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गीतिका शर्मा सुसाइड केस: कोर्ट में पेश नहीं हुए एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन

गीतिका सुसाइड केस में एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन कोर्ट में पेश नहीं हुए. इस मामले में अब दिल्ली पुलिस का रेगुलर वकील ही केस की पैरवी करेगा.

गीतिका शर्मा सुसाइड केस etv bharat
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Published : Oct 11, 2019, 5:48 PM IST

नई दिल्ली: 2012 के चर्चित गीतिका सुसाइड केस में दिल्ली सरकार के स्पेशल सेक्रेटरी (होम) और एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश नहीं हुए. राजीव ने कोर्ट से व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस का रेगुलर वकील ही केस की पैरवी करेगा. 4 अक्टूबर को स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने दिल्ली सरकार के एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन को तलब किया था.

ये है मामला

केस 2012 का है. अभियोजन पक्ष के वकील की गैरहाजिरी से लंबित पड़ा हुआ है. दरअसल 4 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के अभियोजन के डायरेक्टर सुरेश चंद्रा ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर की नियुक्ति हो चुकी है, इसलिए वे इस केस के लिए प्रोसिक्युटर नियुक्त नहीं कर सकते हैं.

सरकारी सेवा से त्याग पत्र दे चुके हैं राजीव मोहन

सुरेश चंद्रा ने बताया था कि इस केस के शुरुआती जांच अधिकारी राजीव रंजन जो इस समय एडिशनल डीसीपी हैं. उन्होंने स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर की नियुक्ति का आग्रह किया था. जिसके बाद उप-राज्यपाल ने वकील राजीव मोहन को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर नियुक्त किया है. सुरेश चंद्रा ने बताया कि राजीव मोहन की नियुक्ति के समय वे दिल्ली सरकार के अभियोजन निदेशालय में एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्युटर थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया और निजी प्रैक्टिस शुरू की.

4 अक्टूबर को भी नहीं थे विशेष अधिवक्ता

सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने कहा था कि उन्होंने इस बात की सूचना राजीव रंजन को दी थी. अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर के नहीं आने की वजह से 3 अक्टूबर को तीन गवाह बिना क्रॉस-एग्जामिनेशन के ही चले गए. 4 अक्टूबर को भी सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर नहीं थे. 4 अक्टूबर को हैदराबाद से फोरेंसिक लेबोरेटरी के असिस्टेंट डायरेक्टर अपनी गवाही के लिए पहुंचे थे, लेकिन स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर मौजूद नहीं थे. इससे नाराज कोर्ट ने एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन को तलब करने का आदेश दिया था.

गीतिका शर्मा सुसाइड केस

बता दें कि गीतिका शर्मा पूर्व मंत्री गोपाल कांडा के एमडीएलआर एयरलाइंस में काम करती थी और उसने पांच अगस्त, 2012 को अशोक विहार स्थित अपने निवास पर आत्महत्या कर ली थी. उसने सुसाइड नोट में कांडा और उसके सहयोगी अरुणा चड्ढा पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए खुदकुशी के लिए जिम्मेदार बताया था.

नई दिल्ली: 2012 के चर्चित गीतिका सुसाइड केस में दिल्ली सरकार के स्पेशल सेक्रेटरी (होम) और एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश नहीं हुए. राजीव ने कोर्ट से व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस का रेगुलर वकील ही केस की पैरवी करेगा. 4 अक्टूबर को स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने दिल्ली सरकार के एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन को तलब किया था.

ये है मामला

केस 2012 का है. अभियोजन पक्ष के वकील की गैरहाजिरी से लंबित पड़ा हुआ है. दरअसल 4 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के अभियोजन के डायरेक्टर सुरेश चंद्रा ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर की नियुक्ति हो चुकी है, इसलिए वे इस केस के लिए प्रोसिक्युटर नियुक्त नहीं कर सकते हैं.

सरकारी सेवा से त्याग पत्र दे चुके हैं राजीव मोहन

सुरेश चंद्रा ने बताया था कि इस केस के शुरुआती जांच अधिकारी राजीव रंजन जो इस समय एडिशनल डीसीपी हैं. उन्होंने स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर की नियुक्ति का आग्रह किया था. जिसके बाद उप-राज्यपाल ने वकील राजीव मोहन को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर नियुक्त किया है. सुरेश चंद्रा ने बताया कि राजीव मोहन की नियुक्ति के समय वे दिल्ली सरकार के अभियोजन निदेशालय में एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्युटर थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया और निजी प्रैक्टिस शुरू की.

