ETV Bharat / state

वकील अशोक अरोड़ा निलंबन मामले में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, जानें क्या-क्या हुआ

अशोक अरोड़ा की दलीलें सुनने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उनसे पूछा है कि क्या वो अपने निलंबन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज से मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. अब मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी.

advocate ashok arora suspension case hearing in delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट
author img

By

Published : Aug 21, 2020, 10:26 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव पद से निलंबित वकील अशोक अरोड़ा से पूछा है कि क्या वो अपने निलंबन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज से मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने आज अशोक अरोड़ा की दलीलें सुनने के बाद 7 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.

वकील अशोक अरोड़ा निलंबन मामले में हुई सुनवाई

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों के बीच का मामला है. अशोक अरोड़ा ने कहा कि अगर कोई भी इस मामले को कुछ दिनों में सुलझाने के लिए मध्यस्थता करता है तो उन्हें स्वीकार है. अशोक अरोड़ा ने कहा कि वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 10 दिसंबर को खत्म हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से वकील अरविंद निगम ने कहा कि इसके लिए उन्हें निर्देश लेने की जरूरत होगी.

अपमानजनक बयानों का चार्ट पेश करने का दिया था आदेश

पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने अशोक अरोड़ा को निर्देश दिया था कि वो अपने खिलाफ जारी किए गए अपमानजनक बयानों का चार्ट बनाकर पेश करें. अशोक अरोड़ा की ओर से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव पद पर उनके चुने जाने के पहले दिन से ही न केवल उनका अपमान किया जा रहा है, बल्कि उन्हें प्रताड़ित भी किया जा रहा है. अरोड़ा ने कोर्ट से कहा था कि वे काफी सक्रिय रहते हैं और उनको कहा गया कि उन्हें कार्यकारी समिति और अध्यक्ष की अनुमति से ही काम करना चाहिए.

अशोक अरोड़ा ने अपने निलंबन को दी है चुनौती

अशोक अरोड़ा ने याचिका दायर कर अपने निलंबन को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि एससीबीए की कार्यकारी समिति ने पिछले 8 मई को सचिव पद से निलंबित कर दिया था. कार्यकारी समिति ने एससीबीए के सहायक सचिव रोहित पांडे को सचिव की जिम्मेदारियों को संभालने संबंधी प्रस्ताव पारित किया था. एससीबीए ने ये फैसला अशोक अरोड़ा की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे को एससीबीए अध्यक्ष पद से हटाने और उनकी प्राथमिक सदस्यता समाप्त करने के लिए एक असाधारण बैठक बुलाई थी.

राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दफ्तर उपयोग करने का आरोप

अशोक अरोड़ा ने आरोप लगाया था कि दुष्यंत दवे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए एससीबीए के दफ्तर का उपयोग कर रहे हें. हालांकि अशोक अरोड़ा की ओर से बुलाई गई असाधारण बैठक रद्द कर दी गई थी. एससीबीए ने 7 जून के अशोक अरोड़ा को नोटिस जारी कर पूछा था कि कथित रूप से आरोप लगाने के लिए उनके खिलाफ तीन सदस्यीय समिति की एक तरफा जांच क्यों न शुरू की जाए.

पहली बैठक से ही बाधा खड़ी करने की कोशिश का आरोप

एससीबीए की कार्यकारी समिति ने अशोक अरोड़ा पर आरोप लगाया था कि समिति में शत्रुता का वातावरण पैदा करने, समिति के सामंजस्यपूर्ण कामकाज में बाधा पहुंचाना, एससीबीए के अधिकारियों के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग, एससीबीए के कोषाध्यक्ष को धमकाने, गैरकानूनी तरीके से एससीबीए की कार्यकारी समिति की बैठक बुलाना और बैठकों के मिनट्स तैयार नहीं करना शामिल है.एससीबीए ने आरोप लगाया था कि अरोड़ा ने कार्यकारी समिति की 18 दिसंबर 2019 को हुई पहली बैठक से ही विरोधी और बाधा खड़ी करने का रुख अपना रहे हैं. एक बैठक में उन्होंने एससीबीए के अध्यक्ष पर चिल्लाया था. उन्होंने एससीबीए के अध्यक्ष दुष्यंत दवे के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव पद से निलंबित वकील अशोक अरोड़ा से पूछा है कि क्या वो अपने निलंबन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज से मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने आज अशोक अरोड़ा की दलीलें सुनने के बाद 7 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.

