ETV Bharat / state

Fetus Grape Size Heart :एम्स के डॉक्टरों ने 90 सेकंड में भ्रूण का किया सफल ऑपरेशन, PM ने की तारीफ - भ्रूण का दिल 90 सेकंड में ठीक

एक महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के दिल को महज 90 सेकंड में ठीक किया गया है. एम्स के कार्डियोथोरेसिक साइंसेज सेंटर में अंगूर के आकार के दिल का सफल बैलून डाइलेशन किया गया है. इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और प्रसूति एवं स्त्री रोग के भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम ने इस प्रक्रिया को सफल बनाया है. इस प्रक्रिया के बाद मां और गर्भ में पल रहे बच्चे की स्थिति बेहतर है.

delhi news
90 सेकंड में अंगूर आकार के भ्रूण का ऑपरेशन
author img

By

Published : Mar 15, 2023, 6:50 AM IST

Updated : Mar 16, 2023, 8:27 PM IST

नई दिल्ली: एम्स के डॉक्टरों ने मां के गर्भ में एक बच्चे के भ्रूण के अंगूर के आकार के दिल के बंद वाल्व को खोलने में सफलता प्राप्त की है. डॉक्टरों की इस सफलता पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने भी ट्वीट कर बधाई दी है. एम्स में अंगूर के आकार के दिल का सफल बैलून डाइलेशन किया गया है. इस प्रक्रिया को अल्ट्रासाउंड मार्गदर्शन के तहत किया गया है. एम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के साथ कार्डियोलॉजी और कार्डियक एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों ने मिलकर यह प्रक्रिया पूरी की है.

वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एम्स के डॉक्टरों द्वारा एक भ्रूण के अंगूर के आकार के हार्ट के बंद वाल्व को सफलतापूर्वक खोलने को लेकर तारीफ की है. पीएम ने डॉक्टरों की तारीफ में ट्वीट कर लिखा है कि भारत के डॉक्टरों की निपुणता और नवाचार पर गर्व है.

दरअसल, एक 28 वर्षीय गर्भवती मरीज का पहले तीन बार गर्भपात हो चुका था. इस बार परेशानी होने पर उसे एम्स में भर्ती कराया गया था. जांच के बाद डॉक्टरों ने बच्चे के हार्ट के बंद वाल्व की स्थिति के बारे में माता पिता को बताया. साथ ही वाल्व खोलने के लिए अपनाई जाने वाली पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया गया. चूंकि दंपति इस गर्भ को बचाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इस प्रक्रिया के लिए डाक्टरों को अनुमति दे दी. इसके बाद एम्स के कार्डियोथोरेसिक साइंसेज सेंटर में यह प्रक्रिया पूरी की गई. इसको पूरा करने में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम भी शामिल रही. अब डॉक्टरों की टीम भ्रूण में वृद्धि की निगरानी कर रही है. डाक्टरों के अनुसार बच्चे का मां के गर्भ में होने पर कुछ प्रकार के हृदय रोगों का निदान किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें : Ground Report: वसंत कुंज में कुत्तों ने जहां दो भाइयों को मार डाला था, वहां लोगों के घरों में नहीं है शौचालय

डॉक्टर ने बताया कि हमने मां के पेट के माध्यम से बच्चे के दिल में एक सुई डाली. फिर एक गुब्बारे कैथेटर का उपयोग करके रक्त प्रवाह में सुधार के लिए बाधित वाल्व खोल दिया. अब उम्मीद है कि बच्चे का दिल बेहतर तरीके से विकसित होगा. सर्जरी करने वाले वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि इस तरह की प्रक्रिया से भ्रूण के जीवन को खतरा हो सकता है. ऐसे में इसे अत्यंत सावधानी से किया गया. इस तरह की प्रक्रिया बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि यह भ्रूण के जीवन को भी जोखिम में डाल सकती है. सभी अल्ट्रासाउंड मार्गदर्शन के तहत किया गया. आमतौर पर हम ये सभी प्रक्रियाएं एंजियोग्राफी के तहत करते हैं, लेकिन ऐसे मामले में एंजियोग्राफी नहीं हो पाती है. उन्होंने कहा कि हमने पूरी प्रक्रिया में लगने वाले समय को माप लिया था, जो कि केवल 90 सेकंड की थी.

