नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) के महासचिव डॉ. राजकुमार श्रीनिवास ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर किराए के मकानों से मेडिकल कर्मचारियों और डॉक्टरों को बेदखल करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई कराई जाने की गुहार लगाई है.
डॉ. श्रीनिवास ने लिखा कि केंद्र सरकार कोविड महामारी से निपटने के लिए बहुत अच्छा काम कर रही है. लेकिन कोरोना फ्रंट वॉरियर्स डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ बहुत ही भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है. ज्यादातर हेल्थ वर्कर्स नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुड़गांव में रहते हैं. ये दिन-रात कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हैं तो उनके मन में यह बैठ गया है कि कभी थोड़ी भी लापरवाही हुई तो ये हेल्थ वर्कर्स अपने साथ कोरोना वायरस को भी ले जाएंगे और फिर पूरी सोसायटी में संक्रमण फैला देंगे. इसलिए हाउसिंग सोसाइटी वाले हेल्थ वर्कर्स के लिये नोटिस जारी कर रहे हैं कि वे सोसायटी से दूर रहें.
मकान मालिक करते गलत व्यवहार
डॉ. श्रीनिवास ने बताया कि हेल्थ वर्कर्स के लिए यह बहुत ही खराब स्थिति है. उन्होने कहा है कि देश में कई जगहों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं. हम मकान मालिकों के इस व्यवहार की निंदा करते हैं. इन घटनाओं की वजह से हम इस महामारी के मुश्किल वक्त में खुद को बेहद असहाय महसूस कर रहे हैं. चूंकि इस समय कई राज्यों में कंप्लीट लॉकडाउन की स्थितियां हैं इस वजह से भी डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ के लोगों को घर से अस्पतालों तक आने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
एक तरफ सम्मान, दूसरी तरफ अपमान
एम्स रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि एक तरफ तो भारतीय सेना, दिल्ली पुलिस, हेल्थ वर्कर्स को ग्रैंड सैलूट देकर सम्मानित करते हैं. उन्हें कोरोना योद्धा कहकर उनके हौसले को सम्मान देते हैं और दूसरी तरफ उनको अपने ही घरों में जाने से रोकते हैं. ये कैसी दोहरी मानसिकता है? उन्होंने गृहमंत्री से इस मामले में तुरंत दखल देकर हेल्थ वर्कर्स की समस्याओं का समाधान करने की मांग की हैं.