वकील अशोक अरोड़ा निलंबन मामले में हुई सुनवाई

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों के बीच का मामला है. अशोक अरोड़ा ने कहा कि अगर कोई भी इस मामले को कुछ दिनों में सुलझाने के लिए मध्यस्थता करता है तो उन्हें स्वीकार है. अशोक अरोड़ा ने कहा कि वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 10 दिसंबर को खत्म हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से वकील अरविंद निगम ने कहा कि इसके लिए उन्हें निर्देश लेने की जरूरत होगी.

अपमानजनक बयानों का चार्ट पेश करने का दिया था आदेश

पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने अशोक अरोड़ा को निर्देश दिया था कि वो अपने खिलाफ जारी किए गए अपमानजनक बयानों का चार्ट बनाकर पेश करें. अशोक अरोड़ा की ओर से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव पद पर उनके चुने जाने के पहले दिन से ही न केवल उनका अपमान किया जा रहा है, बल्कि उन्हें प्रताड़ित भी किया जा रहा है. अरोड़ा ने कोर्ट से कहा था कि वे काफी सक्रिय रहते हैं और उनको कहा गया कि उन्हें कार्यकारी समिति और अध्यक्ष की अनुमति से ही काम करना चाहिए.

अशोक अरोड़ा ने अपने निलंबन को दी है चुनौती

अशोक अरोड़ा ने याचिका दायर कर अपने निलंबन को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि एससीबीए की कार्यकारी समिति ने पिछले 8 मई को सचिव पद से निलंबित कर दिया था. कार्यकारी समिति ने एससीबीए के सहायक सचिव रोहित पांडे को सचिव की जिम्मेदारियों को संभालने संबंधी प्रस्ताव पारित किया था. एससीबीए ने ये फैसला अशोक अरोड़ा की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे को एससीबीए अध्यक्ष पद से हटाने और उनकी प्राथमिक सदस्यता समाप्त करने के लिए एक असाधारण बैठक बुलाई थी.

राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दफ्तर उपयोग करने का आरोप

अशोक अरोड़ा ने आरोप लगाया था कि दुष्यंत दवे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए एससीबीए के दफ्तर का उपयोग कर रहे हें. हालांकि अशोक अरोड़ा की ओर से बुलाई गई असाधारण बैठक रद्द कर दी गई थी. एससीबीए ने 7 जून के अशोक अरोड़ा को नोटिस जारी कर पूछा था कि कथित रूप से आरोप लगाने के लिए उनके खिलाफ तीन सदस्यीय समिति की एक तरफा जांच क्यों न शुरू की जाए.

पहली बैठक से ही बाधा खड़ी करने की कोशिश का आरोप

एससीबीए की कार्यकारी समिति ने अशोक अरोड़ा पर आरोप लगाया था कि समिति में शत्रुता का वातावरण पैदा करने, समिति के सामंजस्यपूर्ण कामकाज में बाधा पहुंचाना, एससीबीए के अधिकारियों के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग, एससीबीए के कोषाध्यक्ष को धमकाने, गैरकानूनी तरीके से एससीबीए की कार्यकारी समिति की बैठक बुलाना और बैठकों के मिनट्स तैयार नहीं करना शामिल है.एससीबीए ने आरोप लगाया था कि अरोड़ा ने कार्यकारी समिति की 18 दिसंबर 2019 को हुई पहली बैठक से ही विरोधी और बाधा खड़ी करने का रुख अपना रहे हैं. एक बैठक में उन्होंने एससीबीए के अध्यक्ष पर चिल्लाया था. उन्होंने एससीबीए के अध्यक्ष दुष्यंत दवे के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.