नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने निगम के फंड से जुड़े मामले को लेकर हाईकोर्ट में एक PIL डाली थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और तीनों नगर निगम को फंड से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. इस पूरे मामले पर अभिषेक दत्त का कहना है कि जब कोई रास्ता नहीं बचा तो हमने कोर्ट का सहारा लिया.
'कोर्ट ने तीनों निगम और दिल्ली सरकार को दिए निर्देश'
अभिषेक दत्त ने बताया कि पीआईएल डालने के पीछे कई वजह हैं. पिछले कई महीने से निगम के कर्मचारी अपनी सैलरी को लेकर धरने पर बैठे हैं. बारिश, कड़ाके की ठंड में कोरोना वारियर हड़ताल कर रहे हैं क्योंकि नगर निगम और दिल्ली सरकार उनका बकाया वेतन नहीं दे रही है. इसलिए हमने कोर्ट से अपील की कि हमें यह बताया जाए कि दिल्ली सरकार ने निगम पर कितना पैसा कलेक्ट किया है और कितना पैसा उन्होंने नगर निगम को दिया है. अगर वह पैसा नगर निगम को दिया गया है तो कहां है. क्यों हम अपने कर्मचारियों को समय से सैलरी नहीं दे पा रहे. किसके साइड से गलती है यह हलफनामा के जरिए हमें बताया जाए. इस मामले पर कोर्ट ने हमारी पीआईएल को स्वीकार किया है और तीनों नगर निगम और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि हमें इसका जवाब दें.
'निगम कर्मचारी भुगत रहे खामियाजा'
अभिषेक दत्त ने कहा कि भाजपा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सोच की गलती है. चुनावी माहौल पार्टियां सैलरी के सहारे नहीं कर सकतीं. दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर गलती का आरोप लगा रही हैं. इसका खामियाजा दिल्ली नगर निगम के हजारों कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है.
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'अभी तक नहीं पहुंचे पैसे, किस माध्यम से किए ट्रांसफर'
दिल्ली सरकार द्वारा जारी 938 करोड़ रुपये से जुड़े सवाल के जवाब में अभिषेक दत्त ने कहा कि पता नहीं दिल्ली सरकार ने किस माध्यम से पैसे जारी किए हैं कि वह अभी तक नहीं पहुंचे. गुरुवार की सुबह तक पैसे निगम के खाते में नहीं पहुंचे. मैं आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता से यह कहना चाहता हूं कि वह सब को बताएं कि दिल्ली सरकार ने किस माध्यम से यह पैसे ट्रांसफर किए हैं.