नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में मेयर का चुनाव समय से कराए जाने को लेकर दायर आम आदमी पार्टी की याचिका को स्वीकार कर लिया है. इस पर आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर तीन फरवरी को सुनवाई करेगा. एमसीडी में आम आदमी पार्टी की मेयर कैंडिडेट शैली ओबेरॉय ने याचिका दायर किया था, जिसमें दिल्ली में मेयर चुनाव समयबद्ध तरीके से कराने के निर्देश देने की मांग की गई थी.
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने वीडियो जारी कर कहा, "हम हाथ जोड़कर सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं. हम आम आदमी पार्टी की तरफ से अपील करते हैं कि दिल्ली में मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमिटी का चुनाव जल्द-से-जल्द कराए जाने चाहिए. साथ ही एल्डरमैन जो कि एक नॉमिनेटेड पार्षद होते हैं, उन्हें वोट करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए. यह न सिर्फ संविधान में बल्कि डीएमसी एक्ट में भी लिखा है कि नॉमिनेटेड पार्षद वोट नहीं कर सकते." उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट इसलिए पहुंचे ताकि हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जितना जल्दी हो चुनाव कराए जाने को लेकर उपराज्यपाल और केंद्र सरकार को निर्देश दे.
भारद्वाज ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह लालच और बेइमानी कर एमसीडी को अपने कंट्रोल में रखना चाहती है. वहीं अब यह स्पष्ट है कि आम आदमी पार्टी चाहती है कि मेयर का चुनाव जितना जल्दी हो कराया जाना चाहिए, क्योंकि दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को बहुमत दी है. बीजेपी बेइमानी कर एमसीडी को हथियाना चाहती है. उन्होंने कहा कि मार्च 2022 से बीजेपी एमसीडी को कभी परिसीमन तो कभी चुनाव को लेकर अपने नियंत्रण में रख रही है. जब सदन की कार्यवाही बुलाई गई तो बीजेपी ने कई बहाने बनाकर चुनाव की प्रक्रिया को रोक दी.
दो बार सदन की कार्यवाही हुई स्थगितः बता दें, MCD के नवनिर्वाचित सदन की पहली बैठक छह जनवरी को हुई थी, जिसमें AAP और भाजपा सदस्यों के हंगामे के बीच सदन स्थगित कर दी गई थी. उसके बाद दूसरी बैठक 24 जनवरी को बुलाई गई, जिसमें नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ हो सका लेकिन मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमिटी के सदस्यों का चुनाव नहीं हो सका. दिसंबर में हुए MCD चुनाव में AAP ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत दर्ज की थी. भाजपा 104 वार्ड जीतने में सफल रही.