ETV Bharat / state

किरोड़ीमल कॉलेज में सतीश कौशिक की याद में 8 अप्रैल को आयोजित होगी एलुमनाई मीट

बालीवुड कलाकार व फिल्म निर्देशक सतीश कौशिक ने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की थी. किरोड़ीमल कॉलेज के ऑडिटोरियम ‘फ्रेंक ठाकुर दास मेमोरियल’ का जीर्णोद्धार उनका एक ड्रीम प्रोजेक्ट था. सतीश कौशिक की याद में एलुमनाई मीट का आयोजन कॉलेज कैंपस में करेंगे.

delhi news
किरोड़ीमल कॉलेज में प्रार्थना सभा का आयोजन
author img

By

Published : Mar 12, 2023, 1:51 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के करोलबाग से निकलकर मंडी हाउस के एनएसडी में एक्टिंग की पढ़ाई कर मुंबई में अपनी कलाकारी से एक अलग मुकाम हासिल करने वाले मशहूर कलाकार व निर्देशक सतीश कौशिक के देहांत से सिर्फ कला प्रेमी ही नहीं बल्कि, उनके साथ जिन-जिन लोगों ने समय गुजारा वह बेहद दुखी हैं. वे विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि सतीश जो अपनी कला से सबको हंसा देते थे वह अब सबसे इतना दूर चले गये है कि जहां से कोई लौटकर नहीं आते हैं.

सतीश कौशिक की याद में किरोड़ीमल कॉलेज में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य शिक्षकों ने सतीश को याद किया. इस दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल दिनेश खट्टर ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले ही सतीश से बात हुई थी. 8 अप्रैल को कॉलेज में एलुमनाई मीट में आने के लिए उन्हें आमंत्रण दिया गया था, जिस पर उन्होंने आने के लिए अपनी स्वीकृति दी थी, लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था. सतीश हम सबको छोड़ कर बहुत दूर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि सतीश से जब आखरी बार बात हुई तो उन्होंने कॉलेज के सभागार के संरक्षण कार्य के बारे में पूछा था. कॉलेज के छात्रों को सभागार नए अंदाज में मिले, यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था. यहां सतीश 1974 बैच के छात्र रहे हैं.

ये भी पढ़ें : satish kaushik death case : फार्म हाउस के मालिक की पत्नी का दावा, कहा-उसके पति ने की सतीश कौशिक की हत्या

किरोड़ीमल कॉलेज के प्रिंसिपल दिनेश खट्टर ने बताया कि हम अपने पूर्व छात्र मित्र सतीश कौशिक की याद में 8 अप्रैल को एलुमनाई मीट का आयोजन कॉलेज कैंपस में करेंगे. उन्होंने बताया कि उनका जो ड्रीम प्रोजेक्ट है उसकी शुरुवात साल 2024 में करेंगे.

क्या था सतीश का सपना

दिनेश खट्टर के अनुसार, सभागार के जीर्णोद्धार के लिए वह काफी ध्यान देते थे. उन्होंने मुझसे कहा था कि ऑडिटोरियम का नाम फ्रेंक ठाकुर दास के नाम पर रखा जाना चाहिए, जिनसे उन्होंने थिएटर सीखा था. यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था. उन्होंने यह भी कहा कि वह हर संभव सहायता प्रदान करेंगे और पूर्व छात्रों की बैठक में शामिल होने के लिए आएंगे, लेकिन ऐसा अब नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों की मदद से सभागार को पुनर्निर्मित करने की कोशिश कर रहे हैं और 2024 में कॉलेज के 70 साल पूरे होने पर इसे फिर से खोलने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें : Satish Kaushik Death Case: 5 घंटे होली खेलने के बाद किया था आराम, फिर हार्ट अटैक से हुई मौत

नई दिल्ली: दिल्ली के करोलबाग से निकलकर मंडी हाउस के एनएसडी में एक्टिंग की पढ़ाई कर मुंबई में अपनी कलाकारी से एक अलग मुकाम हासिल करने वाले मशहूर कलाकार व निर्देशक सतीश कौशिक के देहांत से सिर्फ कला प्रेमी ही नहीं बल्कि, उनके साथ जिन-जिन लोगों ने समय गुजारा वह बेहद दुखी हैं. वे विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि सतीश जो अपनी कला से सबको हंसा देते थे वह अब सबसे इतना दूर चले गये है कि जहां से कोई लौटकर नहीं आते हैं.

सतीश कौशिक की याद में किरोड़ीमल कॉलेज में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य शिक्षकों ने सतीश को याद किया. इस दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल दिनेश खट्टर ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले ही सतीश से बात हुई थी. 8 अप्रैल को कॉलेज में एलुमनाई मीट में आने के लिए उन्हें आमंत्रण दिया गया था, जिस पर उन्होंने आने के लिए अपनी स्वीकृति दी थी, लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था. सतीश हम सबको छोड़ कर बहुत दूर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि सतीश से जब आखरी बार बात हुई तो उन्होंने कॉलेज के सभागार के संरक्षण कार्य के बारे में पूछा था. कॉलेज के छात्रों को सभागार नए अंदाज में मिले, यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था. यहां सतीश 1974 बैच के छात्र रहे हैं.

ये भी पढ़ें : satish kaushik death case : फार्म हाउस के मालिक की पत्नी का दावा, कहा-उसके पति ने की सतीश कौशिक की हत्या

किरोड़ीमल कॉलेज के प्रिंसिपल दिनेश खट्टर ने बताया कि हम अपने पूर्व छात्र मित्र सतीश कौशिक की याद में 8 अप्रैल को एलुमनाई मीट का आयोजन कॉलेज कैंपस में करेंगे. उन्होंने बताया कि उनका जो ड्रीम प्रोजेक्ट है उसकी शुरुवात साल 2024 में करेंगे.

क्या था सतीश का सपना

दिनेश खट्टर के अनुसार, सभागार के जीर्णोद्धार के लिए वह काफी ध्यान देते थे. उन्होंने मुझसे कहा था कि ऑडिटोरियम का नाम फ्रेंक ठाकुर दास के नाम पर रखा जाना चाहिए, जिनसे उन्होंने थिएटर सीखा था. यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था. उन्होंने यह भी कहा कि वह हर संभव सहायता प्रदान करेंगे और पूर्व छात्रों की बैठक में शामिल होने के लिए आएंगे, लेकिन ऐसा अब नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों की मदद से सभागार को पुनर्निर्मित करने की कोशिश कर रहे हैं और 2024 में कॉलेज के 70 साल पूरे होने पर इसे फिर से खोलने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें : Satish Kaushik Death Case: 5 घंटे होली खेलने के बाद किया था आराम, फिर हार्ट अटैक से हुई मौत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.