नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के ट्विटर हैंडल से गुरुवार सुबह सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को लेकर एक ट्वीट किया गया था. इस ट्वीट में लिखा था, 'दिल्ली पुलिस को ज्ञात हुआ है कि दिल्ली सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स कोविड नियमों की अवहेलना कर चालान कर रहे हैं. इनके पास अभियोजन का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. अक्सर इन्हें दिल्ली पुलिसकर्मी समझ लिया जाता है और इनके कुछ कुकृत्य दिल्ली पुलिस के समझ लिए जाते हैं.'
सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स पर उठे सवाल, AAP ने कहा: कानून की पढ़ाई करे दिल्ली पुलिस
सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स की कार्यशैली पर दिल्ली पुलिस ने सवाल खड़े किए हैं, जिसके जवाब में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली पुलिस को कानून की पढ़ाई की नसीहत दी है. साथ में यह भी कहा है कि ट्वीट करना राजनीतिक काम है. यह दिल्ली पुलिस को शोभा नहीं देता.
सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स पर पुलिस ने उठाए सवाल
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के ट्विटर हैंडल से गुरुवार सुबह सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को लेकर एक ट्वीट किया गया था. इस ट्वीट में लिखा था, 'दिल्ली पुलिस को ज्ञात हुआ है कि दिल्ली सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स कोविड नियमों की अवहेलना कर चालान कर रहे हैं. इनके पास अभियोजन का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. अक्सर इन्हें दिल्ली पुलिसकर्मी समझ लिया जाता है और इनके कुछ कुकृत्य दिल्ली पुलिस के समझ लिए जाते हैं.'
'दिल्ली पुलिस ने किया था ट्वीट'
इससे जुड़े अगले ट्वीट में लिखा गया है, 'ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इन्हें पुलिस से मिलती-जुलती वर्दी मिलती है. ऐसे मामलों में संज्ञान लेते हुए कुछ FIR भी दर्ज की जा चुकी है और अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है.' इस ट्वीट के माध्यम से दिल्ली पुलिस ने दिल्ली वालों से यह भी अपील की ऐसे किसी भी मामले में चालान स्वीकार करने से पहले चालानकर्ता की सही पहचान अवश्य कर लें.
'AAP ने उठाए सवाल'
सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स की नियुक्ति दिल्ली सरकार करती है. इसे लेकर जब आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज से सवाल किया गया, तो उन्होंने उल्टा दिल्ली पुलिस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. सौरभ ने कहा कि ऐसे ट्वीट करना दिल्ली पुलिस को शोभा नहीं देता. यह राजनीतिक काम लगता है, इससे पुलिस का महत्व कम होता है.
'कानून की पढ़ाई करते होंगे IPS'
सौरभ भारद्वाज ने कानूनी जानकारी के नजरिए से भी दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाया और कहा कि मेरा मानना है कि दिल्ली पुलिस में आईपीएस बैठे हैं और उन्हें कानून की पढ़ाई कराई जाती होगी. सौरभ ने कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस और रेवेन्यू डिपार्टमेंट आपस में बैठकर बात कर सकते हैं. सौरभ भारद्वाज ने नियमों का हवाला देते हुए यह भी कहा कि चालान करने का कानूनी अधिकार रेवेन्यू डिपार्टमेंट का है.
'दिल्ली पुलिस को नहीं है यह अधिकार'
सौरभ ने कहा कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को चालान करने का अधिकार नहीं होता. यह अधिकार दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के पास होता है और दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को यह पावर डेलिगेट करती है. सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के पावर का इस्तेमाल करके पुलिस चालान करती है और कितना अपना जेब भरती है यह सब जानते हैं.
'ट्विटर पर नहीं मिलती क्लैरिटी'
इस मामले के बातचीत करने का सुझाव देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि डेलिगेशन ऑफ पावर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कानून का एक हिस्सा होता है. अगर दिल्ली पुलिस को इस पर कोई संशय है तो सम्बंधित विभाग से बातचीत करे. ऐसे ट्वीट करने से लोगों को लगेगा कि दिल्ली पुलिस राजनीतिक हथियार की तरह काम कर रही है और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर इस बात को समझते होंगे किसी भी मामले में क्लैरिटी ट्विटर पर नहीं मिलती है.
'दिल्ली पुलिस ने किया था ट्वीट'
इससे जुड़े अगले ट्वीट में लिखा गया है, 'ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इन्हें पुलिस से मिलती-जुलती वर्दी मिलती है. ऐसे मामलों में संज्ञान लेते हुए कुछ FIR भी दर्ज की जा चुकी है और अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है.' इस ट्वीट के माध्यम से दिल्ली पुलिस ने दिल्ली वालों से यह भी अपील की ऐसे किसी भी मामले में चालान स्वीकार करने से पहले चालानकर्ता की सही पहचान अवश्य कर लें.
'AAP ने उठाए सवाल'
सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स की नियुक्ति दिल्ली सरकार करती है. इसे लेकर जब आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज से सवाल किया गया, तो उन्होंने उल्टा दिल्ली पुलिस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. सौरभ ने कहा कि ऐसे ट्वीट करना दिल्ली पुलिस को शोभा नहीं देता. यह राजनीतिक काम लगता है, इससे पुलिस का महत्व कम होता है.
'कानून की पढ़ाई करते होंगे IPS'
सौरभ भारद्वाज ने कानूनी जानकारी के नजरिए से भी दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाया और कहा कि मेरा मानना है कि दिल्ली पुलिस में आईपीएस बैठे हैं और उन्हें कानून की पढ़ाई कराई जाती होगी. सौरभ ने कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस और रेवेन्यू डिपार्टमेंट आपस में बैठकर बात कर सकते हैं. सौरभ भारद्वाज ने नियमों का हवाला देते हुए यह भी कहा कि चालान करने का कानूनी अधिकार रेवेन्यू डिपार्टमेंट का है.
'दिल्ली पुलिस को नहीं है यह अधिकार'
सौरभ ने कहा कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को चालान करने का अधिकार नहीं होता. यह अधिकार दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के पास होता है और दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को यह पावर डेलिगेट करती है. सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के पावर का इस्तेमाल करके पुलिस चालान करती है और कितना अपना जेब भरती है यह सब जानते हैं.
'ट्विटर पर नहीं मिलती क्लैरिटी'
इस मामले के बातचीत करने का सुझाव देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि डेलिगेशन ऑफ पावर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कानून का एक हिस्सा होता है. अगर दिल्ली पुलिस को इस पर कोई संशय है तो सम्बंधित विभाग से बातचीत करे. ऐसे ट्वीट करने से लोगों को लगेगा कि दिल्ली पुलिस राजनीतिक हथियार की तरह काम कर रही है और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर इस बात को समझते होंगे किसी भी मामले में क्लैरिटी ट्विटर पर नहीं मिलती है.