नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने एक शोध किया है जिसमें टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस की स्टेज पता करने के लिए जो जांच होती है उसकी रिपोर्ट को सिर्फ 30 मिनट में ही पता लगाया जा सकेगा.
टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसका उपचार तो है लेकिन देश में आज भी लोग इस बीमारी से जूझते हुए नजर आते हैं. कई बार उन्हें उपचार तक नहीं मिल पाता है. वहीं इसकी जांच के बाद मिलने वाली रिपोर्ट में करीब एक हफ्ते का समय लग जाता है. जो मरीजों के लिए एक बड़ी परेशानी खड़ी करता है.
मरीजों की इसी समस्या का समाधान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने किया है. एम्स की प्रोफेसर जया त्यागी ने बताया कि टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज तो आसान है लेकिन लोग आज भी अस्पतालों में इसका उपचार कराने से पीछे हटते हैं.
कई बार देखा गया है कि मरीजों में टीबी की स्थिति लास्ट स्टेज तक पहुंच जाती है, लेकिन इसकी जांच रिपोर्ट आने में करीब 7 से 8 दिन लग जाते हैं.
जांच के लिए बनाया गया एक डिवाइस
ऐसे में जो मरीज आपातकालीन स्थिति में है, उसके लिए जरूरी है कि तकनीकी को बढ़ाया जाए और जल्द से जल्द टीबी की जांच की रिपोर्ट को पाया जा सके और मरीज का उपचार किया जा सके.
जया त्यागी ने बताया कि टीबी की जांच के लिए एक डिवाइस बनाई गई है. जिस तरीके से डायबिटीज के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण को यूज किया जाता है. उसी तरह आगामी दिनों में टीवी के लिए भी एक ऐसा की उपकरण बनाया गया है. यह डायबटीज चेक करने वाली टेस्टिंग मशीन से अलग होता है. इसकी रिपोर्ट लैब के माध्यम से ही मिलेगी.
टीएचएसटीआई की तकनीकि से बना है ये उपकरण
आपको बता दें कि टीबी की जांच के लिए आगामी दिनों में जिस उपकरण का प्रयोग किया जाएगा उसको बनाने का श्रेय ट्रांसलेशन स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान को जाता है. जिसमें डॉक्टर तरुण शर्मा ने इसमें अहम सहभागिता निभाई है.
एम्स के साथ मिलकर इस पूरे प्रोजेक्ट को एक टीम के साथ किया गया है. उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट आगामी दिनों में टीबी के मरीजों के लिए बेहद ही लाभकारी साबित होगा.