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सीआर पार्क में दुर्गा पूजा विसर्जन के लिए बनाए जा रहे हैं कृत्रिम तालाब

नवरात्रों में खास बात ये है की सीआर पार्क के लगभग बड़े पूजा समितियों के द्वारा अपने ग्राउंड में ही एक कृत्रिम तालाब बनाया जा रहा है. जहां पर मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा.

विसर्जन के लिए बनाए जा रहे हैं कृत्रिम तालाब
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Published : Sep 30, 2019, 5:06 PM IST

नई दिल्ली: देशभर में नवरात्रों की धूम है. मां दुर्गा के खूबसूरत पंडाल बनाए जा रहे हैं. दिल्ली के सीआर पार्क में इसका खास आयोजन होता है. दिल्ली के सीआर पार्क में भी कई पंडाल बनाए गए हैं, जहां मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाएगी. इस बार के नवरात्रों में खास बात ये है की सीआर पार्क के लगभग बड़े पूजा समितियों के द्वारा अपने ग्राउंड में ही एक कृत्रिम तालाब बनाया जा रहा है. जहां पर मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा.

विसर्जन के लिए बनाए जा रहे हैं कृत्रिम तालाब

बनाए जा रहे हैं कृत्रिम तालाब
सीआर पार्क स्थित कॉपरेटिव ग्राउंड के पूजा समिति के प्रतिनिधि ने बताया कि सीआर पार्क में बने सभी बड़े पंडालों में मां दुर्गा के मूर्ति के विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं. इन कृतिम तालाबों में दशमी के दिन मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा. दरअसल एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए लगभग सभी बड़ी दुर्गा पूजा समितियां कृत्रिम तलाब बना रही हैं, जिसे यमुना जी के प्रदूषण को रोकने के दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

साथ ही छोटी-छोटी पूजा समितियों के द्वारा एक जगह तालाबों की व्यवस्था की गई है, जहां उन सभी मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा और जो बड़े पूजा समिति हैं वो अपने खुद के द्वारा कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं.

हादसों से बचने के लिए किए जाएंगे इंतजाम
सीआर पार्क के कॉपरेटिव ग्राउंड में बनने वाले पूजा पंडाल हर साल खास होती है, जो सीआर पार्क के बड़े आयोजनों में से एक होता है. इस साल भी यहां पूजा पंडाल मशहूर संगीतकार मन्ना डे के थीम पर बनाया गया है लेकिन सबसे खास बात यह है कि यहां पंडाल के साथ ही एक कृत्रिम तालाब भी बनाया जा रहा है.

जहां पर दशमी के दिन पूजा आरती करने के बाद माता की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा. इस कृत्रिम तालाब की वजह से कोई हादसा ना हो इसके लिए तालाब को सीमेंटेड बनाया जा रहा है और इसके ऊपर से ढकने के लिए लोहे के ढक्कन भी बनाया जा रहा है.

आयोजकों का कहना है कि इस कृत्रिम तालाब में दसवीं के दिन पानी डाला जाएगा और फिर माता की पूजा-आरती होगी और फिर माता के मूर्ति को इसी में विसर्जित किया जाएगा. इस तालाब का स्तर मिट्टी का छोड़ा गया है ताकि वो पानी अंडर ग्राउंड में चला जाए साथ ही ये तालाब अब हमेशा के लिए रहेगा. इस ग्राउंड में 2 पूजा होती हैं. एक मां दुर्गा की और फिर काली पूजा दोनों मूर्तियों का विसर्जन इन्ही तालाबों में हर साल किया जाएगा.

नई दिल्ली: देशभर में नवरात्रों की धूम है. मां दुर्गा के खूबसूरत पंडाल बनाए जा रहे हैं. दिल्ली के सीआर पार्क में इसका खास आयोजन होता है. दिल्ली के सीआर पार्क में भी कई पंडाल बनाए गए हैं, जहां मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाएगी. इस बार के नवरात्रों में खास बात ये है की सीआर पार्क के लगभग बड़े पूजा समितियों के द्वारा अपने ग्राउंड में ही एक कृत्रिम तालाब बनाया जा रहा है. जहां पर मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा.

