नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े दानवीर रतन नवल टाटा का बीते बुधवार (9 अक्टूबर 2024) को निधन हो गया. उन्होंने देर रात करीब 11 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली.
महान उद्योगपति के निधन से हर कोई दुखी है. सोशल मीडिया के माध्यम से इस दुख की घड़ी में हर कोई अपनी पीड़ा जाहिर कर रहा है. लेकिन आज हम उनकी कंपनी 'टाटा ग्रुप' के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जो एक सच्चा राष्ट्रवादी ही कर सकता है.
— Tata Group (@TataCompanies) October 9, 2024
'टाटा ग्रुप' ने ली IPL की स्पॉन्सरशिप
रतन नवल टाटा ने भारत के लिए बहुत से काम किए हैं. इसी तरह उन्होंने स्पोर्ट्स में भी कई सराहनीय काम किए हैं. दरअसल, क्रिकेट जगत की सबसे महंगी लीग आईपीएल को पहले चीनी कंपनी VIVO स्पॉन्सर करती थी, लेकिन जब भारत और चीन के बीच सीमा पर झड़प हुई तो आईपीएल की स्पॉन्सरशिप को लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा.
इस मुश्किल घड़ी में रतन टाटा की कंपनी 'टाटा ग्रुप' ने आगे बढ़कर आईपीएल की स्पॉन्सरशिप ले ली और अब टाटा 2028 तक आईपीएल को स्पॉन्सर करेगा. इस के अलावा यह दुनिया की सबसे बड़ी महिला प्रीमियर लीग का भी टाइटल प्रायोजक है.
बीसीसीआई के अनुसार टाटा समूह 2024 से 2028 तक आईपीएल का शीर्षक प्रायोजक होगा. टाटा समूह के पास पहले 2022 और 2023 में आईपीएल के लिए शीर्षक प्रायोजन अधिकार थे. बीसीसीआई ने टाटा समूह को 2,500 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड-तोड़ मूल्य पर शीर्षक प्रायोजन अधिकार प्रदान किए हैं. आईपीएल 2025, आईपीएल का 18वां संस्करण होगा और इसे टाटा आईपीएल 2025 के रूप में ब्रांड किया जाएगा.
The BCCI expresses its deepest sorrow and joins the nation in mourning the passing of Shri Ratan Tata ji. His invaluable contributions across diverse fields have been instrumental in shaping India’s growth and success story.
— BCCI (@BCCI) October 10, 2024
His extraordinary legacy, founded on the principles of… pic.twitter.com/wjNvDKNPIX
बीसीसीआई ने रतन टाटा को दी श्रद्धांजलि
बीसीसीआई ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए एक्स पर लिखा कि, बीसीसीआई श्री रतन टाटा जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता है और पूरे देश के साथ शोक व्यक्त करता है. विभिन्न क्षेत्रों में उनके अमूल्य योगदान ने भारत के विकास और सफलता की कहानी को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जुनून, सहानुभूति, दूरदर्शी नेतृत्व, और उत्कृष्टता के सिद्धांतों पर आधारित उनकी असाधारण विरासत आने वाले वर्षों में भावी पीढ़ियों को प्रेरित और मार्गदर्शन करती रहेगी.
आप को बता दें कि, रतन टाटा 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने थे. इस दौरान उन्होंने टाटा ग्रुप को एक अलग मुकाम तक पहुंचाया. वे 2012 तक टाटा ग्रुप में चेयरमैन पद पर रहे.