ETV Bharat / state

एम्स के डॉक्टर ने 10वीं मंजिल से लगाई छलांग, साथी डॉक्टरों ने व्यक्त किया दुख

एम्स के एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने छात्रावास की दसवीं मंजिल से छलांग लगा कर आत्महत्या कर ली. इसे लेकर एम्स के डॉक्टरों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी है.

25-yr-old AIIMS psychiatrist commit suicide
डॉ. अमरिंदर सिंह
author img

By

Published : Jul 11, 2020, 8:59 AM IST

नई दिल्लीः एम्स के 25 वर्षीय एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने शुक्रवार को छात्रावास की दसवीं मंजिल से छलांग लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई. डॉ. अनुराग जूनियर रेजिडेंट मनोविज्ञान विभाग के स्टूडेंट थे. वहीं इस सुसाइड को लेकर देशभर में हंगामा खड़ा हो गया है. वहीं एम्स के डॉक्टरों ने अलग-अलग तरीके से दुख व्यक्त किया है.

AIIMS हॉस्टल में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने की सुसाइड

बताया गया कि मृतक डॉक्टर मन के विज्ञान को अच्छी तरह जानते थे. दूसरे के मन की ग्रंथि को खोलकर, उन्हें अवसाद के गहरे सागर से निकालने में मदद करते थे, लेकिन खुद अवसाद के इतने गहरे सागर में जा गिरे कि खुद को ही खत्म कर लिया. उनके एक डॉक्टर मित्र पवन ने एक पोस्ट शेयर किए हैं.

एक बेहतरीन ब्रेन खो दिया

पोस्ट में उन्होंने कहा कि जो अवसाद की इतनी गहरी जानकरी रखता हो, आखिर वो खुद कैसे उसमें डूब सकता है? वहीं एम्स के कार्डियो-रेडियो विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह ने अनुराग की असामयिक निधन पर गहरा दुखा व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि डॉ. अनुराग के रूप में हमने एक बेहतरीन ब्रेन खो दिया.

उन्होंने कहा कि जो दिन-रात अवसाद ग्रस्त मरीजों को ठीक करने में लगे रहते थे, आखिरकार वह खुद भी अवसाद के शिकार हो गए. उन्होंने जो कदम उठाया, वह अपने पेशेंट को किसी भी हाल में ऐसी सलाह नहीं देते थे, लेकिन जब खुद पर आया तो युवा उम्र में ही जिंदगी से हार गए.

आत्महत्या नहीं है समाधान

डॉ. अमरिंदर सिंह ने कहा कि माहौल इन दिनों निराशा भरा हुआ है. भविष्य संवारने के लिए गलाकाट प्रतिस्पर्धा है. ऐसे माहौल में तनाव रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. लेकिन आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.

डॉ. आदर्श सिंह ने भी दुख जताया

एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉ. आदर्श सिंह ने शोक प्रकट करते हुए एक मार्मिक पोस्ट शेयर किया. उन्होंने कहा कि एम्स देश का सबसे बड़ा अस्पताल है. दुनिया के टॉप 100 में है. यहां पढ़ना हर किसी का सपना होता है, जो केवल कुछ लोगों के पूरे हो पाते हैं.

उन्होंने कहा कि अनुराग एम्स में इसी साल जनवरी महीने में जॉइन किए थे और टॉपर थे. पढ़ाई के अलावा दूसरे काम में भी वो एक्सपर्ट थे. फिर उन्हें और ज्यादा क्या चाहिए था? जाते-जाते वो सीखा गए कि आप टॉपर हो सकते हैं, लेकिन यह आपके खुश होने की गारंटी नहीं दे सकता है. असली सफलता मानसिक शांति में ही है.

नई दिल्लीः एम्स के 25 वर्षीय एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने शुक्रवार को छात्रावास की दसवीं मंजिल से छलांग लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई. डॉ. अनुराग जूनियर रेजिडेंट मनोविज्ञान विभाग के स्टूडेंट थे. वहीं इस सुसाइड को लेकर देशभर में हंगामा खड़ा हो गया है. वहीं एम्स के डॉक्टरों ने अलग-अलग तरीके से दुख व्यक्त किया है.

AIIMS हॉस्टल में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने की सुसाइड

बताया गया कि मृतक डॉक्टर मन के विज्ञान को अच्छी तरह जानते थे. दूसरे के मन की ग्रंथि को खोलकर, उन्हें अवसाद के गहरे सागर से निकालने में मदद करते थे, लेकिन खुद अवसाद के इतने गहरे सागर में जा गिरे कि खुद को ही खत्म कर लिया. उनके एक डॉक्टर मित्र पवन ने एक पोस्ट शेयर किए हैं.

एक बेहतरीन ब्रेन खो दिया

पोस्ट में उन्होंने कहा कि जो अवसाद की इतनी गहरी जानकरी रखता हो, आखिर वो खुद कैसे उसमें डूब सकता है? वहीं एम्स के कार्डियो-रेडियो विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह ने अनुराग की असामयिक निधन पर गहरा दुखा व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि डॉ. अनुराग के रूप में हमने एक बेहतरीन ब्रेन खो दिया.

उन्होंने कहा कि जो दिन-रात अवसाद ग्रस्त मरीजों को ठीक करने में लगे रहते थे, आखिरकार वह खुद भी अवसाद के शिकार हो गए. उन्होंने जो कदम उठाया, वह अपने पेशेंट को किसी भी हाल में ऐसी सलाह नहीं देते थे, लेकिन जब खुद पर आया तो युवा उम्र में ही जिंदगी से हार गए.

आत्महत्या नहीं है समाधान

डॉ. अमरिंदर सिंह ने कहा कि माहौल इन दिनों निराशा भरा हुआ है. भविष्य संवारने के लिए गलाकाट प्रतिस्पर्धा है. ऐसे माहौल में तनाव रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है. लेकिन आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.

डॉ. आदर्श सिंह ने भी दुख जताया

एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉ. आदर्श सिंह ने शोक प्रकट करते हुए एक मार्मिक पोस्ट शेयर किया. उन्होंने कहा कि एम्स देश का सबसे बड़ा अस्पताल है. दुनिया के टॉप 100 में है. यहां पढ़ना हर किसी का सपना होता है, जो केवल कुछ लोगों के पूरे हो पाते हैं.

उन्होंने कहा कि अनुराग एम्स में इसी साल जनवरी महीने में जॉइन किए थे और टॉपर थे. पढ़ाई के अलावा दूसरे काम में भी वो एक्सपर्ट थे. फिर उन्हें और ज्यादा क्या चाहिए था? जाते-जाते वो सीखा गए कि आप टॉपर हो सकते हैं, लेकिन यह आपके खुश होने की गारंटी नहीं दे सकता है. असली सफलता मानसिक शांति में ही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.