नई दिल्लीः दिल्ली स्थित लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल में एक बच्चे की डिलीवरी को लेकर लापरवाही का मामला सामने आया है. रविवार दोपहर एक महिला ने महज छह महीने में ही एक बच्ची को जन्म दे दिया. डॉक्टरों ने डिलीवरी के बाद बच्ची को मृत घोषित कर दिया और उन्हें घर भेज दिया. जब घरवाले घर पहुंचे तो देखा कि बच्ची की सांसे चल रही थी. वे पुनः अस्पताल पहुंचे जहां बच्ची को वेंटिलेटर पर रखा गया है.
एलएनजेपी अस्पताल के एमडी सुरेश कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि रविवार को हमारे अस्पताल में महज 23 हफ्ते के भ्रूण की डिलीवरी की गई. इस भ्रूण में कोई हलचल नहीं थी. बाद में हमारे गाइनेकोलॉजी टीम ने हमें बताया कि बच्चे में हलचल पाई गई है, इसलिए उसे वेंटिलेंटर सपोर्ट पर रखा गया है. बच्चे की हालत फिलहाल स्थिर है.
-
Delhi| Yesterday a pre-term delivery happened in which an aborted foetus that was of 23 weeks was born in our hospital. There were no movements in the foetus, later gynaecology team told us there were movements so we have kept her in ventilator support: Suresh Kumar, MD, LNJP pic.twitter.com/7W9qutq6qD
— ANI (@ANI) February 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Delhi| Yesterday a pre-term delivery happened in which an aborted foetus that was of 23 weeks was born in our hospital. There were no movements in the foetus, later gynaecology team told us there were movements so we have kept her in ventilator support: Suresh Kumar, MD, LNJP pic.twitter.com/7W9qutq6qD
— ANI (@ANI) February 20, 2023Delhi| Yesterday a pre-term delivery happened in which an aborted foetus that was of 23 weeks was born in our hospital. There were no movements in the foetus, later gynaecology team told us there were movements so we have kept her in ventilator support: Suresh Kumar, MD, LNJP pic.twitter.com/7W9qutq6qD
— ANI (@ANI) February 20, 2023
उन्होंने बताया कि चूंकि इस बच्ची का जन्म समय से पहले हुआ है, इसलिए एक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम का गठन किया गया है. यह टीम इस बच्ची की देखरेख कर रही है. वहीं हमने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. हमें अगले 24 घंटे में पूरी विस्तृत रिपोर्ट मिल जाएगी. तभी आगे की कोई कार्रवाई की जा सकती है. अभी तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है.
ये भी पढ़ेंः Nikki Yadav murder case में बड़ा खुलासा, बॉडी को ठिकाने लगाने की साजिश पहले से थी तय
वहीं, घटना के बाद से परिजनों में खासा गुस्सा है. उनका आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टरों ने पूरी लापरवाही बरती है. बच्ची को एक डिब्बा में बंद कर दिया गया था, जिससे उसकी जान जा सकती थी. उनका कहना था कि इतना ही नहीं, जब बच्ची के जिंदा रहने की सूचना पुनः डॉक्टरों को दी तो उन्होंने बच्ची को फिर से देखने से साफ मना कर दिया था. बाद में वे पुलिस को इसकी जानकारी दी, तब जाकर बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
(इनपुट- ANI)
ये भी पढे़ंः MCD Mayor Election: रमेश बिधूड़ी ने आप पर साधा निशाना, कहा- केजरीवाल करते हैं नौटंकी