नई दिल्ली: भारत के सबसे बड़े समूह टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार, 9 अक्टूबर को निधन हो गया. वे 86 वर्ष के थे. साक्षात्कारों और बातचीत में, टाटा कहते थे कि वे ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किए जाना चाहते हैं जिसने व्यवसाय के सर्वोत्तम हित में काम किया. कोलकाता में भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के लेडीज स्टडी ग्रुप द्वारा 2014 में आयोजित एक बातचीत में टाटा ने कहा कि मैं ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाना चाहूंगा जिसने कभी दूसरों को चोट नहीं पहुंचाई और व्यवसाय के सर्वोत्तम हित में काम किया.
टाटा संस की वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल के अनुसार, अपनी विनम्रता के लिए सम्मानित, टाटा को उनके परोपकारी प्रयासों के लिए भी सराहा गया, इसके अलावा उन्हें उनके व्यवसायिक कौशल और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए व्यापक रूप से सम्मानित किया गया. फरवरी, 2018 में एक निजी चैनल पर टाटा को सुहेल सेठ से यह कहते हुए सुना गया कि मैं ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाना चाहूंगा जिसने बदलाव लाया. न कुछ ज्यादा, न कुछ कम...
इस सप्ताह की शुरुआत में उम्र संबंधी बीमारियों के कारण टाटा को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था. उनके खराब स्वास्थ्य की खबरों के बीच, बिजनेस टाइकून ने कहा था कि उम्र और संबंधित चिकित्सा स्थितियों के कारण वे नियमित चिकित्सा जांच करवा रहे थे.
टाटा ने 1991 में टाटा समूह के चेयरमैन का पद संभाला और लगभग एक सदी पहले अपने परदादा की ओर से स्थापित विशाल समूह की देखरेख की. वे अब समूह के दैनिक संचालन में शामिल नहीं थे, लेकिन नेतृत्व अक्सर बड़े फैसलों पर उनकी सलाह लेता था.
टाटा सोशल मीडिया - एक्स और इंस्टाग्राम पर सक्रिय थे. इंस्टाग्राम पर उनके लगभग 10.3 मिलियन फॉलोअर थे, जहां वे केवल दो अकाउंट को फॉलो करते थे: स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल, मुंबई और टाटा ट्रस्ट. एक्स पर उनके 13.3 मिलियन फॉलोअर्स थे, जबकि वह 7 लोगों को फॉलो करते थे जिनमें आनंद महिंद्रा, पीएम मोदी, बराक ओबामा और मुंबई का स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल शामिल थे.