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'कोरोना महामारी से निपटने की कैसे की गई तैयारी, सभी जिलाधिकारी तैयार करें रिपोर्ट'

दिल्ली सभी जिलाधिकारियों को कोरोना, उसकी स्थिति से निपटने के लिए उनके द्वारा शुरू किये गए उपायों का उचित दस्तावेजीकरण करने के लिए कहा गया है. लेकिन दस्तावेज तैयार करने के लिए जिलाधिकारियों को कोई समय सीमा नहीं दी गई है. यह निर्देश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दिए गए हैं.

Delhi Government
दिल्ली सरकार
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Published : Jul 13, 2020, 8:48 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना काल में सरकार को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, यह भविष्य में किसी और के काम आ सके, इसलिए तैयारियों से संबंधित सभी चीजों का दस्तावेजीकरण जरूरी है. दिल्ली सरकार ने सभी 11 जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) से अपने क्षेत्रों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए प्रभावी उपायों का दस्तावेजीकरण करने का निर्देश दिया है. इसमें कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के प्रयासों को दर्ज करना होगा.

DM से मांगी गई रिपोर्ट

संक्रमण से निपटने में आई चुनौतियों का होगा जिक्र

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे उपायों पर अमल करते हुए आने वाली कठिनाइयों का भी उल्लेख करें. कई जिलों में जांच, उपचार और निगरानी रखने के उपायों को बेहतर बनाते हुए चिकित्सा के बुनियादी ढांचे का स्तर बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं.

राधा स्वामी सत्संग व्यास कैसे बना दुनिया का सबसे बड़ा सेंटर

दक्षिणी दिल्ली जिला प्रशासन ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 10 हज़ार बेड का सरदार पटेल कोविड देखभाल केंद्र स्थापित किया है. जो कोरोना के मरीजों के लिए बनाए गए दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में शामिल है. इस केंद्र को स्थापित करने के लिए कई एजेंसियों से संपर्क किया गया. कई कठिनाइयों का सामना करते हुए इसे स्थापित किया जा सका.

खेल गांव में बने सेंटर को तैयार करने में चुनौतियों का जिक्र

इसी तरह पूर्वी दिल्ली के राष्ट्रमंडल खेल गांव में 500 बेड वाला कोविड देखभाल केंद्र बनाया गया. उत्तर पश्चिमी जिले में शकूरपुर में रेलवे कोच को रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड में बदला गया. कई जिलों में होटलों को कोविड देखभाल केंद्र में परिवर्तित किया गया. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों द्वारा किए गए ऐसे सभी उपायों का दस्तावेजीकरण करने को कहा है. ताकि भविष्य में जरुरत पड़ने पर इस प्रकार के कार्यों के विवरण का लाभ उठाया जा सकेगा.


बता दें कि दिल्ली में कोरोना महामारी के चलते संक्रमित मरीजों की संख्या सवा लाख के करीब पहुंच चुकी है. सरकार का दावा है कि अब स्थिति में सुधार हो रहा है. लेकिन पुख्ता तौर पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.

नई दिल्ली: कोरोना काल में सरकार को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, यह भविष्य में किसी और के काम आ सके, इसलिए तैयारियों से संबंधित सभी चीजों का दस्तावेजीकरण जरूरी है. दिल्ली सरकार ने सभी 11 जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) से अपने क्षेत्रों में कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए प्रभावी उपायों का दस्तावेजीकरण करने का निर्देश दिया है. इसमें कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के प्रयासों को दर्ज करना होगा.

DM से मांगी गई रिपोर्ट

संक्रमण से निपटने में आई चुनौतियों का होगा जिक्र

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे उपायों पर अमल करते हुए आने वाली कठिनाइयों का भी उल्लेख करें. कई जिलों में जांच, उपचार और निगरानी रखने के उपायों को बेहतर बनाते हुए चिकित्सा के बुनियादी ढांचे का स्तर बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं.

राधा स्वामी सत्संग व्यास कैसे बना दुनिया का सबसे बड़ा सेंटर

दक्षिणी दिल्ली जिला प्रशासन ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 10 हज़ार बेड का सरदार पटेल कोविड देखभाल केंद्र स्थापित किया है. जो कोरोना के मरीजों के लिए बनाए गए दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में शामिल है. इस केंद्र को स्थापित करने के लिए कई एजेंसियों से संपर्क किया गया. कई कठिनाइयों का सामना करते हुए इसे स्थापित किया जा सका.

खेल गांव में बने सेंटर को तैयार करने में चुनौतियों का जिक्र

इसी तरह पूर्वी दिल्ली के राष्ट्रमंडल खेल गांव में 500 बेड वाला कोविड देखभाल केंद्र बनाया गया. उत्तर पश्चिमी जिले में शकूरपुर में रेलवे कोच को रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड में बदला गया. कई जिलों में होटलों को कोविड देखभाल केंद्र में परिवर्तित किया गया. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों द्वारा किए गए ऐसे सभी उपायों का दस्तावेजीकरण करने को कहा है. ताकि भविष्य में जरुरत पड़ने पर इस प्रकार के कार्यों के विवरण का लाभ उठाया जा सकेगा.


बता दें कि दिल्ली में कोरोना महामारी के चलते संक्रमित मरीजों की संख्या सवा लाख के करीब पहुंच चुकी है. सरकार का दावा है कि अब स्थिति में सुधार हो रहा है. लेकिन पुख्ता तौर पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.

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