नई दिल्ली: दिल्ली के करोल बाग के देशबंधु गुप्ता रोड से लेकर पूसा रोड मेट्रो स्टेशन तक लगभग डेढ़ किलोमीटर तक की सड़क को पिछले 4 वर्षों से ट्रायल के रूप में ट्रैफ़िक मुक्त करने की दिशा में सौंदर्यीकरण करने का काम एमसीडी की तरफ से किया गया. स्थानीय व्यापारियों में इसको लेकर खासा रोष है. व्यापारियों का आरोप है कि बिना किसी ठोस प्लान के ही यह योजना लागू किया गया, जबकि उस वक्त भरोसा दिलाया गया था कि पहले करोल बाग में मल्टी लेबल पार्किंग बनेगी. इसके साथ ही एयरपोर्ट की तर्ज पर उपर से मार्केट को पूरी तरह से कवर किया जाएगा.
मार्केट एसोसिएशन के सेक्रेटरी संजीव कपूर ने कहा कि यह ट्रायल रनिंग थी जो कि पूरी तरह से असफल साबित हुई है. आलम यह है कि शादी व्याह की खरीदारी वाले ग्राहक जो परिवार के साथ आते थे, अब बिना पार्किंग सुविधा के यहां आने से परहेज करते हैं. इस वजह से दुकान दारी में 80 प्रतिशत की कमी आई है. लोगों के अपने खर्चे निकलना मुश्किल हो रहा है. बच्चों के स्कूल की फीस भी देना मुश्किल हो गया है.
वहीं, मार्केट के मेंबर दीपक मूलचंदानी और विनोद मोंगा ने बताया कि 2019 में जब यह स्कीम चालू हुई थी. उस वक्त एमसीडी ने सभी दुकानदारों से कनवर्जन और फिक्स चार्ज के नाम पर सात करोड़ रुपए लिए थे. नगर निगम ने पार्किंग का वादा किया था. इसके साथ ही और सुविधाओं का भी वादा किया था, जोकि आज तक भी पूरा नहीं किया गया. एमसीडी की गलत नीतियों के कारण दुकानों को हमेशा के लिए बंद करना पड़ रहा है.
पीड़ित दुकानदोरों ने कहा कि उस समय उत्तरी नगर निगम कमिश्नर वर्षा जोशी सहित तब के मेयर अवतार सिंह व स्टैंडिंग कमेटी मेंबर जय प्रकाश को भी इसकी शिकायत की थी. तब कमिश्नर रास्ते खोलने का आदेश दिया था, लेकिन नीचे के अफसरों पर थोड़ा भी इसका असर नहीं हुआ.
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