विसर्जन के लिए बनाए जा रहे हैं कृत्रिम तालाब

बनाए जा रहे हैं कृत्रिम तालाब
सीआर पार्क स्थित कॉपरेटिव ग्राउंड के पूजा समिति के प्रतिनिधि ने बताया कि सीआर पार्क में बने सभी बड़े पंडालों में मां दुर्गा के मूर्ति के विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं. इन कृतिम तालाबों में दशमी के दिन मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा. दरअसल एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए लगभग सभी बड़ी दुर्गा पूजा समितियां कृत्रिम तलाब बना रही हैं, जिसे यमुना जी के प्रदूषण को रोकने के दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

साथ ही छोटी-छोटी पूजा समितियों के द्वारा एक जगह तालाबों की व्यवस्था की गई है, जहां उन सभी मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा और जो बड़े पूजा समिति हैं वो अपने खुद के द्वारा कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं.

हादसों से बचने के लिए किए जाएंगे इंतजाम
सीआर पार्क के कॉपरेटिव ग्राउंड में बनने वाले पूजा पंडाल हर साल खास होती है, जो सीआर पार्क के बड़े आयोजनों में से एक होता है. इस साल भी यहां पूजा पंडाल मशहूर संगीतकार मन्ना डे के थीम पर बनाया गया है लेकिन सबसे खास बात यह है कि यहां पंडाल के साथ ही एक कृत्रिम तालाब भी बनाया जा रहा है.

जहां पर दशमी के दिन पूजा आरती करने के बाद माता की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा. इस कृत्रिम तालाब की वजह से कोई हादसा ना हो इसके लिए तालाब को सीमेंटेड बनाया जा रहा है और इसके ऊपर से ढकने के लिए लोहे के ढक्कन भी बनाया जा रहा है.

आयोजकों का कहना है कि इस कृत्रिम तालाब में दसवीं के दिन पानी डाला जाएगा और फिर माता की पूजा-आरती होगी और फिर माता के मूर्ति को इसी में विसर्जित किया जाएगा. इस तालाब का स्तर मिट्टी का छोड़ा गया है ताकि वो पानी अंडर ग्राउंड में चला जाए साथ ही ये तालाब अब हमेशा के लिए रहेगा. इस ग्राउंड में 2 पूजा होती हैं. एक मां दुर्गा की और फिर काली पूजा दोनों मूर्तियों का विसर्जन इन्ही तालाबों में हर साल किया जाएगा.

Intro:देशभर में नवरात्रों की धूम है मां दुर्गा के खूबसूरत पंडाल बनाए जा रहे हैं दिल्ली के सीआर पार्क में इसका खास आयोजन होता है दिल्ली के सीआर पार्क में भी कई पंडाल बनाए गए हैं जहां पर मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाएगी इस बार के नवरात्रों में खास बात यह की गई है कि सीआर पार्क के लगभग बड़े पूजा समितियों के द्वारा अपने ग्राउंड में ही एक कृत्रिम तालाब बनाया जा रहा है जहां पर मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा इस पूरे मसले को समझने के लिए हमने कॉपरेटिव ग्राउंड के पूजा समिति के प्रतिनिधि से बात की और जाना की कृतिम घाट कैसे बनाया जा रहा है और फिर मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किस तरीके से उसमें किया जाएगा ।


Body:सीआर पार्क में बने सभी बड़े पंडालों में मां दुर्गा के मूर्ति के विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं इन कृतिम तालाबों में दशमी के दिन मां दुर्गा का विसर्जन किया जाएगा दरअसल एनजीटी के आदेशो का पालन करते हुए लगभग सभी बड़े दुर्गा पूजा समितियों के द्वारा कृत्रिम तलाब बनाया जा रहा है जिसको यमुना जी के प्रदूषण को रोकने के दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है साथ ही छोटे-छोटे पूजा समितियों के द्वारा एक जगह तालाबों की व्यवस्था की गई जहां उन सभी मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा और जो बड़े पूजा समिति हैं वह अपने खुद के द्वारा कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं

