नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यमुना विहार एसटीपी की क्षमता को बढ़ाने और यमुना तक साफ पानी पहुंचाने के लिए विशेष पाइपलाइन डालने की परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना के तहत यमुना विहार एसटीपी की क्षमता 45 एमजीडी से बढ़कर 70 एमजीडी हो जाएगी. इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आधुनिक तकनीक से अपग्रेड कर सीवेज के पानी को बेहतर तरीके से शोधित करने के निर्देश दिए, ताकि गंदे पानी के बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन डिमांड (बीओडी) स्तर को शोधित कर 10 तक लाया जा सके. परियोजना के पूरा होने पर पूर्वी दिल्ली की करीब 6 लाख आबादी को फायदा होगा. साथ ही पूर्वी दिल्ली के नाले में गंदे पानी के बहाव को कम करने में मदद मिलेगी.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि हमने यमुना नदी को 2025 में पूरा साफ करने का लक्ष्य रखा है. यमुना तक साफ पानी पहुंचे, इसके लिए यमुना विहार एसटीपी की क्षमता 45 एमजीडी से बढ़ाकर 70 एमजीडी की जाएगी. शोधित पानी के पुनर्चक्रण और दोबारा उपयोग पर जोर देते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि एसटीपी से आने वाले ट्रीडेड पानी से न केवल यमुना को साफ करने में मदद करेगा, बल्कि अन्य चीजों के लिए भी बेहद उपयोगी है. इसे बागवानी और दिल्ली की झीलों का कायाकल्प करने आदि में इस्तेमाल किया जा सकेगा, ताकि पीने योग्य पानी की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके.
मनीष सिसोदिया ने परियोजना के काम को समय सीमा के अंदर पूरा करने के लिए कहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में यमुना विहार एसटीपी की क्षमता 45 एमजीडी है. इसकी क्षमता बढ़ने के बाद पूर्वी दिल्ली के ड्रेन-1 में गंदा पानी नहीं गिरेगा. ड्रेन-1 में प्रवाह कम होने से शाहदरा ड्रेन में गिर रहे गंदे पानी में कमी आएगी. शाहदरा ड्रेन यमुना में प्रदूषण करने वाली प्रमुख 4 नालों में से एक है. इसके अलावा आधुनिक तकनीक से एसटीपी अपग्रेड होने के बाद गंदे पानी के बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन डिमांड (बीओडी) स्तर को शोधित कर 10 तक लाया जा सकेगा. परियोजना के पूरा होने के बाद इलाके के करीब 6 लाख आबादी को लाभ मिलेगा.