ये भी पढ़ें : जर्मनी से 2 साल की बच्ची को वापस लाने के लिए गुजराती दंपती जगह-जगह धक्का खाने पर मजबूर

नई दिल्ली: एम्स के डॉक्टरों ने मां के गर्भ में एक बच्चे के भ्रूण के अंगूर के आकार के दिल के बंद वाल्व को खोलने में सफलता प्राप्त की है. डॉक्टरों की इस सफलता पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने भी ट्वीट कर बधाई दी है. एम्स में अंगूर के आकार के दिल का सफल बैलून डाइलेशन किया गया है. इस प्रक्रिया को अल्ट्रासाउंड मार्गदर्शन के तहत किया गया है. एम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के साथ कार्डियोलॉजी और कार्डियक एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों ने मिलकर यह प्रक्रिया पूरी की है.

वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एम्स के डॉक्टरों द्वारा एक भ्रूण के अंगूर के आकार के हार्ट के बंद वाल्व को सफलतापूर्वक खोलने को लेकर तारीफ की है. पीएम ने डॉक्टरों की तारीफ में ट्वीट कर लिखा है कि भारत के डॉक्टरों की निपुणता और नवाचार पर गर्व है.

दरअसल, एक 28 वर्षीय गर्भवती मरीज का पहले तीन बार गर्भपात हो चुका था. इस बार परेशानी होने पर उसे एम्स में भर्ती कराया गया था. जांच के बाद डॉक्टरों ने बच्चे के हार्ट के बंद वाल्व की स्थिति के बारे में माता पिता को बताया. साथ ही वाल्व खोलने के लिए अपनाई जाने वाली पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया गया. चूंकि दंपति इस गर्भ को बचाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इस प्रक्रिया के लिए डाक्टरों को अनुमति दे दी. इसके बाद एम्स के कार्डियोथोरेसिक साइंसेज सेंटर में यह प्रक्रिया पूरी की गई. इसको पूरा करने में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम भी शामिल रही. अब डॉक्टरों की टीम भ्रूण में वृद्धि की निगरानी कर रही है. डाक्टरों के अनुसार बच्चे का मां के गर्भ में होने पर कुछ प्रकार के हृदय रोगों का निदान किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें : Ground Report: वसंत कुंज में कुत्तों ने जहां दो भाइयों को मार डाला था, वहां लोगों के घरों में नहीं है शौचालय

डॉक्टर ने बताया कि हमने मां के पेट के माध्यम से बच्चे के दिल में एक सुई डाली. फिर एक गुब्बारे कैथेटर का उपयोग करके रक्त प्रवाह में सुधार के लिए बाधित वाल्व खोल दिया. अब उम्मीद है कि बच्चे का दिल बेहतर तरीके से विकसित होगा. सर्जरी करने वाले वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि इस तरह की प्रक्रिया से भ्रूण के जीवन को खतरा हो सकता है. ऐसे में इसे अत्यंत सावधानी से किया गया. इस तरह की प्रक्रिया बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि यह भ्रूण के जीवन को भी जोखिम में डाल सकती है. सभी अल्ट्रासाउंड मार्गदर्शन के तहत किया गया. आमतौर पर हम ये सभी प्रक्रियाएं एंजियोग्राफी के तहत करते हैं, लेकिन ऐसे मामले में एंजियोग्राफी नहीं हो पाती है. उन्होंने कहा कि हमने पूरी प्रक्रिया में लगने वाले समय को माप लिया था, जो कि केवल 90 सेकंड की थी.

ये भी पढ़ें : जर्मनी से 2 साल की बच्ची को वापस लाने के लिए गुजराती दंपती जगह-जगह धक्का खाने पर मजबूर

Last Updated : Mar 16, 2023, 8:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.