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हम दिल्ली को तेलंगाना नहीं होने देंगे- AAP

नई दिल्ली: मतदाता सूची से नाम काटे जाने का मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, इसपर सियासी शोर बढ़ता जा रहा है. बुधवार को कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी तीनों दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की.

हम दिल्ली को तेलंगाना नहीं होने देंगे- AAP
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Published : Feb 13, 2019, 8:55 PM IST

दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बुधवार को तीनों प्रमुख दलों के नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में मतदाता सूची से नाम काटे जाने को लेकर हाल में मचे सियासी बवाल पर चर्चा हुई. इस बैठक से इतर आम आदमी पार्टी ने अलग से चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह से मुलाकात भी की और इस पूरे प्रकरण पर अपना पक्ष रखा.

सुभाष सचदेवा

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'हम दिल्ली को तेलांगना नहीं होने देंगे'
आम आदमी पार्टी की तरफ से विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज, पूर्वी दिल्ली लोकसभा प्रभारी आतिशी और दक्षिणी दिल्ली प्रभारी राघव चड्ढा इस बैठक में शामिल हुए. मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में राघव चड्ढा ने बताया कि हमने पूरे जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले सकते हैं, यह 30 लाख लोगों के मतदाता सूची से नाम कटने का मुद्दा है. उन्होंने यह भी कहा कि हम दिल्ली को तेलांगना नहीं होने देंगे.
एक तरफ राघव चड्ढा मतदाता सूची में नाम कटने और इसमें भाजपा की मिलिभगत का आरोप लगा रहे थे, वहीं भाजपा ने उनके इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. चुनाव अधिकारी से मीटिंग के बाद बाहर निकले भाजपा विधायक सुभाष सचदेवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी के लोग झूठा आरोप लगा रहे हैं.


कांग्रेस के नेता ने नहीं रखा कोई पक्ष
सुभाष सचदेवा ने कहा कि अगर आंकड़ों की बात करें, तो मतदाता सूची में लोगों की संख्या घटी नहीं, बल्कि बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हमने बैठक में भी यह कहा कि 2014 के बाद से अब तक तो नौ लाख मतदाता नए जुड़े हैं, ऐसे में नाम कटने का सवाल ही कहां आता है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में कांग्रेस के नेता चुप रहे. उन्होंने अपना कोई पक्ष सामने नहीं रखा.


गौरतलब है कि यह मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा में बना हुआ है. पहले आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर 30 लाख लोगों का नाम भाजपा के इशारे पर मतदाता सूची से काटने का आरोप लगाया. उसके बाद भाजपा ने इसे लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यह संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करने जैसा है. आम आदमी पार्टी ने इसके बाद लोगों को कॉल्स-मैसेज करना शुरू किया. जिसमें कहा जा रहा है कि आपके नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं, लेकिन भाजपा आपका नाम जुड़वाएगी.

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हम दिल्ली को तेलंगाना नहीं होने देंगे- AAP

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कांग्रेस मुद्दे को लेकर शिकायत दर्ज कराई
भाजपा ने इसपर प्रतिरोध किया और इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की. इस पर आयोग ने इन कॉल्स मैसेज पर आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लिया और इन्हें मिसलिडिंग करार दिया. आम आदमी पार्टी ने इसे भी भाजपा के निशाने पर चुनाव आयोग द्वारा किया गया कृत्य बताया. उसके बाद, कांग्रेस भी इस मुद्दे में कूद गई है.


कांग्रेस ने इन सबके खिलाफ दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी के यहां शिकायत दर्ज कराई. साथ ही मांग की कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए. अब इन सबके बाद बुधवार को मुख्य चुनाव अधिकारी ने इन तीनों दलों के नेताओं के साथ बातचीत की है.

दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बुधवार को तीनों प्रमुख दलों के नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में मतदाता सूची से नाम काटे जाने को लेकर हाल में मचे सियासी बवाल पर चर्चा हुई. इस बैठक से इतर आम आदमी पार्टी ने अलग से चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह से मुलाकात भी की और इस पूरे प्रकरण पर अपना पक्ष रखा.

सुभाष सचदेवा

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'हम दिल्ली को तेलांगना नहीं होने देंगे'
आम आदमी पार्टी की तरफ से विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज, पूर्वी दिल्ली लोकसभा प्रभारी आतिशी और दक्षिणी दिल्ली प्रभारी राघव चड्ढा इस बैठक में शामिल हुए. मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में राघव चड्ढा ने बताया कि हमने पूरे जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले सकते हैं, यह 30 लाख लोगों के मतदाता सूची से नाम कटने का मुद्दा है. उन्होंने यह भी कहा कि हम दिल्ली को तेलांगना नहीं होने देंगे.
एक तरफ राघव चड्ढा मतदाता सूची में नाम कटने और इसमें भाजपा की मिलिभगत का आरोप लगा रहे थे, वहीं भाजपा ने उनके इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. चुनाव अधिकारी से मीटिंग के बाद बाहर निकले भाजपा विधायक सुभाष सचदेवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी के लोग झूठा आरोप लगा रहे हैं.


