नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की तर्ज पर आम आदमी पार्टी ने भी दूरदर्शी सोच के साथ दिल्ली नगर निगम में जनता पर प्रहार करने की कार्यवाही शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि एक योजना के साथ आम आदमी पार्टी की दिल्ली नगर निगम राजधानी की जनता पर हाउस टैक्स का बोझ बढ़ा दिया है. मैं यहां बताना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी ने निगम घोषणा पत्र में 10 गारंटी योजना में हाउस टैक्स से राहत संबधी कोई घोषणा नहीं की थी. मतलब आम आदमी पार्टी ने योजनाबद्ध तरीके से हाउस टैक्स में वृद्धि की है. उन्होंने कहा कि हाउस टैक्स में रिबेट की योजना का कांग्रेस की निगम सरकार ने शुरु किया था, जिस पर आप पार्टी ने प्रहार करके दिल्ली की जनता के साथ धोखा किया है.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने निगम की सत्ता में आते ही दिल्ली की जनता हाउस टैक्स का अतिरिक्त बोझ डालना शुरू कर दिया है. अब हाउस टैक्स में 100 मीटर कवर्ड एरिया तक ही ऑनरशिप रिबेट मिलेगी, जबकि 2022 तक यह मालिकाना छूट 200 मीटर पर मिलती थी. आश्चर्य की बात है जो सम्पति मालिक टैक्स ऑनलाईन जमा करा रहे हैं उन्हें मिलने वाली पेमेंट स्लिप पर भी मालिकाना छूट 200 मीटर से घटाकर 100 मीटर कर दिया गया है. दिल्ली नगर निगम पूरी तरह से दिल्ली जनता को गुमराह कर रहा है. उन्होंने कहा कि पहले महिलाओं को 200 मीटर कवर्ड एरिया पर मालिकाना छूट 30 प्रतिशत मिलती थी, अब उनको भी 100 मीटर पर मिलेगी.
अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम की सत्ता में आते ही आम आदमी पार्टी ने हाउस टैक्स बढ़ाने के साथ सम्पत्ति मालिकों को मिलने वाली छूट को कम करके जनता से बहुमत के खिलाफ विश्वासघात का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की मेयर एक महिला होने के बावजूद हाउस टैक्स बढ़ाकर महिलाओं के साथ अन्याय कर रही है. महिला सशक्तीकरण की बात करने वाली पार्टी महिलाओं पर हाउस टैक्स का बोझ बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने हाउस टैक्स कम करने का वादा किया था परंतु हाउस टैक्स देने वालों को मिलने वाली छूट को कम कर दिया.
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अनिल कुमार ने कहा कि 2022 तक यह निश्चित था कि निर्धारित समय पर हाउस टैक्स जमा कराने वाले सम्पति करदाताओं को 15 प्रतिशत की रिबेट दी जाती थी. आम आदमी पार्टी की निगम सरकार ने उसे भी घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. आप पार्टी की टैक्स कलेक्शन की नीति में बदलाव के कारण हाउस टैक्स जमा करने वालों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, इसके साथ ही महंगाई और बेरोजगारी से आहत दिल्ली की जनता पर केजरीवाल की निगम और दिल्ली सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण दिल्ली की जनता परेशान हो रही है. उन्होंने कहा कि संपत्ति मालिक महिला हो या पुरुष, हाउस टैक्स पर मिलने वाली रिबेट 2022 तक मिलने वाली छूट पूर्व के अनुसार ही मिलनी चाहिए.
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