नई दिल्ली: दिल्ली बोर्ड ऑफ एजुकेशन के बाद अब दिल्ली स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की शुरुआत होने जा रही है. बता दें कि दिल्ली कैबिनेट द्वारा इसकी मंजूरी मिल गई है. वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रतिभाशाली बच्चों के लिए स्पेशलाइज़्ड सरकारी विद्यालय की स्थापना करने वाला दिल्ली पहला राज्य बन गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि ये स्कूल 21वीं सदी के कौशल और ह्यूमैनिटीज के क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन को बढ़ावा देंगे.
दिल्ली स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की शुरुआत को मिली मंजूरी
वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि स्पेशलाइजेशन की ओर बढ़ते इस युग में आने वाली चुनौतियों के लिए बच्चों को तैयार करने के लिए ही सरकार दिल्ली स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की शुरुआत करने जा रही है. उन्होंने बताया कि ये स्कूल साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स ( STEM ), प्रदर्शन और दृश्यकला, ह्यूमैनिटीज और 21वीं सदी के कौशल जैसे चार क्षेत्रों में प्रतिभाशाली छात्रों की प्रतिभाओं को और विकसित करेंगे. साथ ही कहा कि ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के स्कूली शिक्षा मॉडल के अंतिम चार वर्षों पर आधारित होगी.
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पढ़ाई के साथ साथ बच्चों का होगा कौशल विकास
वहीं उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस दिल्ली स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में रचनात्मकता और समस्या समाधान कौशलों पर केंद्रित शिक्षण द्वारा बच्चों को सीखने का अवसर मिलेगा. साथ ही कहा कि इन स्कूलों को विश्वविद्यालयों और उद्योगों के साथ भी जोड़ा जाएगा. ये स्कूल उत्कृष्टता के हब के रूप में विकसित होंगे.
वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों को अपग्रेड कर उन्हें मौजूदा आरपीवीवी और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के स्तर पर लाया जाएगा.