सीआर पार्क के कॉपरेटिव ग्राउंड में बनने वाले पूजा पंडाल हर साल खास होते हैं जो सि आर पार्क के बड़े आयोजनों में से एक होता है इस साल भी यहां पूजा पंडाल मशहूर संगीतकार मन्ना डे के थीम पर बनाया गया है लेकिन सबसे खास बात यह है कि यहां पंडाल के साथ ही एक कृत्रिम तालाब भी बनाया जा रहा है जहां पर दशमी के दिन पूजा आरती करने के बाद माता की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा इस कृत्रिम तालाब के कारण कोई हादसा ना हो इसके लिए तालाब को सीमेंटेड बनाया जा रहा है और इसके ऊपर से ढकने के लिए लोहे के ढक्कन भी बनाया जा रहा है आयोजकों का कहना है कि इस कृत्रिम तालाब में दसवीं के दिन पानी डाला जाएगा और फिर माता की पूजा होगी आरती होगी और फिर माता के मूर्ति को इसी में विसर्जित किया जाएगा और यह तालाब का स्तर मिट्टी का छोड़ा गया है ताकि वह पानी अंडर ग्राउंड में चला जाए साथ ही यह तालाब अब हमेशा के लिए रहेगा इस ग्राउंड में दो पूजा होते हैं एक मां दुर्गा की और फिर काली पूजा दोनों मूर्तियों का विसर्जन इन्ही तालाबों में हर साल किया जाएगा ।

दरअसल यह मुहिम चल रहा है कि यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार के द्वारा और एनजीटी के भी द्वारा आदेश जारी किया गया है कि यमुना में मूर्ति विसर्जन को रोका जाए इसी कड़ी में आपने देखा होगा कि गणेश पूजा ,विश्वकर्मा पूजा के दौरान भी दिल्ली सरकार के द्वारा कृत्रिम तालाब दिल्ली के अलग अलग जगहो पर बनाए गए थे और यमुना में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई गई थी अब दुर्गा पूजा में भी दुर्गा पूजा समितियों के द्वारा मुहिम चलाया जा रहा है और कई कृत्रिम तालाब बनाए जा रहे हैं जिसमें मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा और यह यमुना जी को प्रदूषण से बचाने में एक अहम कदम साबित हो सकता है ।

पूजा समिति के प्रतिनिधि का कहना है कि कृत्रिम तालाब बनाने का अहम उद्देश्य है कि हम लोग काफी समय से सुनते आ रहे हैं कि यमुना को प्रदूषण से बचाना है इसीलिए हमलोग एनजीटी के आदेशों का पालन करते हुए यह कृत्रिम तालाब बना रहे हैं और यह कृत्रिम तालाब एक बार के लिए नहीं बल्कि हमेशा के लिए हैं यह पूरा सीमेंटेड बन रहे हैं ताकि जब भी यहां दुर्गा पूजा हो या काली पूजा हो उसका विसर्जन इसी तालाब में कर दिया जाए । और साथ ही इस तलब से किसी प्रकार की कोई दुर्घटना ना हो इसके लिए इस तालाब को सीमेंटेड और इसके ऊपर लोहे की चादर से ढक दिया जा रहा है ।


Conclusion:सी आर पार्क के लगभग सभी बरे पूजा समितियों के द्वारा कृत्रिम तालाब बनाया जा रहा है और छोटी छोटी जो समितियां हैं उनके लिए कृत्रिम तालाब बनाया गया है जहां पर वह अपने मूर्ति का विसर्जन करेंगे और इससे यमुना को प्रदूषण होने से बहुत हद तक रोका जा सकेगा दरअसल यह कदम काबिले तारीफ है जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है दरअसल पहले मूर्तियों का विसर्जन दिल्ली की यमुना में होता था जिसकी वजह से अक्सर खबरें आती थी कि लगातार मूर्तियों के विसर्जन से यमुना प्रदूषित होती थी लेकिन पिछले कुछ समय से लोगों में जागरूकता आई है और साथ ही सरकार और एनजीटी के द्वारा भी इसके लिए काम किया गया है अब यह धीरे-धीरे संभव होने लगा है और लोग अब मूर्तियों का विसर्जन यमुना जी में ना कर कृत्रिम तालाब में कर रहे हैं जो कि एक अच्छा कदम है ।
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