नई दिल्लीः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का नागपुर में 66वां राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ. वहीं इस दौरान 4 प्रस्ताव पारित किए गए. प्रस्ताव के बारे में बताते हुए एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि पारित प्रस्ताव में पहला प्रस्ताव राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शीघ्र क्रियान्वयन रहा, तो वहीं दूसरा प्रस्ताव आत्मनिर्भरता से समृद्धि की ओर अग्रसर भारत को लेकर है. तीसरा प्रस्ताव विशिष्ट संस्कृति व जीवन पद्धति के द्वारा कोरोना वायरस से विजय पाते भारत को लेकर है. वहीं चौथा प्रस्ताव राष्ट्रीय परिवेश को लेकर रहा.
चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय खोलने की मांग
वहीं निधि त्रिपाठी ने बताया कि आने वाले समय में एबीवीपी पूरे देश में तीन मुद्दों को लेकर अभियान चलाने वाली है, जिसमें पहला मुद्दा होगा उच्च शैक्षणिक संस्थानों को फेस वाइस खोलना. उन्होंने कहा कि एबीवीपी मांग करेगी कि कोविड संबंधी सावधानी को ध्यान में रखते हुए उच्च शैक्षिक संस्थान खोले जाएं.
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वहीं स्कॉलरशिप की अनियमितता को दूर करने और समय के अनुसार स्कॉलरशिप जारी करने के साथ ही उसकी धनराशि बढ़ाने को लेकर भी एबीवीपी अभियान चलाएगी. इसके अलावा जिन शैक्षिक संस्थानों ने कोविड 19 के काल में भी फीस बढ़ोतरी की है, उन्हें न्यायोचित तरीके से फीस वापस लेने को लेकर अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन मांगों को यदि सरकार ने नहीं माना तो एबीवीपी आंदोलन की दिशा में आगे बढ़ेगी.