नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली तो उसके बाद विधानसभा के नए अध्यक्ष का चयन किया गया. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नए अध्यक्ष के लिए रामनिवास गोयल के नाम का प्रस्ताव रखा. जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया. सर्वसम्मति से रामनिवास गोयल विधानसभा के दोबारा अध्यक्ष चुने गए. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनका अभिवादन किया और उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए.
'दूसरी बार विधानसभा चलाना कोई चुनौती नहीं'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में रामनिवास गोयल ने कहा कि इस बार उन्हें विधानसभा चलाना कोई चुनौती नहीं लगता. चुनौती पहली बार में थी. क्योंकि तब विधायक नए थे.
'नए विधायकों के लिए वर्कशॉप का आयोजन'
रामनिवास गोयल ने कहा कि पिछली बार सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में 6 महीने का भी समय लग गया था. अबकी बार ऐसा नहीं है. जो नए विधायक आए हैं उनके लिए दो दिनों की वर्कशॉप रखी गई हैं. इसमें वह विधानसभा की कार्यवाही के बारे में उन्हें बताएंगे. उसके बाद कामकाज को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी.
'कौन निकेलगा कपिल मिश्रा कह नहीं सकता'
पिछली बार विधानसभा के कार्यकाल में बतौर आम आदमी पार्टी के विधायक कपिल मिश्रा, अलका लांबा, नितिन त्यागी जैसे बड़बोले विधायक थे, जिनकी वजह से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई. इस बार यह सब नहीं है, इसे किस रूप में देखते हैं? सवाल पूछे जाने पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि मैं कह नहीं सकता कि कौन कपिल मिश्रा बन बैठे.
आगामी बजट सत्र को लेकर बोले
अगले महीने दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र होगा. इसमें अपनी भूमिका को लेकर रामनिवास गोयल ने कहा कि उनकी भूमिका क्या होगी? रामनिवास गोयल बोले सारी योजनाएं सरकार बनाती हैं. नए कार्यकाल में क्या दिल्ली विधानसभा का अपना टीवी चैनल होगा? इस बारे में पूछे जाने पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि बिना केंद्र सरकार के सहयोग से संभव नहीं है. पिछली बार कोशिशें की लेकिन प्रस्ताव रिजेक्ट हो गया. अब वह विपक्ष से ही आग्रह करेंगे कि वह केंद्र सरकार को दिल्ली विधानसभा टीवी चैनल शुरू करने के लिए स्वीकृति प्रदान करें.
बता दें कि इससे पहले भी जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तब रामनिवास गोयल सर्वसम्मति से विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए थे.