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लॉकडाउन: कंटेनमेंट जोन में दिल्ली सरकार के व्हाट्सएप्प ग्रुप बने 'जीवन का आधार'

दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अब 60 क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिह्नित किया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार इन कंटेनमेंट जोन के निवासियों को सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर रही है.

Containment Zone
कंटेनमेंट जोन
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Published : Apr 17, 2020, 10:56 AM IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए किए गए देशव्यापी लाॅकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार नवीन विचार ऑपरेशन शील्ड के साथ आगे आई है. ऑपरेशन शील्ड को पहली बार दिलशाद गार्डन क्षेत्र में सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है. दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अब 60 क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिह्नित किया है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार इन कंटेनमेंट जोन के निवासियों को सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर रही है. वहीं कंटेनमेंट जोन के निवासी किसी भी आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के लिए अपने घर से बाहर नहीं जा सकते हैं. दिल्ली सरकार ने प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में रहने वाले निवासियों को भोजन, राशन, चिकित्सा आदि की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारियों की टीम गठित किया है और सभी निवासियों में उनके नंबर वितरित किए गए हैं. इसके अलावा, कंटेनमेंट जोन के अंदर एक केंद्र बनाया गया है, जहां प्रतिदिन सुबह दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति की जाती है. उस जोन के निवासी वहां आते हैं और शरीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन करते हुए सामान लेकर जा सकते हैं.

इस तरह शुरू होता है ऑपरेशन

पूर्वी दिल्ली के कुंज एक्टेंशन स्थित गली नंबर-4 में रहने वाले एक व्यक्ति में उसकी मौत के बाद कोविड-19 पॉजिटिव की होने पुष्टि हुई है. इसके बाद उनके परिवार के 6 सदस्य भी कोविड-19 से प्रभावित मिले. दिल्ली सरकार ने तुरंत पूरे क्षेत्र को सील कर दिया और इसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर वहां ऑपरेशन शील्ड शुरू कर दिया है.

Containment Zone
कंटेनमेंट जोन


जिम्मेदार अधिकारी जरूरतें पूरी करने के लिए बनाया ग्रुप

दिल्ली सरकार के नामित अधिकारी, जो उस कंटेनमेंट जोन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उन्होंने सभी निवासियों के लिए एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया है, जहां लोग अपनी जरूरतों की मांग रख सकते हैं और सरकार उन मांगोें की आपूर्ति शीघ्र सुनिश्चित कर रही है. साथ ही सरकारी अधिकारियों ने लोगों को वहां के संबंधिति अधिकारियों, राहत केंद्रों, हंगर राहत केंद्र और अन्य महत्वपूर्ण लोगों या स्थानों के संपर्क नंबर भी प्रदान किए हैं. यदि इस क्षेत्र के निवासी इन संपर्क नंबरों से मदद पाने में असमर्थ होते हैं, तो वे क्षेत्र में तैनात स्थानीय प्रभारी अधिकारी और संबंधित टीम से संपर्क कर रहे हैं और टीमें उनकी जरूरतों को तत्काल पहुंचाने का ध्यान रख रही हैं.

किशन कुंज एक्सटेंशन के नंबर-4 के नोडल अधिकारी मोहित धामा ने कहा कि दिल्ली सरकार कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों की सभी आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है. इस क्षेत्र में रहने वाले निवासियों में से किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन वे एक बनाए गए प्वाइंट तक आ सकते हैं. जहां अधिकारी 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं. हमने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है और इस क्षेत्र के सभी निवासियों को उस ग्रुप से जोड़ा जा रहा है. हमने सभी महत्वपूर्ण अधिकारियों और आवश्यक सेवा प्रदाताओं के मोबाइल नंबर को प्रदान किया है. निवासियों ने अपनी मांगों को उस वाट्सएप ग्रुप में डालना होता है और हम तुरंत सेवाओं को पहुंचाना सुनिश्चित करते हैं. अगर वे वाट्सएप पर हमसे संपर्क करने में असमर्थ हैं तो वे इस क्षेत्र की सीमा पर नामित अधिकारियों से मिल सकते हैं. हम उनकी मांगों पर ध्यान देते हैं और तुरंत स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था कराते हैं. हम संबंधित लोगों को सामान देने के बाद उन्हें सैनिटाइज और कीटाणु रहित करते हैं.


