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मोदी के 'तोहफे' पर CM केजरीवाल बोले- हमने 5 सालों में खर्च किए 6000 करोड़

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Published : Oct 23, 2019, 8:06 PM IST

अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने पिछले 5 सालों में 6,000 करोड़ रुपये खर्च कर दिए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार ने दिल्ली में रहने वाले लाखों लोगों को दिवाली से पहले एक बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनी को अधिकृत करने के लिए दिल्ली के एलजी अनिल बैजल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी, उसकी रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है.

  • हमारी सरकार आने से पहले इन कॉलोनियों को विकास से दूर रखा गया था। लेकिन पिछले 5 सालों में हमने ₹6,000 करोड़ रुपए खर्च कर के इन कॉलोनियों में पहली बार गलियाँ, नालियां, सड़कें बनवाई और इन कॉलोनियों को रहने लायक बनाया। pic.twitter.com/PYyHff5WML

    — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं इन अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले इन कॉलोनियों को विकास से दूर रखा गया था. लेकिन पिछले 5 सालों में हमने 6,000 करोड़ रुपये खर्च कर के इन कॉलोनियों में पहली बार गलियां, नालियां, सड़कें बनवाई और इन कॉलोनियों को रहने लायक बनाया.

'6 हजार करोड़ खर्च किया'
गौर करने वाली बात ये है कि दिल्ली सरकार ने अभी तक 3000 करोड़ खर्च कर पानी की पाइप लाइन डाला है. अन्य मदों को मिलाकर तकरीबन छह हजार करोड़ रुपये अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य करने में दिल्ली सरकार ने खर्च किए हैं.

दिल्ली में 1797 अनाधिकृत कॉलोनी है
बता दें कि दिल्ली में कुल 1797 अनाधिकृत कॉलोनी है, जिनमें से 300 कॉलोनी निजी जमीन पर काटी गई है. इन सभी अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों की संख्या 50 लाख से अधिक है.

नई दिल्ली: चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार ने दिल्ली में रहने वाले लाखों लोगों को दिवाली से पहले एक बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनी को अधिकृत करने के लिए दिल्ली के एलजी अनिल बैजल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी, उसकी रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है.

  • हमारी सरकार आने से पहले इन कॉलोनियों को विकास से दूर रखा गया था। लेकिन पिछले 5 सालों में हमने ₹6,000 करोड़ रुपए खर्च कर के इन कॉलोनियों में पहली बार गलियाँ, नालियां, सड़कें बनवाई और इन कॉलोनियों को रहने लायक बनाया। pic.twitter.com/PYyHff5WML

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वहीं इन अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले इन कॉलोनियों को विकास से दूर रखा गया था. लेकिन पिछले 5 सालों में हमने 6,000 करोड़ रुपये खर्च कर के इन कॉलोनियों में पहली बार गलियां, नालियां, सड़कें बनवाई और इन कॉलोनियों को रहने लायक बनाया.

'6 हजार करोड़ खर्च किया'
गौर करने वाली बात ये है कि दिल्ली सरकार ने अभी तक 3000 करोड़ खर्च कर पानी की पाइप लाइन डाला है. अन्य मदों को मिलाकर तकरीबन छह हजार करोड़ रुपये अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य करने में दिल्ली सरकार ने खर्च किए हैं.

दिल्ली में 1797 अनाधिकृत कॉलोनी है
बता दें कि दिल्ली में कुल 1797 अनाधिकृत कॉलोनी है, जिनमें से 300 कॉलोनी निजी जमीन पर काटी गई है. इन सभी अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों की संख्या 50 लाख से अधिक है.

Intro:नई दिल्ली. चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार ने दिल्ली में रहने वाले लाखों लोगों को दिवाली से पहले एक बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनी को अधिकृत करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी उसकी रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान कर दी है. केंद्र सरकार के इस फैसले से दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसमें अनंतराम डेरी, सैनिक फार्म और महेंद्रु एनक्लेव शामिल नहीं है. मोदी सरकार के 100 दिन के एजेंडे में दिल्ली कीअनाधिकृत कॉलोनी को अधिकृत करने का मुद्दा शामिल था.




Body:अब दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले हैं लोगों को एक बड़ा सपना जल्द पूरा साकार हो जाएगा. यहां की संपत्तियों का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है. अभी तक अनाधिकृत कॉलोनियों में घरों की खरीद-फरोख्त पर रजिस्ट्री की सुविधा नहीं थी. जिससे यहां रहने वाले लाखों की तादात में लोग सशंकित रहते थे. अब केंद्र सरकार के इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा होगा.

प्रत्येक बार चुनाव के दौरान केंद्र और राज्य सरकार अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वालों को बड़े-बड़े सपने दिखाती थी. इन कॉलोनियों को नियमित होने की बात किया करते थे. मगर जिस तरह से दिल्ली के अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना है, इस संबंध में बुधवार शाम को केंद्र सरकार की ओर से एक सकारात्मक फैसला आया है.

वर्षों पुराना सपना होगा साकार

इन कॉलोनियों में काफी बुरे हालात थे. पानी, सीवर, नाली, सड़क इनकी व्यवस्था नहीं थी. दिल्ली सरकार ने अभी तक 3000 करोड़ खर्च कर पानी की पाइप लाइन डाला है. अन्य मदों को मिलाकर तकरीबन छह हजार करोड़ रुपये अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य करने में दिल्ली सरकार ने खर्च किए हैं.



Conclusion: बता दें कि दिल्ली में कुल 1797 अनधिकृत कॉलोनी है जिनमें से 300 कॉलोनी निजी जमीन पर काटी गई है. इन सभी अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों की संख्या 50 लाख से अधिक है.

समाप्त, आशुतोष झा
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