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SDMC के मेयर ने हाउस की रिकॉर्डिंग पर लगाई रोक, आप नेता ने बताया तानाशाही - Delhi AAP spokesperson Vikas Goyal

दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मेयर मुकेश सूर्यान ने हाउस की प्रोसिडिंग को मोबाइल से रिकॉर्ड करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही ये भी फरमान जारी किया है कि जो भी ऐसा करता पाया जाएगा उसका मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा. इस पर आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध करते हुए इस फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया है.

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Published : Oct 30, 2021, 8:17 AM IST

नई दिल्ली: हाल ही में संपन्न हुए दक्षिण दिल्ली नगर निगम के हाउस के अंदर मेयर मुकेश सूर्यान ने हाउस की प्रोसिडिंग को मोबाइल फोन से रिकॉर्ड करने पर पूर्ण तरीके से प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही हाउस में यह घोषणा भी की गई कि यदि कोई हाउस की रिकॉर्डिंग करेगा तो उसका मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा. इस बीच अब आम आदमी पार्टी के द्वारा इस फैसले को तुगलकी फरमान बताकर इसका विरोध किया जा रहा है.

वहीं इस मामले में आप दिल्ली प्रवक्ता विकास गोयल का कहना है कि यह बीजेपी शासित निगम के मेयर का तुगलकी फरमान है. आज बीजेपी निगम के हाउस के अंदर होने वाली बैठकों में पारदर्शिता नहीं लाना चाहती. बीजेपी नहीं चाहती कि जनता का पता लगे कि निगम की बैठकों में क्या होता है. बीजेपी शासित निगम को जनता की चिंता नहीं है.

हाउस की रिकॉर्डिंग पर रोक को आप ने बताया तानाशाही.

ये भी पढ़ें: नकली रेमेडेसीविर बेचने के दो आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

आप दिल्ली प्रवक्ता का कहना है कि आज जब लोकसभा राज्यसभा विधानसभा सभी जगह की प्रोसिडिंग लाइव होती है.ऐसे में नगर निगम की बैठकों को तुगलकी फरमान जारी करके कैसे रिकॉर्डिंग करने से रोका जा सकता है. आम आदमी पार्टी मांग करती है कि तुरंत प्रभाव से इस तुगलकी फरमान को न सिर्फ वापस लिया जाए बल्कि इसे जारी करने वाले मेयर को भी पार्टी से निष्कासित किया जाए.

ये भी पढ़ें: केंद्र ने केजरीवाल सरकार काे चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण के लिए दिया पुरस्कार

आप प्रवक्ता ने आगे कहा कि दिल्ली में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. नगर निगम में शासित बीजेपी की सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है. निगम को अपनी जिम्मेदारी के तहत अब तक राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्र में वॉटर स्प्रिंकलर टैंकर की सहायता से पानी के छिड़काव को शुरू करवा देना चाहिए था. लेकिन निगम के द्वारा अभी तक प्रदूषण से जंग में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. वहीं तीनों नगर निगम के अंतर्गत विभिन्न जगहों पर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए फंड से खरीदे गए वॉटर टैंकर्स पिछले तीन साल से खड़े हैं और खराब हो रहे हैं. जिसके पीछे प्रमुख कारण निगम के अंदर ड्राइवरों की कमी होना भी है. निगम ने अभी तक जरूरत के मुताबिक ड्राइवरों की नियुक्ति नहीं की है. जिसकी वजह से इन वॉटर टैंक को चलाने के लिए ड्राइवर नहीं है और यह पड़े पड़े खराब हो रहे हैं. जो यह दर्शाता है कि बीजेपी शासित नगर निगम कितनी लापरवाह है.

ये भी पढ़ें: टाइटलर 1984 दंगों का गुनहगार है, उसे कांग्रेस में जिम्मेदारी मिलना बेहद शर्मनाक: आदेश गुप्ता

वहीं विकास गोयल ने ये भी कहा कि निगम के पास पड़े मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीन का भी यही हाल है. उन्हें भी चलाने के लिए ड्राइवर नहीं है. जबकि दिल्ली सरकार के मंत्री से लेकर विधायक और पार्षद तक सभी लोग इन दिनों प्रदूषण से जंग में जमीनी स्तर पर उतरकर काम कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: हाल ही में संपन्न हुए दक्षिण दिल्ली नगर निगम के हाउस के अंदर मेयर मुकेश सूर्यान ने हाउस की प्रोसिडिंग को मोबाइल फोन से रिकॉर्ड करने पर पूर्ण तरीके से प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही हाउस में यह घोषणा भी की गई कि यदि कोई हाउस की रिकॉर्डिंग करेगा तो उसका मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा. इस बीच अब आम आदमी पार्टी के द्वारा इस फैसले को तुगलकी फरमान बताकर इसका विरोध किया जा रहा है.

वहीं इस मामले में आप दिल्ली प्रवक्ता विकास गोयल का कहना है कि यह बीजेपी शासित निगम के मेयर का तुगलकी फरमान है. आज बीजेपी निगम के हाउस के अंदर होने वाली बैठकों में पारदर्शिता नहीं लाना चाहती. बीजेपी नहीं चाहती कि जनता का पता लगे कि निगम की बैठकों में क्या होता है. बीजेपी शासित निगम को जनता की चिंता नहीं है.

हाउस की रिकॉर्डिंग पर रोक को आप ने बताया तानाशाही.

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आप दिल्ली प्रवक्ता का कहना है कि आज जब लोकसभा राज्यसभा विधानसभा सभी जगह की प्रोसिडिंग लाइव होती है.ऐसे में नगर निगम की बैठकों को तुगलकी फरमान जारी करके कैसे रिकॉर्डिंग करने से रोका जा सकता है. आम आदमी पार्टी मांग करती है कि तुरंत प्रभाव से इस तुगलकी फरमान को न सिर्फ वापस लिया जाए बल्कि इसे जारी करने वाले मेयर को भी पार्टी से निष्कासित किया जाए.

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आप प्रवक्ता ने आगे कहा कि दिल्ली में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. नगर निगम में शासित बीजेपी की सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है. निगम को अपनी जिम्मेदारी के तहत अब तक राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्र में वॉटर स्प्रिंकलर टैंकर की सहायता से पानी के छिड़काव को शुरू करवा देना चाहिए था. लेकिन निगम के द्वारा अभी तक प्रदूषण से जंग में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. वहीं तीनों नगर निगम के अंतर्गत विभिन्न जगहों पर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए फंड से खरीदे गए वॉटर टैंकर्स पिछले तीन साल से खड़े हैं और खराब हो रहे हैं. जिसके पीछे प्रमुख कारण निगम के अंदर ड्राइवरों की कमी होना भी है. निगम ने अभी तक जरूरत के मुताबिक ड्राइवरों की नियुक्ति नहीं की है. जिसकी वजह से इन वॉटर टैंक को चलाने के लिए ड्राइवर नहीं है और यह पड़े पड़े खराब हो रहे हैं. जो यह दर्शाता है कि बीजेपी शासित नगर निगम कितनी लापरवाह है.

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वहीं विकास गोयल ने ये भी कहा कि निगम के पास पड़े मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीन का भी यही हाल है. उन्हें भी चलाने के लिए ड्राइवर नहीं है. जबकि दिल्ली सरकार के मंत्री से लेकर विधायक और पार्षद तक सभी लोग इन दिनों प्रदूषण से जंग में जमीनी स्तर पर उतरकर काम कर रहे हैं.

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