नई दिल्ली: भारत अपनी कला और संस्कृति की विविधताओं को लेकर दुनिया भर में मशहूर है. हर राज्य की अपनी खास लोक और चित्रकला होती है. जैसे गोंड पेंटिंग, भील पेंटिंग (मध्य प्रदेश), वर्ली पेंटिंग (महाराष्ट्र), मधुबनी पेंटिंग(बिहार), पट्टचित्रा पेंटिंग (बंगाल), सांझी पेंटिंग (मथुरा) आदि. इन राज्यों में कई अज्ञात प्रतिभाशाली कलाकार हैं जो इनसे संबंधित आकर्षक चित्रकारी करते हैं.
इसमें आदिवासी समुदाय की महिलाएं भी शामिल हैं जो सक्रिय रूप से अच्छी कलाकृतियां बना रही हैं. अगर आप भी लोक कला के शौकीन हैं, तो दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित कला प्रदर्शनी में इस तरह की लगभग 23 चित्रकलाओं का आनंद उठा सकते हैं.
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प्रदर्शनी के क्यूरेटर ऋषि शर्मा में बताया कि प्रदर्शनी में 50 से अधिक चित्रकारों की कला को प्रदर्शित किया गया है. इसका आयोजन ओपीएस आर्ट गैलरी द्वारा किया गया है. यह गैलरी मुख्य तौर पर इंडियन फोक और ट्रेवल आर्ट को लेकर काम करती है. प्रदर्शनी में लगी गुजरात की लोक चित्रकारी के बारे में उन्होंने बताया कि इस कला को मतानिपचेटी कहते हैं. इस कला को बनाने के लिए प्रकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है. बताया कि प्रदर्शनी में लगी सभी कलाकृतियां आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाई गई हैं. ट्राइबल आर्ट भारत के इतिहास का सुन्दर स्वरुप है. प्रदर्शनी में लगी सभी चित्रों को कलाकारों ने अपने राज्य की चित्रकारी के रूप में प्रस्तुत किया है.
अगर आप भी लोक कला के प्रेमी हैं तो प्रदर्शनी में जाकर लोक चित्रकारी का आनंद उठा सकते हैं. 20 अगस्त तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में लगी आर्ट की कीमत 5000 रुपये से शुरू है.
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