नई दिल्ली: भाजपा और कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी तीसरी ऐसी पार्टी है, जिसकी एक से अधिक राज्यों में सरकार है. 11 अप्रैल 2023 को आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला. हाल में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने चार राज्यों में चुनाव लड़ा. रविवार, 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव में हुए मतदान की गणना होगी. जिसके बाद जीत और हार के नतीजे सबके सामने होंगे. वहीं, यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस चुनाव के नतीजे उनके राष्ट्रीय विस्तार की गति को तय करेगा. ऐसे में पार्टी की निगाह चुनावी नतीजे पर टिकी है.
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 में सीटों पर चुनाव हुए, जिसमें ज्यादातर सीटों पर आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा. राजस्थान 199 में सभी सीटों पर आप चुनाव लड़ा है. छत्तीसगढ़ में सभी 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे और चुनाव लड़ा. बता दें कि वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर 85 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा था. सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. इस बार मिजोरम में 40 में से 4 सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ी है. तेलंगाना में 119 सीटों के लिए चुनाव हुए लेकिन आम आदमी पार्टी ने यहां चुनाव नहीं लड़ा.
AAP 11 साल में बनी राष्ट्रीय पार्टी: 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन हुआ. वर्ष 2013 में पहली बार आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ा और 70 में से 23 सीटों पर जीत हासिल की. तब कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाया. हालांकि, 49 दिनों के भीतर आप सरकार ने इस्तीफा दे दिया. दरअसल, पार्टी का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जन लोकपाल विधेयक को लागू करना था. AAP की सरकर इस बिल के समर्थन में अन्य राजनीतिक दलों से समर्थन जुटाने में विफल रही. इसके बाद साल 2015 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज दिल्ली में सरकार बना ली.
चुनाव आयोग ने 11 अप्रैल 2023 को आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया. दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्ज मिला. अभी आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में सरकार है. गोवा में दो विधायक हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव में भी पांच सीटें जीती.