नई दिल्ली: दिल्ली में बाढ़ के आने से जो बदइंतजामी हुई है, इसको लेकर दिल्ली सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है. इसी कड़ी में अब मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर मुख्य सचिव, डिवीजनल कमिश्नर और फ्लड कंट्रोल सचिव पर कार्रवाई की मांग की है.
एलजी को लिखे पत्र में भारद्वाज ने आईटीओ के पास जल बोर्ड का रेगुलेटर टूटने और मरम्मत से जुड़े घटनाक्रम का जिक्र किया है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए तैनात डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार और मुख्य सचिव नरेश कुमार को गुरुवार रात से बार-बार आईटीओ स्थित ट्रेन नंबर 12 के रेगुलेटर क्षतिग्रस्त होने की जानकारी दी गई. इस पर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम रात भर काम करती रही. उन्होंने खुद रात 11:09 बजे व्हाट्सएप ग्रुप पर खासतौर पर अश्वनी कुमार को लिखा कि वह तुरंत एनडीआरएफ की टीम को वहां पर बुलाएं. क्योंकि एनडीआरएफ की टीम उसे बेहतर तरीके से बना सकती है और सिंचाई विभाग की मदद कर सकती है. लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की.
अधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना हरकत: सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उसी व्हाट्सएप ग्रुप पर टूटे हुए रेगुलेटर के विषय में कई जानकारियां साझा की गई. उस समय डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सोनिका ने कहा कि वे अपनी टीम के साथ मौके पर मौजूद है. जबकि यह सही नहीं था, जोकि गैर जिम्मेदाराना बात है. उस व्हाट्सएप ग्रुप में मुख्य सचिव नरेश कुमार, डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी हैं. इस संबंध में राजस्व मंत्री ने कहा कि आर्मी की कोई इंजीनियरिंग टीम मौके पर बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की मदद कर सकती है. हैरानी की बात है कि दो मंत्रियों के लगातार निर्देशों के बावजूद ना तो डिवीजनल कमिश्नर ने एनडीआरएफ या आर्मी को बुलाया और ना ही मुख्य सचिव ने बुलाया.
दिल्ली सरकार को बदनाम करने की साजिश: भारद्वाज ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर मुख्य सचिव, डिवीजनल कमिश्नर और फ्लड कंट्रोल सचिव पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि आपातकाल के समय भी मंत्रियों के निर्देशों को आईएएस अधिकारी नजर अंदाज करेंगे, तो सरकार किस तरीके से एक राज्य को चला सकती है? क्या यख अराजक नहीं है, यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है.