कंटेनमेंट जोन में कोरोना पीड़ितों पर विशेष ध्यान

पूर्वी जिला के अतिरिक्ति जिला मजिस्ट्रेट योगेश प्रताप सिंह ने इस कंटेनमेंट जोन के बारे में बताया कि संजीव गुप्ता किडनी की समस्या से पीड़ित थे, डायलिसिस के बाद घर वापस आ गए और उनकी मृत्यु हो गई. उनकी मृत्यु के बाद, दिल्ली सरकार ने कोविड-19 का परीक्षण किया था और रिपोर्ट पाॅजिटिव पाई गई. उसके बाद उनके परिवार के 6 सदस्य भी पाॅजिटिव पाए गए. दिल्ली सरकार ने तुरंत इस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया और इस पूरे क्षेत्र को सील कर दिया. दिल्ली सरकार ने ऐतिहातन 11 पड़ोसियों के भी परीक्षण किए हैं, जो इस परिवार के संपर्क में थे. तत्काल कार्रवाई के कारण इस क्षेत्र से कोई नए मामले नहीं हैं. 11 लोगों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है.

दिल्ली सरकार ने गुरुवार को तीन और क्षेत्रों को शामिल करते हुए कंटेनमेंट जोन की सूची को बढ़ा दिया है और अब कंटेनमेंट जोन की सूची में कुल क्षेत्रों को 60 शामिल किया गया है. आवश्यक श्रमिकों को छोड़कर किसी भी निवासी को इन क्षेत्रों में प्रवेश करने या बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. इस बीच, स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 की जांच के लिए क्षेत्र के निवासियों की डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग करेंगे.

हॉटस्पॉट क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन शील्ड’ शुरू

बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 वायरस के प्रसार से निपटने और उसे नियंत्रित करने के लिए सभी हॉटस्पॉट क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन शील्ड’ शुरू किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 अप्रैल, 2020 को इसकी घोषणा की. ऑपरेशन शील्ड एक ऐसा ऑपरेशन है, जिसे पाॅजिटिव कोरोना वायरस मामलों का पता लगाने, पहचानने और सामुदायिक फैलाव के खतरे को खत्म करने के लिए शुरू किया गया है. इस ऑपरेशन में मुख्य रूप से हॉटस्पॉट क्षेत्रों को सील करना, संदिग्ध मामलों की पहचान करना और उनसे संपर्क करना या मामलों को छुपाना, आवश्यक सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी और हल्के लक्षणों वाले लोगों की जाँच करना सुनिश्चित करना आदि शामिल है.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए किए गए देशव्यापी लाॅकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार नवीन विचार ऑपरेशन शील्ड के साथ आगे आई है. ऑपरेशन शील्ड को पहली बार दिलशाद गार्डन क्षेत्र में सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है. दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अब 60 क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिह्नित किया है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार इन कंटेनमेंट जोन के निवासियों को सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर रही है. वहीं कंटेनमेंट जोन के निवासी किसी भी आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के लिए अपने घर से बाहर नहीं जा सकते हैं. दिल्ली सरकार ने प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में रहने वाले निवासियों को भोजन, राशन, चिकित्सा आदि की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारियों की टीम गठित किया है और सभी निवासियों में उनके नंबर वितरित किए गए हैं. इसके अलावा, कंटेनमेंट जोन के अंदर एक केंद्र बनाया गया है, जहां प्रतिदिन सुबह दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति की जाती है. उस जोन के निवासी वहां आते हैं और शरीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन करते हुए सामान लेकर जा सकते हैं.

इस तरह शुरू होता है ऑपरेशन

पूर्वी दिल्ली के कुंज एक्टेंशन स्थित गली नंबर-4 में रहने वाले एक व्यक्ति में उसकी मौत के बाद कोविड-19 पॉजिटिव की होने पुष्टि हुई है. इसके बाद उनके परिवार के 6 सदस्य भी कोविड-19 से प्रभावित मिले. दिल्ली सरकार ने तुरंत पूरे क्षेत्र को सील कर दिया और इसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर वहां ऑपरेशन शील्ड शुरू कर दिया है.

