफ्तारी पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, जानिए किसने क्या कहा...?


'दिल्ली की कानून-व्यवस्था नहीं संभाल पा रहे गृहमंत्री'

रिंकू शर्मा हत्याकांड के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था अमित शाह के हाथ में है. दिल्ली के दंगे भाजपा ने कराए, दिल्ली की कानून व्यवस्था जबसे अमित शाह देश के गृह मंत्री बने, लगातार बिगड़ती जा रही है. दिल्ली में कभी दंगे होते हैं, तो तभी वकीलों को मारा जाता है. कभी किसी की हत्या हो जाती है, कभी कहीं बलात्कार की घटना हो जाती है. इन सबके बावजूद गृहमंत्री अमित शाह बंगाल में रैलियां करते घूम रहे हैं. कानून व्यवस्था इनसे संभल नहीं सकती, दिल्ली सरकार के हाथों में पुलिस दे दो, हम ठीक करके दिखाएंगे.

नई दिल्ली/मेरठ: आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायत का आगाज कर दिया है. राज्यसभा सांसद एवं यूपी प्रभारी संजय सिंह ने इस बात की जानकारी दी है. मेरठ में सोमवार को एक वार्ता में संजय सिंह ने बताया कि आगामी दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मेरठ में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे.

किसान महापंचायत को लेकर संजय सिंह

इस दौरान उन्होंने कृषि कानूनों के नुकसान गिनाते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि कानून पर नहीं बल्कि किसानों के डेथ वारंट पर साइन किया है. जिस तरह डेथ वारंट में संशोधन नहीं होता, उसी तरह किसान भी इन कानूनों में संशोधन नहीं चाहते बल्कि वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस दौरान बजट को उन्होंने देश बेचने वाला बजट करार दिया. संजय सिंह के मुताबिक, सरकार सभी सरकारी सम्पत्तियों को बेच रही है. गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अमित शाह दिल्ली की कानून-व्यवस्था नहीं संभाल पा रहे हैं, इसलिए वहां अपराध बढ़ते जा रहे हैं.


किसान महापंचायत करेगी 'आप'

मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बताया कि पश्चमी यूपी के मेरठ में आप मुखिया एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पहली किसान महापंचायत आयोजित करने को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की जा रही है. पिछले 80 दिनों से देश में किसानों का आंदोलन चल रहा है.

दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डरों पर अब तक करीब 200 किसान आंदोलन की भेंट चढ़कर शहीद हो चुके हैं. किसान लगातार इन तीनों काले कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संसद में बिल आया, उसी वक्त उन्होंने आम आदमी पार्टी की ओर से इस बिल का जमकर विरोध किया था. उन्होंने कहा कि यह बिल देश के किसानों और जनता के लिए नहीं बल्कि चंद पूंजीपतियों के लिए मोदी सरकार ने बनाया है.



'पूंजीपतियों की गुलाम मोदी सरकार'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आगे कहा कि पीएम मोदी चंदे से अपनी पार्टी और सरकार चलाते हैं. उन्होंने कहा कि कहने के लिए मोदी सरकार 130 करोड़ हिंदुस्तानियों की सरकार है, लेकिन हकीकत में बीजेपी सरकार चंद पूंजीपतियों की गुलाम सरकार है. सरकार द्वारा असीमित भंडारण की जो नीतियां बनाई गई हैं, ये सब किसानों के ही नहीं बल्कि देश की जनता के भी खिलाफ हैं. बड़े-बड़े पूंजीपति किसान से सस्ते में अनाज, फल, सब्जियां खरीदेंगे अपने कोल्ड स्टोरेज में जमा कर लेंगे. जब बाजार में उसकी कमी हो जाएगी तो आम जनता को महंगे दामों पर बेचा जाएगा.



'कृषि कानूनों से बढ़ेगी महंगाई'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने इस काले कानून के माध्यम से जमाखोरी, कालाबाजारी और महंगाई को बढ़ावा देने का काम किया है. एक तरफ पेट्रोल 100 रुपये को पार कर गया है. वहीं, गैस सिलेंडर का दाम 50 रुपये बढ़ गया. अगर हिंदुस्तान में कृषि कानून लागू हो गए, तो जमाखोरी और कालाबाजारी को तो बढ़ावा मिलेगा ही, साथ ही कानूनी वैधता के कारण बहुत तेजी से देश में महंगाई बढ़ेगी.

'कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को मजबूर होगा किसान'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का एक शब्द भी नहीं लिखा गया है. कानून लागू होने से मंडियां भी खत्म हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक कांट्रैक्ट फार्मिंग लागू हो जाएगी. कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग इतना खतरनाक कानून है कि देश के किसानों की जमीनें चंद पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी. किसानों से अनुबंध साइन किया जाएगा. पूंजीपति खेत में अपने हिसाब से केमिकल, फर्टिलाइजर इस्तेमाल करेंगे. उनके हिसाब से उपज अच्छी हो गई तो फसल उनकी और खराब हो गई तो किसान को न्यायालय जाने का भी अधिकार नहीं है.



'देश को बेचने वाला है मोदी सरकार का बजट'

आम बजट 2021 पर बोलते हुए संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार इस देश के लोगों की सरकार नहीं है, यह केवल पूंजीपतियों की सरकार है. यह बजट 130 करोड़ हिंदुस्तानियों के द्वारा बनाए गए संपत्तियों को बेचने वाला बजट है. इस देश को बेचने वाला बजट है. इसमें रेल, सेल, खेल, सड़क, बिजली, पानी, बीपीसीएल, एफसीआई, एलआईसी, बैंक आदि सब कुछ बेचा जा रहा है. मोदी जी ने वादा किया था कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे, लेकिन ये तो रोजगार खत्म करने की योजना है.

'किसानों पर हिटलरशाही दिखा रही सरकार'

राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे राकेश टिकैत को रुलाया गया है. गाजीपुर बॉर्डर पर जहां किसान आंदोलन पर बैठे हैं, वहां ऐसे कंटीले तार लगाए जा रहे हैं. यह सब इस बात को दर्शाता है कि मोदी की सरकार एक अहंकारी, तानाशाही और हिटलरशाही की सरकार है.

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'दिल्ली की कानून-व्यवस्था नहीं संभाल पा रहे गृहमंत्री'

रिंकू शर्मा हत्याकांड के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था अमित शाह के हाथ में है. दिल्ली के दंगे भाजपा ने कराए, दिल्ली की कानून व्यवस्था जबसे अमित शाह देश के गृह मंत्री बने, लगातार बिगड़ती जा रही है. दिल्ली में कभी दंगे होते हैं, तो तभी वकीलों को मारा जाता है. कभी किसी की हत्या हो जाती है, कभी कहीं बलात्कार की घटना हो जाती है. इन सबके बावजूद गृहमंत्री अमित शाह बंगाल में रैलियां करते घूम रहे हैं. कानून व्यवस्था इनसे संभल नहीं सकती, दिल्ली सरकार के हाथों में पुलिस दे दो, हम ठीक करके दिखाएंगे.

Last Updated : Feb 16, 2021, 6:11 AM IST
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