4 अक्टूबर को भी नहीं थे विशेष अधिवक्ता

सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने कहा था कि उन्होंने इस बात की सूचना राजीव रंजन को दी थी. अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर के नहीं आने की वजह से 3 अक्टूबर को तीन गवाह बिना क्रॉस-एग्जामिनेशन के ही चले गए. 4 अक्टूबर को भी सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर नहीं थे. 4 अक्टूबर को हैदराबाद से फोरेंसिक लेबोरेटरी के असिस्टेंट डायरेक्टर अपनी गवाही के लिए पहुंचे थे, लेकिन स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर मौजूद नहीं थे. इससे नाराज कोर्ट ने एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन को तलब करने का आदेश दिया था.

गीतिका शर्मा सुसाइड केस

बता दें कि गीतिका शर्मा पूर्व मंत्री गोपाल कांडा के एमडीएलआर एयरलाइंस में काम करती थी और उसने पांच अगस्त, 2012 को अशोक विहार स्थित अपने निवास पर आत्महत्या कर ली थी. उसने सुसाइड नोट में कांडा और उसके सहयोगी अरुणा चड्ढा पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए खुदकुशी के लिए जिम्मेदार बताया था.

Intro:नई दिल्ली । 2012 के चर्चित गीतिका खुदकुशी मामले में दिल्ली सरकार के स्पेशल सेक्रेटरी (होम) और एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश नहीं हुए। राजीव रंजन ने कोर्ट से व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की। अब इस मामले में दिल्ली पुलिस का रेगुलर वकील ही केस की पैरवी करेगा।
पिछले 4 अक्टूबर को स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने दिल्ली सरकार के स्पेशल सेक्रेटरी (होम) और एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन को तलब किया था। 



Body:ये मामला 2012 का है और अभियोजन पक्ष के वकील की गैरहाजिरी से लंबित पड़ा हुआ है। दरअसल 4 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के अभियोजन के डायरेक्टर सुरेश चंद्रा ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर की नियुक्ति हो चुकी है इसलिए वे इस केस के लिए प्रोसिक्युटर नियुक्त नहीं कर सकते हैं। सुरेश चंद्रा ने बताया था कि इस केस के शुरुआती जांच अधिकारी राजीव रंजन जो इस समय एडिशनल डीसीपी हैं, ने स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर की नियुक्ति का आग्रह किया था जिसके बाद उप-राज्यपाल ने वकील राजीव मोहन को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर नियुक्त किया है। सुरेश चंद्रा ने बताया कि राजीव मोहन की नियुक्ति के समय वे दिल्ली सरकार के अभियोजन निदेशालय में एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्युटर थे। लेकिन उसके बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया और निजी प्रैक्टिस शुरु की।
सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने कहा था कि उन्होंने इस बात की सूचना राजीव रंजन को दी थी। अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर के नहीं आने की वजह से 3 अक्टूबर को तीन गवाह बिना क्रास-एग्जामिनेशन के ही चले गए। 4 अक्टूबर को भी सुनवाई के दौरान भी स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर नहीं थे। 4 अक्टूबर को हैदराबाद से फोरेंसिक लेबोरेटरी के असिस्टेंट डायरेक्टर अपनी गवाही के लिए पहुंचे थे लेकिन स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर मौजूद नहीं थे। इससे नाराज कोर्ट ने एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन को तलब करने का आदेश दिया था।
मामला 5 अगस्त 2012 का है। दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने फ्लैट में 23 साल की गीतिका शर्मा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। गीतिका शर्मा अपने घर में लगे पंखे में फंदा डालकर झूल गई थी। गीतिका एमडीएलआर एयरलाइंस की पूर्व डायरेक्टर थी। यह एयरलाइंस अब बंद हो चुकी है। अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने अपनी मौत के लिए हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और एमडीएलआर की मैनेजर अरुणा चढ्डा को जिम्मेदार ठहराया। गीतिका के घरवालों ने भी इस खुदकुशी के लिए एमडीएलआर एयरलाइंस के मालिक गोपाल गोयल कांडा को आरोपी ठहराया था।



Conclusion:पुलिस के मुताबिक उसके पास अनेक इलेक्ट्रानिक डेटा, मेल, कॉल का ब्यौरा और दूसरे दस्तावेज हैं जो साबित करते हैं कि कांडा और अरुणा चढ्डा ने गीतिका को खुदकुशी के लिए उकसाया। गोपाल कांडा हरियाणा के हिसार से विधानसभा का चुनाव लड़ रहा है।
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