नई दिल्ली: दिल्ली सरकार रामलीला मैदान में 11 जून को केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ महारैली करेगी. इसमें लाखों लोगों के आने की संभावना है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि संविधान के अनुसार, सरकार चुनी जाती है. सरकार के पास अगर अफसर नहीं होंगे तो सरकार नहीं चल सकती है. केंद्र सरकार ने एलजी के माध्यम से दिल्ली की सर्विसेज विभाग को अपने पास रखा. 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया.
अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटा रहे केजरीवाल: इस फैसले में साफ साफ लिखा था कि दिल्ली की सरकार के पास ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार हैं. दिल्ली के एलजी इसमें रोक टोक नहीं कर सकते हैं. इसके बावजूद केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलकर अध्यादेश लाई, जो गलत है. आप के मुखिया इस अध्यादेश के खिलाफ देश भर के विपक्ष के नेता से मुलाकात कर इस अध्यादेश को गिराने के लिए समर्थन जुटा रहे हैं.
6 महीने में बनाना होता है कानून: सुशील गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार जो अध्यादेश लाई है. इसे कानून की शक्ल देने के लिए 6 महीने का वक्त होता है. लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल को पास करना होता है. लोकसभा में भाजपा के पास बहुमत है और राज्यसभा में नहीं. अगर राज्यसभा में यह बिल पास नहीं होता है तो अध्यादेश कानून की शक्ल नहीं लेगा. सीएम केजरीवाल विपक्षी नेताओं से इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांग रहे हैं और राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ समर्थन देने का वायदा भी किया गया है.
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लाखों लोग आयेंगे रामलीला मैदान: सुशील गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान में 11 जून को आयोजित महारैली में लाखों लोगों की मौजूदगी दर्ज की जाएगी. इसमें आने वाले लोग केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे. रामलीला मैदान में इस महारैली को लेकर तैयारियां तेज हैं.
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