नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के युवा कम उम्र में ही आदतन अपराधी बन रहे हैं. अब इसे प्रशासनिक लापरवाही कहें या सरकार की उदासीनता लेकिन ऐसे सैकड़ों बच्चों की जानकारी पुलिस को पहले ही पता लग गई थी. लेकिन उन बच्चों को सही रास्ता नहीं मिल सका. जिससे बच्चे बड़े होकर अब आदतन अपराधी बन गए हैं.
दिल्ली पुलिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक हर साल राजधानी दिल्ली में 70 से ज्यादा नाबालिग बड़े होकर अपराधी बन रहे हैं. 200 से ज्यादा बच्चे अभी भी अपनी पुरानी आदतों से नहीं सुधरे हैं. अब पुलिस अधिकारियों को इन ट्रेड पर लगाम लगाने के लिए कहा गया है जिससे नाबालिग बच्चे अपराध की दुनिया छोड़ सकें.
नाबालिग रहने के दौरान किया था अपराध
दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर महीने में दिल्ली पुलिस की मेट्रो यूनिट ने ऐसे 30 अपराधियों की पहचान की थी. जिन्होंने नाबालिग रहने के दौरान भी अपराध किया था और उन्हें पुलिस ने पकड़ा था. उत्तर पश्चिमी और शाहदरा जिले में ऐसे बदमाशों की संख्या 25 और 20 है. यह सभी अपराधी अपने बाल्यावस्था में भी छोटे-मोटे अपराधों में शामिल रहे हैं और बड़े होकर आदतन अपराधी बन बैठे.
नाबालिगों को दी जाती है ट्रेनिंग
नाबालिग बच्चे हमेशा से गैंगस्टर के लिए आसान टारगेट रहे हैं. उन्हें बेहतर लाइफस्टाइल का प्रलोभन देकर आसानी से फंसाया जा सकता है. ज्यादातर क्रिमिनल्स गैंग नाबालिगों को अपने साथ शामिल करते हैं फिर चाहे वह स्ट्रीट क्राइम का मामला हो या गैंगवार का. गैंग में शामिल करने से पहले नाबालिगों को ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही उन्हें इस बात का भरोसा भी दिलाया जाता है कि नाबालिग होने के कारण पुलिस उन पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी.
सही रास्ते पर लाती है पुलिस
नाबालिगों के बढ़ते अपराध और पुलिस द्वारा किए जा रहे उपायों के संबंध में पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी दीपक यादव ने बताया कि पुलिस ऐसे सभी मामलों में कार्रवाई करती है. अक्सर यह देखने में आता है कि नाबालिग नशे की लत के कारण अपराध करते हैं. ऐसे मामलों में नाबालिगों का नशा छुड़ाने के लिए उन्हें नशा मुक्ति केंद्र तक में भर्ती कराया जाता है. साथ ही नाबालिगों के रोजगार के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली के विभिन्न इलाकों में ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं जहां नाबालिगों को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाता है.