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AUD: छात्र जुर्माना मामले पर बोले सिसोदिया- न हो कार्रवाई, बात रखने का हक सभी को - manish sisodia talk to girl Ambedkar university

अंबेडकर विश्वविद्यालय में एक छात्रा ने फीस समेत कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया था, जिसके तहत छात्रों ने यूट्यूब पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कई बातें लिखी थीं. इस पर कार्रवाई के तहत प्रशासन ने छात्रा पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. अब सिसोदिया ने छात्रा से बात की है.

Ambedkar university student fine case manish sisodia talk to girl  gave assurance
AUD: छात्र जुर्माना मामले पर बोले सिसोदिया- ना हो कार्रवाई, बात रखने का हक सभी को
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Published : Jul 5, 2021, 7:24 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 8:03 PM IST

नई दिल्ली : अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा दीक्षांत समारोह में खलल डालने के आरोप में पिछले दिनों एक छात्रा पर पांच हजार रुपये का फाइन लगाया गया था. अब इस मामले मेंं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने छात्रा से बात की है.

इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने छात्रा पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों को डिबेट और अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने प्रिंसिपल सेक्रेटरी उच्च शिक्षा को इस मामले में यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि भविष्य में दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालयों में इस तरह की किसी भी छात्र पर कोई कार्रवाई न की जाए जब तक वह देश या संविधान के खिलाफ न हो.

छात्रा नेहा

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और मेरे खिलाफ बोलने पर डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली के द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई तब तक नहीं होनी चाहिए जब तक छात्र की भाषा संविधान या देश के खिलाफ न हो. साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों को अपनी बात, विचार रखने का मौका दिया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि छात्र देश के भविष्य हैं और अगर उन्हें बोलने नहीं दिया जाएगा तो हम एक ब्लैंक फ्यूचर तैयार कर रहे हैं. अगर राजनेताओं के खिलाफ उठने वाली आवाज को दबा दिया जाएगा तो लोकतंत्र नहीं यह डिक्टेटरशिप कह लाएगी. उन्होंने कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच सभी छात्र और देश के नागरिकों का अधिकार है.

छात्रा नेहा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है. उन्होंने बताया कि फीस वृद्धि और रिजर्वेशन नीति के खिलाफ आवाज उठाई थी. इस दौरान नेहा ने बताया कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से उनकी आज देर शाम बात हुई है जिस पर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए थी. वहीं इस पूरे मामले में शिक्षा मंत्री के हस्तक्षेप करने पर छात्रा ने उनका आभार व्यक्त किया है. साथ ही छात्रा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से फाइन का नोटिस, फीस वृद्धि, आरक्षण की नीति को वापस लेने की मांग की है.

जानकारी के मुताबिक, गत वर्ष दिसंबर माह में अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली का दीक्षांत समारोह ऑनलाइन आयोजित किया गया था. इस दौरान एक छात्रा ने फीस समेत कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया था, जिसके तहत छात्रों ने यूट्यूब पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कई बातें लिखी थीं. इस पर कार्रवाई के तहत प्रशासन ने छात्रा पर पांच हजार का जुर्माना लगाया था. इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि एक छात्र के जीवन काल में दीक्षांत समारोह काफी महत्व रखता है. इस दीक्षांत समारोह में कई विशिष्ठ अतिथि मौजूद थे. छात्रा पर विश्वविद्यालय के नियमानुसार कार्रवाई की गई है.

नई दिल्ली : अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा दीक्षांत समारोह में खलल डालने के आरोप में पिछले दिनों एक छात्रा पर पांच हजार रुपये का फाइन लगाया गया था. अब इस मामले मेंं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने छात्रा से बात की है.

इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने छात्रा पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों को डिबेट और अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने प्रिंसिपल सेक्रेटरी उच्च शिक्षा को इस मामले में यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि भविष्य में दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालयों में इस तरह की किसी भी छात्र पर कोई कार्रवाई न की जाए जब तक वह देश या संविधान के खिलाफ न हो.

छात्रा नेहा

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और मेरे खिलाफ बोलने पर डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली के द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई तब तक नहीं होनी चाहिए जब तक छात्र की भाषा संविधान या देश के खिलाफ न हो. साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों को अपनी बात, विचार रखने का मौका दिया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि छात्र देश के भविष्य हैं और अगर उन्हें बोलने नहीं दिया जाएगा तो हम एक ब्लैंक फ्यूचर तैयार कर रहे हैं. अगर राजनेताओं के खिलाफ उठने वाली आवाज को दबा दिया जाएगा तो लोकतंत्र नहीं यह डिक्टेटरशिप कह लाएगी. उन्होंने कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच सभी छात्र और देश के नागरिकों का अधिकार है.

छात्रा नेहा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है. उन्होंने बताया कि फीस वृद्धि और रिजर्वेशन नीति के खिलाफ आवाज उठाई थी. इस दौरान नेहा ने बताया कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से उनकी आज देर शाम बात हुई है जिस पर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए थी. वहीं इस पूरे मामले में शिक्षा मंत्री के हस्तक्षेप करने पर छात्रा ने उनका आभार व्यक्त किया है. साथ ही छात्रा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से फाइन का नोटिस, फीस वृद्धि, आरक्षण की नीति को वापस लेने की मांग की है.

जानकारी के मुताबिक, गत वर्ष दिसंबर माह में अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली का दीक्षांत समारोह ऑनलाइन आयोजित किया गया था. इस दौरान एक छात्रा ने फीस समेत कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया था, जिसके तहत छात्रों ने यूट्यूब पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कई बातें लिखी थीं. इस पर कार्रवाई के तहत प्रशासन ने छात्रा पर पांच हजार का जुर्माना लगाया था. इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि एक छात्र के जीवन काल में दीक्षांत समारोह काफी महत्व रखता है. इस दीक्षांत समारोह में कई विशिष्ठ अतिथि मौजूद थे. छात्रा पर विश्वविद्यालय के नियमानुसार कार्रवाई की गई है.

Last Updated : Jul 5, 2021, 8:03 PM IST

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