कांग्रेस के नेता ने नहीं रखा कोई पक्ष
सुभाष सचदेवा ने कहा कि अगर आंकड़ों की बात करें, तो मतदाता सूची में लोगों की संख्या घटी नहीं, बल्कि बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हमने बैठक में भी यह कहा कि 2014 के बाद से अब तक तो नौ लाख मतदाता नए जुड़े हैं, ऐसे में नाम कटने का सवाल ही कहां आता है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में कांग्रेस के नेता चुप रहे. उन्होंने अपना कोई पक्ष सामने नहीं रखा.


गौरतलब है कि यह मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा में बना हुआ है. पहले आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर 30 लाख लोगों का नाम भाजपा के इशारे पर मतदाता सूची से काटने का आरोप लगाया. उसके बाद भाजपा ने इसे लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यह संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करने जैसा है. आम आदमी पार्टी ने इसके बाद लोगों को कॉल्स-मैसेज करना शुरू किया. जिसमें कहा जा रहा है कि आपके नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं, लेकिन भाजपा आपका नाम जुड़वाएगी.

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कांग्रेस मुद्दे को लेकर शिकायत दर्ज कराई
भाजपा ने इसपर प्रतिरोध किया और इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की. इस पर आयोग ने इन कॉल्स मैसेज पर आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लिया और इन्हें मिसलिडिंग करार दिया. आम आदमी पार्टी ने इसे भी भाजपा के निशाने पर चुनाव आयोग द्वारा किया गया कृत्य बताया. उसके बाद, कांग्रेस भी इस मुद्दे में कूद गई है.


कांग्रेस ने इन सबके खिलाफ दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी के यहां शिकायत दर्ज कराई. साथ ही मांग की कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए. अब इन सबके बाद बुधवार को मुख्य चुनाव अधिकारी ने इन तीनों दलों के नेताओं के साथ बातचीत की है.

Intro:मतदाता सूची से नाम काटे जाने का मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, इसपर सियासी शोर बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी तीनों दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की।


Body:दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बुधवार को तीनों प्रमुख दलों के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में, मतदाता सूची से नाम काटे जाने को लेकर हाल में मचे सियासी बवाल पर चर्चा हुई। इस बैठक से इतर आम आदमी पार्टी ने अलग से चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह से मुलाक़ात भी की और इस पूरे प्रकरण पर अपना पक्ष रखा।

आम आदमी पार्टी की तरफ से विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज, पूर्वी दिल्ली लोकसभा प्रभारी आतिशी और दक्षिणी दिल्ली प्रभारी राघव चड्ढा इस बैठक में शामिल हुए। मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में राघव चड्ढा ने बताया कि हमने पूरे जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले सकते हैं, यह 30 लाख लोगों के मतदाता सूची से नाम कटने का मुद्दा है। उन्होंने यह भी कहा कि हम दिल्ली को तेलांगना नहीं होने देंगे

एक तरफ राघव चड्ढा मतदाता सूची में नाम कटने और इसमें भाजपा की मिलिभगत का आरोप लगा रहे थे, वही भाजपा ने उनके इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। चुनाव अधिकारी से मीटिंग के बाद बाहर निकले भाजपा विधायक सुभाष सचदेवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी के लोग झूठा आरोप लगा रहे हैं।

सुभाष सचदेवा ने कहा कि अगर आंकड़ों की बात करें, तो मतदाता सूची में लोगों की संख्या घटी नहीं, बल्कि बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमने बैठक में भी यह कहा कि 2014 के बाद से अब तक तो नौ लाख मतदाता नए जुड़े हैं, ऐसे में नाम कटने का सवाल ही कहां आता है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में कांग्रेस के नेता चुप रहे। उन्होंने अपना कोई पक्ष सामने नहीं रखा।

गौरतलब है कि यह मुद्दा पिछले कुछ समय से चर्चा में बना हुआ है। पहले आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग पर 30 लाख लोगों का नाम भाजपा के इशारे पर मतदाता सूची से काटने का आरोप लगाया। उसके बाद भाजपा ने इसे लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यह संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करने जैसा है। आम आदमी पार्टी ने इसके बाद लोगों को कॉल्स-मैसेजेज करना शुरू किया। जिसमें कहा जा रहा है कि आपके नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं, लेकिन भाजपा आपका नाम जुड़वाएगी।

भाजपा ने इसपर प्रतिरोध किया और इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की। इसपर आयोग ने इन कॉल्स मैसेजेज पर आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लिया और इन्हें मिसलिडिंग करार दिया। आम आदमी पार्टी ने इसे भी भाजपा के निशाने पर चुनाव आयोग द्वारा किया गया कृत्य बताया। उसके बाद, कांग्रेस भी इस मुद्दे में कूद गई है और इन सबके खिलाफ दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी के यहां शिकायत दर्ज कराई, साथ ही मांग की गई कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। अब इन सबके बाद, बुधवार को मुख्य चुनाव अधिकारी ने इन तीनों दलों के नेताओं के साथ बातचीत की है। अब देखने वाली बात यह है कि इसके बाद यह मुद्दा शांत होता है या अब भी इसपर वैसे ही सियसी तापमान बना रहता है।


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