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AAP का आरोप: मेयर ने किया DUSIB की जमीन पर अवैध कब्जा, पद से हटाने की मांग - मेयर ने किया DUSIB की जमीन पर अवैध कब्जा

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जयप्रकाश ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जा करके घर बनाया है. गुरुवार को दुर्गेश पाठक ने इससे जुड़े कुछ तथ्य सामने रखे.

Corporation incharge Durgesh Pathak
निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक
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Published : Feb 12, 2021, 12:00 AM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर से संबंधित कुछ कागजात और तस्वीरें पेश की. इनके जरिए दुर्गेश पाठक ने कहा कि मेयर जयप्रकाश ने सदर बाजार में डूसीब की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके घर बनाया है. बिल दिखाते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि इसका बिजली का बिल उनके बेटे के नाम पर आता है.

'SHO ने की थी शिकायत'
उन्होंने कहा कि ये चार मंजिला मकान जहां पर बना हुआ है वह उनकी ज़मीन नहीं है. उन्होंने डूसीब की उस ज़मीन को कब्जा करके घर बनाया है, जहां गरीब बेघर लोगों के घर बनने थे. उन्होंने बताया कि जब यह घर बनना शुरू हुआ, तो 18 जून 2019 को स्थानीय एसएचओ ने डिप्टी कमिश्नर को लिखा कि ये मकान अवैध तरीके से बन रहा है और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाया जाए.

'डूसीब ने भेजे कई नोटिस'
दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि चूंकि डिप्टी कमिश्नर भारतीय जनता पार्टी के एमसीडी से हैं. इसलिए उन्होंने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद 1 जुलाई 2020 को खुद डूसीब ने चिट्ठी लिखकर बताया कि ये ज़मीन हमारी है. सबूत के लिए उन्होंने इससे संबंधित सभी दस्तावेज भी दिखाए और सर्वेक्षण कराने के बाद नोटिस भेजा कि ये जो आप पूरा का पूरा घर बना रहे हैं, ये ग़लत बना रहे हैं. ये डूसिब की ज़मीन है जिसपर आप कब्ज़ा कर रहे हैं.

'संवैधानिक और नैतिक पद'
उन्होंने बताया कि डूसीब ने कई नोटिस भेजे लेकिन कुछ नहीं हुआ. कल फिर जयप्रकाश और उनके बेटे रितेश चावड़ी के नाम तीसरा कारण बताओ नोटिस भेजा गया है और कहा गया है कि 3 दिनों के अंदर जवाब दें, वरना डूसीब कार्रवाई करेगा. दुर्गेश पाठक ने कहा कि महापौर का पद संवैधानिक और पवित्र पद होता है. अगर मेयर ही खुद सरकारी जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दे, तो उसके बाद लोकतंत्र के अंदर क्या ही बचता है.

ये भी पढ़ें:-बुराड़ी ट्रैक्टर रैली हिंसा: तीन आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े

'भाजपा और पुलिस से सवाल'
भाजपा से सवाल मांग करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमें जयप्रकाश से कोई अपेक्षा नहीं है, क्योंकि वे खुद दोषी हैं, मैं भारतीय जनता पार्टी से कहना चाहता हूं इतना देखने के बाद अगर आपके पास जरा सी भी नैतिक ताकत बची है, तो आप मेयर को तुरंत उनके पद से हटाइए. मैं दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूछना चाहता हूं कि क्या आपके अंदर इतना नैतिक अधिकार है कि भाजपा नेता के खिलाफ कोई कदम उठाएंगे. उन्होंने यहां तक कहा कि ये गलियों में जय श्री राम का जाप करते घूमते हैं, क्या भगवान राम ऐसी हरकत को मंजूरी देते हैं?

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर से संबंधित कुछ कागजात और तस्वीरें पेश की. इनके जरिए दुर्गेश पाठक ने कहा कि मेयर जयप्रकाश ने सदर बाजार में डूसीब की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके घर बनाया है. बिल दिखाते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि इसका बिजली का बिल उनके बेटे के नाम पर आता है.

'SHO ने की थी शिकायत'
उन्होंने कहा कि ये चार मंजिला मकान जहां पर बना हुआ है वह उनकी ज़मीन नहीं है. उन्होंने डूसीब की उस ज़मीन को कब्जा करके घर बनाया है, जहां गरीब बेघर लोगों के घर बनने थे. उन्होंने बताया कि जब यह घर बनना शुरू हुआ, तो 18 जून 2019 को स्थानीय एसएचओ ने डिप्टी कमिश्नर को लिखा कि ये मकान अवैध तरीके से बन रहा है और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाया जाए.

'डूसीब ने भेजे कई नोटिस'
दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया कि चूंकि डिप्टी कमिश्नर भारतीय जनता पार्टी के एमसीडी से हैं. इसलिए उन्होंने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद 1 जुलाई 2020 को खुद डूसीब ने चिट्ठी लिखकर बताया कि ये ज़मीन हमारी है. सबूत के लिए उन्होंने इससे संबंधित सभी दस्तावेज भी दिखाए और सर्वेक्षण कराने के बाद नोटिस भेजा कि ये जो आप पूरा का पूरा घर बना रहे हैं, ये ग़लत बना रहे हैं. ये डूसिब की ज़मीन है जिसपर आप कब्ज़ा कर रहे हैं.

'संवैधानिक और नैतिक पद'
उन्होंने बताया कि डूसीब ने कई नोटिस भेजे लेकिन कुछ नहीं हुआ. कल फिर जयप्रकाश और उनके बेटे रितेश चावड़ी के नाम तीसरा कारण बताओ नोटिस भेजा गया है और कहा गया है कि 3 दिनों के अंदर जवाब दें, वरना डूसीब कार्रवाई करेगा. दुर्गेश पाठक ने कहा कि महापौर का पद संवैधानिक और पवित्र पद होता है. अगर मेयर ही खुद सरकारी जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दे, तो उसके बाद लोकतंत्र के अंदर क्या ही बचता है.

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'भाजपा और पुलिस से सवाल'
भाजपा से सवाल मांग करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमें जयप्रकाश से कोई अपेक्षा नहीं है, क्योंकि वे खुद दोषी हैं, मैं भारतीय जनता पार्टी से कहना चाहता हूं इतना देखने के बाद अगर आपके पास जरा सी भी नैतिक ताकत बची है, तो आप मेयर को तुरंत उनके पद से हटाइए. मैं दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूछना चाहता हूं कि क्या आपके अंदर इतना नैतिक अधिकार है कि भाजपा नेता के खिलाफ कोई कदम उठाएंगे. उन्होंने यहां तक कहा कि ये गलियों में जय श्री राम का जाप करते घूमते हैं, क्या भगवान राम ऐसी हरकत को मंजूरी देते हैं?

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