Containment Zone
कंटेनमेंट जोन


जिम्मेदार अधिकारी जरूरतें पूरी करने के लिए बनाया ग्रुप

दिल्ली सरकार के नामित अधिकारी, जो उस कंटेनमेंट जोन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उन्होंने सभी निवासियों के लिए एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया है, जहां लोग अपनी जरूरतों की मांग रख सकते हैं और सरकार उन मांगोें की आपूर्ति शीघ्र सुनिश्चित कर रही है. साथ ही सरकारी अधिकारियों ने लोगों को वहां के संबंधिति अधिकारियों, राहत केंद्रों, हंगर राहत केंद्र और अन्य महत्वपूर्ण लोगों या स्थानों के संपर्क नंबर भी प्रदान किए हैं. यदि इस क्षेत्र के निवासी इन संपर्क नंबरों से मदद पाने में असमर्थ होते हैं, तो वे क्षेत्र में तैनात स्थानीय प्रभारी अधिकारी और संबंधित टीम से संपर्क कर रहे हैं और टीमें उनकी जरूरतों को तत्काल पहुंचाने का ध्यान रख रही हैं.

किशन कुंज एक्सटेंशन के नंबर-4 के नोडल अधिकारी मोहित धामा ने कहा कि दिल्ली सरकार कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों की सभी आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है. इस क्षेत्र में रहने वाले निवासियों में से किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन वे एक बनाए गए प्वाइंट तक आ सकते हैं. जहां अधिकारी 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं. हमने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है और इस क्षेत्र के सभी निवासियों को उस ग्रुप से जोड़ा जा रहा है. हमने सभी महत्वपूर्ण अधिकारियों और आवश्यक सेवा प्रदाताओं के मोबाइल नंबर को प्रदान किया है. निवासियों ने अपनी मांगों को उस वाट्सएप ग्रुप में डालना होता है और हम तुरंत सेवाओं को पहुंचाना सुनिश्चित करते हैं. अगर वे वाट्सएप पर हमसे संपर्क करने में असमर्थ हैं तो वे इस क्षेत्र की सीमा पर नामित अधिकारियों से मिल सकते हैं. हम उनकी मांगों पर ध्यान देते हैं और तुरंत स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था कराते हैं. हम संबंधित लोगों को सामान देने के बाद उन्हें सैनिटाइज और कीटाणु रहित करते हैं.


कंटेनमेंट जोन में कोरोना पीड़ितों पर विशेष ध्यान

पूर्वी जिला के अतिरिक्ति जिला मजिस्ट्रेट योगेश प्रताप सिंह ने इस कंटेनमेंट जोन के बारे में बताया कि संजीव गुप्ता किडनी की समस्या से पीड़ित थे, डायलिसिस के बाद घर वापस आ गए और उनकी मृत्यु हो गई. उनकी मृत्यु के बाद, दिल्ली सरकार ने कोविड-19 का परीक्षण किया था और रिपोर्ट पाॅजिटिव पाई गई. उसके बाद उनके परिवार के 6 सदस्य भी पाॅजिटिव पाए गए. दिल्ली सरकार ने तुरंत इस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया और इस पूरे क्षेत्र को सील कर दिया. दिल्ली सरकार ने ऐतिहातन 11 पड़ोसियों के भी परीक्षण किए हैं, जो इस परिवार के संपर्क में थे. तत्काल कार्रवाई के कारण इस क्षेत्र से कोई नए मामले नहीं हैं. 11 लोगों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है.

दिल्ली सरकार ने गुरुवार को तीन और क्षेत्रों को शामिल करते हुए कंटेनमेंट जोन की सूची को बढ़ा दिया है और अब कंटेनमेंट जोन की सूची में कुल क्षेत्रों को 60 शामिल किया गया है. आवश्यक श्रमिकों को छोड़कर किसी भी निवासी को इन क्षेत्रों में प्रवेश करने या बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. इस बीच, स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 की जांच के लिए क्षेत्र के निवासियों की डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग करेंगे.

हॉटस्पॉट क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन शील्ड’ शुरू

बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 वायरस के प्रसार से निपटने और उसे नियंत्रित करने के लिए सभी हॉटस्पॉट क्षेत्रों में ‘ऑपरेशन शील्ड’ शुरू किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 9 अप्रैल, 2020 को इसकी घोषणा की. ऑपरेशन शील्ड एक ऐसा ऑपरेशन है, जिसे पाॅजिटिव कोरोना वायरस मामलों का पता लगाने, पहचानने और सामुदायिक फैलाव के खतरे को खत्म करने के लिए शुरू किया गया है. इस ऑपरेशन में मुख्य रूप से हॉटस्पॉट क्षेत्रों को सील करना, संदिग्ध मामलों की पहचान करना और उनसे संपर्क करना या मामलों को छुपाना, आवश्यक सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी और हल्के लक्षणों वाले लोगों की जाँच करना सुनिश्चित करना आदि शामिल है.

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