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Waqf Board Case : अमानतुल्लाह खान को बड़ी राहत, वक्फ बोर्ड मामले में कोर्ट ने दी जमानत - अमानतुल्लाह खान को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दी

आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को वक्फ बोर्ड में अनियमितता के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी है. उन्हें इसी मामले में एंटी करप्शन ब्रांच की तरफ दाखिल एक मुकदमे में पहले ही जमानत मिल चुकी है.

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आप विधायक अमानतुल्लाह खान
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Published : Mar 2, 2023, 2:01 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितता के मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल केस विधायक अमानतुल्लाह खान को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दी. अमानतुल्लाह खान को इसी मामले में एंटी करप्शन ब्रांच द्वारा दाखिल एक मुकदमे में पहले ही जमानत मिल चुकी है. अमानतुल्लाह खान पर आरोप है कि उन्होंने वर्क बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए कोविड-19 फंड का दुरुपयोग किया और अपने करीबियों को दिल्ली वर्क बोर्ड में नियमों का उल्लंघन करते हुए नियुक्तियां दिया. मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है.

राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधानसभा सदस्य (विधायक) और दिल्ली वक्फ बोर्ड (डीडब्ल्यूबी) के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान और 10 अन्य को जमानत दे दी, जिन पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया था. मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने कहा कि मामले की सुनवाई में लंबा वक्त लग सकता है ऐसे में आरोपियों को सलाखों के पीछे रखने का कोई औचित्य नहीं बनता है. सीबीआई अमानतुल्लाह के वर्क बोर्ड अध्यक्ष रहते हुए भर्तियों में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है. मामले में 23 नवंबर, 2016 को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) धारा 13(1)(डी) के तहत दर्ज की गई थी.

ये भी पढ़ें : Murder In Bawana : बवाना में फैक्ट्री मजदूर की चाकू मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस

अमानतुल्लाह पर आरोप है कि उन्होंने सेवानिवृत्त आईपीएस महबूब आलम को दिल्ली वर्क बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी और उनके रिश्तेदारों तथा सहयोग एवं को अलग-अलग पदों पर नियुक्त किया. सीबीआई का आरोप है कि यह नियुक्तियां अपराधिक साजिश के तहत मिलीभगत कर की गई है इस दौरान कानूनों का उल्लंघन किया गया और पद का दुरुपयोग किया गया. अमानतुल्लाह की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कहा कि सभी अभियुक्तों को झूठा फंसाया गया है और नियुक्तियों को उचित प्रक्रिया अपनाने के बाद ही पूरा किया गया. अधिवक्ता ने कहा कि मामले में उनके मुवक्किल की पार्टी को बदनाम करने के लिए साजिश अन्य मुकदमे किए गए हैं . वकील ने कोर्ट को बताया कि इस पूरे मामले में ना रिश्वत ली गई ना ही दी गई ऐसे में इसे अवैध कैसे करार दिया जाए. इससे पहले विशेष सीबीआई न्यायाधीश एमके नागपाल ने बुधवार को अमानतुल्लाह खान को शाहीन बाग में एमसीडी का बुलडोजर रोकने के मामले में कोर्ट ने राहत देते हुए आरोप मुक्त कर दिया था.

सीबीआई का आरोप है अमानतुल्लाह ने वक्फ बोर्ड में कुल 33 भर्तियां की थी जिनमें से 32 लोगों ने नौकरी ज्वाइन की थी. इन 32 लोगों में से 22 लोग ओखला विधानसभा क्षेत्र के ही रहने वाले हैं जबकि 5 अन्य लोग अमानतुल्लाह खान के भतीजे या अन्य रिश्तेदार हैं. यानी कुल भर्ती में 27 लोग अमानतुल्लाह के करीबी हैं ऐसे में भर्ती में नियमों के उल्लंघन किए जाने की संभावना है.

ये भी पढ़ें : Cbse Board Exam: बारहवीं क्लास के भूगोल विषय का एग्जाम आज, 4 सेक्शन में होगा पेपर

नई दिल्ली: दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितता के मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल केस विधायक अमानतुल्लाह खान को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दी. अमानतुल्लाह खान को इसी मामले में एंटी करप्शन ब्रांच द्वारा दाखिल एक मुकदमे में पहले ही जमानत मिल चुकी है. अमानतुल्लाह खान पर आरोप है कि उन्होंने वर्क बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए कोविड-19 फंड का दुरुपयोग किया और अपने करीबियों को दिल्ली वर्क बोर्ड में नियमों का उल्लंघन करते हुए नियुक्तियां दिया. मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है.

राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधानसभा सदस्य (विधायक) और दिल्ली वक्फ बोर्ड (डीडब्ल्यूबी) के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान और 10 अन्य को जमानत दे दी, जिन पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया था. मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने कहा कि मामले की सुनवाई में लंबा वक्त लग सकता है ऐसे में आरोपियों को सलाखों के पीछे रखने का कोई औचित्य नहीं बनता है. सीबीआई अमानतुल्लाह के वर्क बोर्ड अध्यक्ष रहते हुए भर्तियों में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है. मामले में 23 नवंबर, 2016 को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) धारा 13(1)(डी) के तहत दर्ज की गई थी.

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अमानतुल्लाह पर आरोप है कि उन्होंने सेवानिवृत्त आईपीएस महबूब आलम को दिल्ली वर्क बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी और उनके रिश्तेदारों तथा सहयोग एवं को अलग-अलग पदों पर नियुक्त किया. सीबीआई का आरोप है कि यह नियुक्तियां अपराधिक साजिश के तहत मिलीभगत कर की गई है इस दौरान कानूनों का उल्लंघन किया गया और पद का दुरुपयोग किया गया. अमानतुल्लाह की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कहा कि सभी अभियुक्तों को झूठा फंसाया गया है और नियुक्तियों को उचित प्रक्रिया अपनाने के बाद ही पूरा किया गया. अधिवक्ता ने कहा कि मामले में उनके मुवक्किल की पार्टी को बदनाम करने के लिए साजिश अन्य मुकदमे किए गए हैं . वकील ने कोर्ट को बताया कि इस पूरे मामले में ना रिश्वत ली गई ना ही दी गई ऐसे में इसे अवैध कैसे करार दिया जाए. इससे पहले विशेष सीबीआई न्यायाधीश एमके नागपाल ने बुधवार को अमानतुल्लाह खान को शाहीन बाग में एमसीडी का बुलडोजर रोकने के मामले में कोर्ट ने राहत देते हुए आरोप मुक्त कर दिया था.

सीबीआई का आरोप है अमानतुल्लाह ने वक्फ बोर्ड में कुल 33 भर्तियां की थी जिनमें से 32 लोगों ने नौकरी ज्वाइन की थी. इन 32 लोगों में से 22 लोग ओखला विधानसभा क्षेत्र के ही रहने वाले हैं जबकि 5 अन्य लोग अमानतुल्लाह खान के भतीजे या अन्य रिश्तेदार हैं. यानी कुल भर्ती में 27 लोग अमानतुल्लाह के करीबी हैं ऐसे में भर्ती में नियमों के उल्लंघन किए जाने की संभावना है.

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