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Vande Bharat trains: दिल्ली में होगी वंदे भारत ट्रेनों की सर्विसिंग, नए मेंटेनेंस शेड के निर्माण का रास्ता साफ - 78 trees will be removed in delhi

दिल्ली में वंदे भारत ट्रेनों के लिए नए मेंटेनेंस शेड के निर्माण में आ रही समस्याओं को दूर कर लिया गया है. दिल्ली सरकार ने इसके निर्माण में बाधक बन रहे 78 पेड़ों को हटाने की सशर्त मंजूरी दे दी है. रेलवे अब इन 78 पेड़ों हटाने के बदले 780 नए पेड़ लगाएगा.

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Published : Jul 3, 2023, 4:32 PM IST

Updated : Jul 3, 2023, 6:51 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने वंदे भारत ट्रेनों के लिए नए मेंटेनेंस शेड के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके निर्माण में बाधक बन रहे पेड़ों को हटाने और ट्रांसप्लांट करने को लेकर आए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनजर बनी गाइडलाइन के अनुसार निर्माण एजेंसी को 78 पेड़ों को हटाने व ट्रांसप्लांट करने के बदले 780 नए पौधों को लगाने की शर्त के साथ इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

दरअसल, रेलवे ने शकूरबस्ती में एक नए मेंटेनेंस शेड के निर्माण का प्रस्ताव दिया है. हालांकि, पेड़ों के एक पैच की वजह से साइट के निर्माण कार्य में बाधा पैदा आ रही थी. इसके चलते रेलवे ने अधिकारियों के माध्यम से दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को एक प्रस्ताव दिया था. इसके जरिए साइट को खाली करने के लिए 8 पेड़ों को हटाने और 70 पेड़ों के ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी मांगी गई थी. रेलवे के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पेड़ों के पैच को साफ करके काम में तेजी लाने के लिए अपनी सहमति दी.

"रेलवे को आधुनिक बुनियादी ढांचे की सख्त जरूरत है. इस मंजूरी से देश को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी. इसके अलावा हम सक्रिय रूप से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आधुनिक विकास का दिल्ली पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और प्रभावित होने वाले किसी भी पेड़ की भरपाई के लिए 10 गुना पौधरोपण अनिवार्य किया गया है."

-अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली

रेलवे को इन शर्तों पर मिली पेड़ों को हटाने की मंजूरी
रेलवे को इन शर्तों पर मिली पेड़ों को हटाने की मंजूरी

इसे भी पढ़े: डिफेंस प्रोजेक्ट के निर्माण का रास्ता साफ, केजरीवाल सरकार ने 214 पेड़ों के ट्रांसप्लांट को दी मंजूरी

LG के पास जाएगा प्रस्तावः प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सीएम ने कहा कि इस प्रस्ताव को एलजी के समक्ष रखा जाएगा. दिल्ली सरकार ने कहा है कि चिन्हित परियोजना स्थल के पास ही प्रत्यारोपण किया जाएगा. दिल्ली सरकार की ओर से साइट पर अप्रूव किए गए और चिह्नित पेड़ों के अलावा रेलवे एक भी अन्य पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचा सकता. अगर रेलवे द्वारा अप्रूव किए गए पेड़ों के अलावा किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा.

इसे भी पढ़े: द्वारका: एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए पेड़ों को किया जा रहा ट्रांसप्लांट

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने वंदे भारत ट्रेनों के लिए नए मेंटेनेंस शेड के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके निर्माण में बाधक बन रहे पेड़ों को हटाने और ट्रांसप्लांट करने को लेकर आए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनजर बनी गाइडलाइन के अनुसार निर्माण एजेंसी को 78 पेड़ों को हटाने व ट्रांसप्लांट करने के बदले 780 नए पौधों को लगाने की शर्त के साथ इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.

दरअसल, रेलवे ने शकूरबस्ती में एक नए मेंटेनेंस शेड के निर्माण का प्रस्ताव दिया है. हालांकि, पेड़ों के एक पैच की वजह से साइट के निर्माण कार्य में बाधा पैदा आ रही थी. इसके चलते रेलवे ने अधिकारियों के माध्यम से दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को एक प्रस्ताव दिया था. इसके जरिए साइट को खाली करने के लिए 8 पेड़ों को हटाने और 70 पेड़ों के ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी मांगी गई थी. रेलवे के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पेड़ों के पैच को साफ करके काम में तेजी लाने के लिए अपनी सहमति दी.

"रेलवे को आधुनिक बुनियादी ढांचे की सख्त जरूरत है. इस मंजूरी से देश को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी. इसके अलावा हम सक्रिय रूप से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आधुनिक विकास का दिल्ली पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और प्रभावित होने वाले किसी भी पेड़ की भरपाई के लिए 10 गुना पौधरोपण अनिवार्य किया गया है."

-अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली

रेलवे को इन शर्तों पर मिली पेड़ों को हटाने की मंजूरी
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LG के पास जाएगा प्रस्तावः प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए सीएम ने कहा कि इस प्रस्ताव को एलजी के समक्ष रखा जाएगा. दिल्ली सरकार ने कहा है कि चिन्हित परियोजना स्थल के पास ही प्रत्यारोपण किया जाएगा. दिल्ली सरकार की ओर से साइट पर अप्रूव किए गए और चिह्नित पेड़ों के अलावा रेलवे एक भी अन्य पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचा सकता. अगर रेलवे द्वारा अप्रूव किए गए पेड़ों के अलावा किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा.

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Last Updated : Jul 3, 2023, 6:51 PM IST
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