नई दिल्ली: दिल्ली में रेलवे ट्रैक के किनारे बसी 48 हजार झुग्गियों को ध्वस्त करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कांग्रेस नेता अजय माकन ने इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने दिल्ली में रह रहे झुग्गीवासियों की मौजूदा हालत के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है.
अजय माकन का कहना है कि जब केंद्र सरकार से मिले फंड और फ़्लैट बनने के बावजूद दिल्ली सरकार ने इन लोगों का पुनर्वास नहीं किया, तो आख़िर इसमें किसकी गलती हो सकती है. उन्होंने कहा कि इसका समाधान यही है कि और भी फ़्लैट बनवाए जाएं और जो फ़्लैट ख़ाली पड़े हैं, उनकी मरम्मत कराकर लोगों को दिया जाए.
'मेरे वक्त में शुरू हुई थी योजना'
ईटीवी भारत से बातचीत में अजय माकन ने कहा कि पूर्व में जब वो हाउसिंग मिनिस्टर थे, तब भी जवाहर लाल नेहरू अरबन रिन्युअल मिशन के तहत पूरे देश में ग़रीब लोगों को फ़्लैट बनाकर देने की स्कीम शुरू हुई थी. जून 2013 में दिल्ली के लिए 16 प्रोजेक्ट अप्रूव हुए और उसका पैसा सैंक्शन हुआ. इसमें 1200 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को दिए जा चुके हैं. इसके तहत पहले दिल्ली में 67,784 फ़्लैट बने थे, जो कि बाद में घटकर 55,424 हो गए.
कितने फ़्लैट बने, कितने मिले ?
माकन बताते हैं कि दिल्ली सरकार को पैसा मिलने के बाद भी महज़ 3794 फ़्लैट ऐसे हैं, जो बनाए गए और लोगों को बांटे गए. वो कहते हैं कि मौजूदा वक़्त में 35,030 फ़्लैट ख़ाली पड़े हैं, जबकि 16,600 फ़्लैट अंडर कंस्ट्रक्शन हैं. कुल मिलाकर 51,000 फ़्लैट ऐसे हैं जो कि अब तक बांटे नहीं गए हैं.
अजय माकन ने कहा-
5 किलोमीटर के दायरे में झुग्गी वासियों को बसाना सही है, लेकिन जो लोग इसके लिए पात्र हैं उनको भी फ़्लैट नहीं मिलने के लिए कौन ज़िम्मेदार है. इसमें किसी और की नहीं बल्कि दिल्ली सरकार की चूक रही है. दिल्ली सरकार की नाकामी रही है.
वो कहते हैं कि अगर सरकार चाहे तो इसका समाधान निकल सकता है. जहां पर झुग्गियां हैं, वहां की महज़ एक तिहाई ज़मीन को लेकर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाई जाए और लोगों को उसमें स्थापित किया जाए. बची ज़मीन लैंड पूलिंग के लिए एजेंसी को दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि सभी सेफ़्टी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए सरकार इस पर काम कर सकती है और ये समस्या बिलकुल नहीं रहेगी.