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AAP का गंभीर आरोप- MCD ने वृद्धाश्रम बनाने के नाम पर गटके 10 करोड़

दिल्ली नगर निगम (MCD) को लेकर BJP और AAP आमने-सामने है. आप विधायक दुर्गेश पाठक ने वृद्धाश्रम बनाने के नाम पर 10 करोड़ रुपए गबन का गंभीर आरोप लगाया है. साथ में उन्होंने एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट का हवाला दिया है.

आप विधायक दुर्गेश पाठक
आप विधायक दुर्गेश पाठक
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Published : Oct 21, 2022, 6:41 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित MCD पर वृद्धाश्रम बनाने के नाम पर 10 करोड़ रुपए गटकने का आरोप लगाया है. ‘आप’ विधायक और MCD प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. वृद्धाश्रम बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है, बावजूद इसके एमसीडी ने गैर-कानूनी तरीके से इमारत बनवाई. मैं पूछना चाहता हूं कि जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी, उसके लिए एमसीडी ने पैसा कैसे जारी किया. सामुदायिक विभाग और एमसीडी के कई अधिकारियों ने वृद्धाश्रम पर विरोध जताया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई.

उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम बनाया गया, लेकिन कभी उपयोग में नहीं लाया गया. मात्र 6-7 साल पुरानी इमारत गिरने को है. अब एमसीडी वृद्धाश्रम की इमारत कम्यूनिटी सेंटर वालों को देने की बात कर रही है. इस मामले की जांच की मांग करता हूं. मुझे विश्वास है कि सही से जांच होने पर भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ेगा.

यह भी पढ़ेंः दिसंबर मध्य में हो सकता है दिल्ली नगर निगम का चुनाव

पार्षद ने लिखा था पत्रः ऑडिट रिपोर्ट पेश करते हुए पाठक ने कहा कि कुछ साल पहले एक पार्षद ने एमसीडी को लिखकर दिया कि एक वृद्धाश्रम बनना चाहिए. इन्होंने वृद्धाश्रम बनाने के लिए 10 करोड़ रुपए पास कर दिए. वृद्धाश्रम बनने का काम शुरू हो गया, लेकिन सच्चाई यह है कि माता-पिता, नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 की धारा 19 के अनुसार वृद्धाश्रम बनाना, उसे चलाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.

यह भी पढ़ेंः एमसीडी ने आम आदमी पार्टी के आरोपों को नकारा

बताया कि इसे आप ऐसे देख सकते हैं कि एमसीडी ने जल बोर्ड का काम कर दिया या फिर यह कहें कि काम के नाम पर पैसा निकाला. इन्होंने एक ऐसी इमारत के नाम पर 10 करोड़ रुपए पास करवा लिए, जो यह बनवा ही नहीं सकते थे. मैं पूछना चाहता हूं कि जब इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी तो एमसीडी ने इसके लिए पैसा कैसे जारी किया. सामुदायिक विभाग यहां तक कि एमसीडी के कई अधिकारियों ने विरोध जताया कि आप यहां पैसा नहीं लगा सकते हैं, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई.

जांच होनी चाहिएः उन्होंने कहा कि अब यह लोग कम्युनिटी सेंटर वालों से कह रहे हैं कि इसको कम्युनिटी सेंटर बनाकर चलाओ. 10 करोड़ रुपए जो दिल्ली वालों का पैसा था, हम सब्जी, साबुन, आटा, दाल खरीदते हैं, उस पर जो टैक्स देते हैं उसके पैसे से इन्होंने इमारत बनाई. जिसको आज कोई पूछ तक नहीं रहा है. इमारत को बने हुए केवल 6-7 सालों का वक्त हुआ है, लेकिन खस्ता हालत होने के कारण इमारत गिरने को है. भाजपा के नेताओं ने यह 10 करोड़ चोरी किए और खा लिए. यह पूरा प्रॉजेक्ट ही गैरकानूनी था. हम इस मामले की जांच की मांग करते हैं. यदि इसकी सही से जांच हुई तो मुझे विश्वास है कि भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ेगा.

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित MCD पर वृद्धाश्रम बनाने के नाम पर 10 करोड़ रुपए गटकने का आरोप लगाया है. ‘आप’ विधायक और MCD प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि एमसीडी की ऑडिट रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. वृद्धाश्रम बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है, बावजूद इसके एमसीडी ने गैर-कानूनी तरीके से इमारत बनवाई. मैं पूछना चाहता हूं कि जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी, उसके लिए एमसीडी ने पैसा कैसे जारी किया. सामुदायिक विभाग और एमसीडी के कई अधिकारियों ने वृद्धाश्रम पर विरोध जताया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई.

उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम बनाया गया, लेकिन कभी उपयोग में नहीं लाया गया. मात्र 6-7 साल पुरानी इमारत गिरने को है. अब एमसीडी वृद्धाश्रम की इमारत कम्यूनिटी सेंटर वालों को देने की बात कर रही है. इस मामले की जांच की मांग करता हूं. मुझे विश्वास है कि सही से जांच होने पर भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ेगा.

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पार्षद ने लिखा था पत्रः ऑडिट रिपोर्ट पेश करते हुए पाठक ने कहा कि कुछ साल पहले एक पार्षद ने एमसीडी को लिखकर दिया कि एक वृद्धाश्रम बनना चाहिए. इन्होंने वृद्धाश्रम बनाने के लिए 10 करोड़ रुपए पास कर दिए. वृद्धाश्रम बनने का काम शुरू हो गया, लेकिन सच्चाई यह है कि माता-पिता, नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 की धारा 19 के अनुसार वृद्धाश्रम बनाना, उसे चलाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.

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बताया कि इसे आप ऐसे देख सकते हैं कि एमसीडी ने जल बोर्ड का काम कर दिया या फिर यह कहें कि काम के नाम पर पैसा निकाला. इन्होंने एक ऐसी इमारत के नाम पर 10 करोड़ रुपए पास करवा लिए, जो यह बनवा ही नहीं सकते थे. मैं पूछना चाहता हूं कि जब इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी तो एमसीडी ने इसके लिए पैसा कैसे जारी किया. सामुदायिक विभाग यहां तक कि एमसीडी के कई अधिकारियों ने विरोध जताया कि आप यहां पैसा नहीं लगा सकते हैं, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई.

जांच होनी चाहिएः उन्होंने कहा कि अब यह लोग कम्युनिटी सेंटर वालों से कह रहे हैं कि इसको कम्युनिटी सेंटर बनाकर चलाओ. 10 करोड़ रुपए जो दिल्ली वालों का पैसा था, हम सब्जी, साबुन, आटा, दाल खरीदते हैं, उस पर जो टैक्स देते हैं उसके पैसे से इन्होंने इमारत बनाई. जिसको आज कोई पूछ तक नहीं रहा है. इमारत को बने हुए केवल 6-7 सालों का वक्त हुआ है, लेकिन खस्ता हालत होने के कारण इमारत गिरने को है. भाजपा के नेताओं ने यह 10 करोड़ चोरी किए और खा लिए. यह पूरा प्रॉजेक्ट ही गैरकानूनी था. हम इस मामले की जांच की मांग करते हैं. यदि इसकी सही से जांच हुई तो मुझे विश्वास है कि भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ेगा.

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