नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली का चुनावी बिगुल बज चुका है. 8 फरवरी को मतदान होना है लेकिन 2015 में बनी आम आदमी पार्टी की सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे. इसपर ईटीवी भारत की टीम ने AAP पार्टी के प्रवक्ता जेस्मिन शाह से बातचीत की.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में बेड की संख्या 30 हजार तक करने की बात कही थी. लेकिन के सरकारी अस्पतालों में मौजूदा बेड की संख्या की बात करें तो 10 हजार 959 तक ही सिमट कर रह गई है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सरकार अस्पतालों में बेड की संख्या को लेकर जो वादे किए थे वो पूरे नहीं हुए.
हालांकि पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि हम बेड की संख्या को लेकर प्रयासरत है, पांच साल में तकरीबन तीन हजार बेड बढ़ाये गए हैं. जो कि 70 साल में सिर्फ सात हजार तक सीमित थे.
कितनी है अस्पतालों की संख्या?
दिल्ली सरकार के अंतर्गत 37 अस्पताल मौजूदा स्थिति में है. जिनमें दो मदर एन्ड चाइल्ड स्पेशलिस्ट अस्पताल, दो होम्योपैथी अस्पताल, एक आयुर्वेदिक एंड यूनानी अस्पताल, एक आई सेंटर, एक केंसर हॉस्पिटल, इसके अलावा बाकी अन्य अस्पताल शामिल हैं, जिनमें सभी बीमारियो का उपचार किया जा रहा है.
मोहल्ला क्लीनिक और फरिश्ते स्कीम की शुरुआत
दिल्ली सरकार के मेनिफेस्टो की बात करें तो इसमें मोहल्ला क्लीनिक की भी बात थी, ऐसे में सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की बात की जाए तो उसमें मोहल्ला क्लीनिक और फरिश्ते शामिल हुई है. सरकार ने इस वर्ष 100 नए मोहल्ला क्लीनिक खोले है, तो वहीं फ़रिश्ते स्कीम के जरिए आम जनता से वाहवाही भी बटोरी है.
कितने हैं वेंटीलेटर
अहम बात यह है कि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के भले ही बड़े-बड़े दावे करती हो, लेकिन अस्पतालों में वेंटिलेटर तक की संख्या कम है. दिल्ली सरकार के 37 अस्पतालों में 440 वेंटीलेटर है. जिनमें से केवल 396 वेंटिलेटर ही मौजूदा स्थिति में काम कर रहे हैं. सरकार ने इन वेंटिलेटर को बढ़ाने की वादा किया था, लेकिन उस पर भी सरकार कामयाब होती हुई नजर नहीं आ रही है.
फिलहाल दिल्ली सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में जो बड़े-बड़े दावे किए थे. उस पर कई हद तक चीजों में बदलाव तो हुए हैं लेकिन अभी भी कई बदलाव की जरूरत है.