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शक्तिहीन की शक्ति और आवाज विहीन लोगों की आवाज का नाम हैं गांधी: अनिल दत्ता मिश्रा - Anil Dutta Mishra

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर दिल्ली में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसी कड़ी में कमला नेहरू कॉलेज में गांधी एंड एनवायरमेंट पर एक परिचर्चा के दौरान नेशनल गांधी म्यूज़ियम के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर अनिल दत्ता मिश्रा ने कहा गांधी सिर्फ भारत की नहीं बल्कि पूरे विश्व की पहचान हैं.

गांधी सिर्फ भारत की नहीं पूरे बल्कि विश्व की पहचान
गांधी सिर्फ भारत की नहीं पूरे बल्कि विश्व की पहचान
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Published : Jan 31, 2023, 1:09 PM IST

नई दिल्ली: सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में जहां एक तरफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. वहीं, कई जगहों पर इनके संबंध में कार्यक्रम आयोजित किए गए. बापू से जुड़े इन कार्यक्रमों में लोगों ने गांधी के दिखाए मार्ग पर चलने की शपथ ली. इसी कड़ी में दिल्ली के कमला नेहरू कॉलेज में गांधी एंड एनवायरमेंट पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम कॉलेज की राजनीति विज्ञान विभाग की तरफ से आयोजित किया गया था.

इस परिचर्चा में विख्यात लेखक, गांधीवादी विद्वान पूर्व डिप्टी डायरेक्टर नेशनल गांधी म्यूज़ियम डॉ. अनिल दत्ता मिश्रा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. दिल्ली में भले ही सोमवार को मौसम खराब रहा हो, लेकिन जब बात गांधी की हो तो लोग इस बेरंग मौसम में भी अपनी उपस्तिथि दर्ज कराने से नहीं चूके.

परिचर्चा के दौरान डॉ. अनिल दत्ता मिश्रा ने भी गांधी की उन बातों को याद किया, जो गांधी ने कही थी. उन्होंने कहा बापू ने एक बार कहा था पृथ्वी हर आदमी की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्यावरण प्रदान करती है, लेकिन हर आदमी के लालच को नहीं. पिछले 25 वर्षों में मनुष्यों ने पृथ्वी के 10वें भाग के जंगल को नष्ट कर दिया है और यदि यही प्रवृत्ति आगे भी जारी रहती है तो एक सदी के भीतर पृथ्वी पर से जंगल का नामोनिशान मिट जाएगा.

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पर्यावरण पर गांधी के दृष्टिकोण के संदर्भ में उन्होंनें पर्यावरणीय समस्याओं के कई कारणों पर प्रकाश डाला और छात्रों के साथ गांधीवादी नैतिकता के बारे में चर्चा की. जिससे युवा महिलाओं को पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्य के बारे में जागरूक किया जा सके. उन्होंने कहा कि गांधी जी का मानना था कि पृथ्वी, वायु, भूमि तथा जल हमारे पूर्वजों से प्राप्त सम्पत्तियां में से नहीं हैं, वे हमारे बच्चों की धरोहर है. वह जैसे हमें मिली हैं ठीक वैसे ही उन्हें भावी पीढ़ियों को सौंपना होगा. उन्होंने दर्शकों के साथ एक संवादात्मक सत्र के दौरान कहा कि आज गांधी सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरे विश्व की पहचान हैं. शक्तिहीन की शक्ति और आवाज विहीन लोगों की आवाज का नाम गांधी है.

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शानदार रहा कार्यक्रम: कमला नेहरू कॉलेज की राजनीति विज्ञान छात्र संघ की अध्यक्ष भूमिका नागपाल ने गांधी एंड एनवायरमेंट परिचर्चा के अंत में प्रभारी शिक्षक डॉ. नीना बंसल एवं संघ प्रभारी- डॉ. कमलाकांत राउल के प्रयास को सराहा है. उन्होंने कहा कि इनके मार्गदर्शन में ही यह कार्यक्रम सफल हो पाया.

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नई दिल्ली: सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में जहां एक तरफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. वहीं, कई जगहों पर इनके संबंध में कार्यक्रम आयोजित किए गए. बापू से जुड़े इन कार्यक्रमों में लोगों ने गांधी के दिखाए मार्ग पर चलने की शपथ ली. इसी कड़ी में दिल्ली के कमला नेहरू कॉलेज में गांधी एंड एनवायरमेंट पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम कॉलेज की राजनीति विज्ञान विभाग की तरफ से आयोजित किया गया था.

इस परिचर्चा में विख्यात लेखक, गांधीवादी विद्वान पूर्व डिप्टी डायरेक्टर नेशनल गांधी म्यूज़ियम डॉ. अनिल दत्ता मिश्रा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे. दिल्ली में भले ही सोमवार को मौसम खराब रहा हो, लेकिन जब बात गांधी की हो तो लोग इस बेरंग मौसम में भी अपनी उपस्तिथि दर्ज कराने से नहीं चूके.

परिचर्चा के दौरान डॉ. अनिल दत्ता मिश्रा ने भी गांधी की उन बातों को याद किया, जो गांधी ने कही थी. उन्होंने कहा बापू ने एक बार कहा था पृथ्वी हर आदमी की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्यावरण प्रदान करती है, लेकिन हर आदमी के लालच को नहीं. पिछले 25 वर्षों में मनुष्यों ने पृथ्वी के 10वें भाग के जंगल को नष्ट कर दिया है और यदि यही प्रवृत्ति आगे भी जारी रहती है तो एक सदी के भीतर पृथ्वी पर से जंगल का नामोनिशान मिट जाएगा.

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पर्यावरण पर गांधी के दृष्टिकोण के संदर्भ में उन्होंनें पर्यावरणीय समस्याओं के कई कारणों पर प्रकाश डाला और छात्रों के साथ गांधीवादी नैतिकता के बारे में चर्चा की. जिससे युवा महिलाओं को पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्य के बारे में जागरूक किया जा सके. उन्होंने कहा कि गांधी जी का मानना था कि पृथ्वी, वायु, भूमि तथा जल हमारे पूर्वजों से प्राप्त सम्पत्तियां में से नहीं हैं, वे हमारे बच्चों की धरोहर है. वह जैसे हमें मिली हैं ठीक वैसे ही उन्हें भावी पीढ़ियों को सौंपना होगा. उन्होंने दर्शकों के साथ एक संवादात्मक सत्र के दौरान कहा कि आज गांधी सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरे विश्व की पहचान हैं. शक्तिहीन की शक्ति और आवाज विहीन लोगों की आवाज का नाम गांधी है.

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शानदार रहा कार्यक्रम: कमला नेहरू कॉलेज की राजनीति विज्ञान छात्र संघ की अध्यक्ष भूमिका नागपाल ने गांधी एंड एनवायरमेंट परिचर्चा के अंत में प्रभारी शिक्षक डॉ. नीना बंसल एवं संघ प्रभारी- डॉ. कमलाकांत राउल के प्रयास को सराहा है. उन्होंने कहा कि इनके मार्गदर्शन में ही यह कार्यक्रम सफल हो पाया.

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