नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने की कोशिश में जुटी आम आदमी पार्टी ने लोकसभा सीटों के हिसाब से संगठन के पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी है. सातों संसदीय सीटों पर किसके जिम्मे क्या काम होगा, दिल्ली के प्रभारी गोपाल राय ने ये तय कर दिए हैं. गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली से संबंधित नए सर्विस कानून के जरिए दिल्ली की जनता के वोट के ताकत को कम कर दिया है, इसके बारे में लोगों को बताया जाएगा. उनका कहना है कि दिल्ली में बीजेपी आम आदमी पार्टी को प्रतिद्वंद्वी मान रही है.
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आपको बता दें कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के लिए बीजेपी सक्रिय हो गई है. हर सीट के लिए प्रभारियों की नियुक्ति के बाद पिछले सप्ताह प्रदेश बीजेपी की टीम ने प्रचार रथ को दिल्ली की सातों संसदीय क्षेत्रों में उतार दिया है. बीते दो लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटें पर बीजेपी जीतती आ रही है. ऐसे में दिल्ली बीजेपी की टीम हैट्रिक बनाने में अभी से कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है.
दिल्ली बीजेपी के प्रभारी बैजयंत जय पांडा और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पिछले सप्ताह पार्टी के वीडियो वैन को हरी झंडी दिखाकर सातों लोकसभा क्षेत्र में रवाना कर दिया है. जिसके माध्यम से मोदी सरकार की उपलब्धियां बताई जाएंगी. साथ ही दिल्ली वालों को नए बने दिल्ली सर्विसेस एक्ट के फायदे बताए जाएंगे.
आप का आरोप, नए कानून से दिल्ली की जनता के वोट के ताकत को किया गया कम
बीजेपी के इस प्रचार के तरीके को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय का कहना है कि चुनाव से काफी समय पहले कैंपेन शुरू करना, लोगों तक अपनी बात पहुंचाने और प्रत्याशी का नाम काफी पहले ऐलान आम आदमी पार्टी की रणनीति रही है. आम आदमी पार्टी के तौर-तरीकों को बीजेपी कॉपी कर रही है. यह बताता है कि बीजेपी को सीटें खोने का डर सता रहा है.
दिल्ली के लिए बने नए कानून को लेकर बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरेगी आप
आम आदमी पार्टी दिल्ली के लिए बने नए कानून को लेकर बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरेगी. गोपाल राय ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को घर-घर जाकर दिल्ली वालों को पार्टी के कार्यों से अवगत कराने को कहा है. पार्टी के संगठन मंत्री संदीप पाठक ने भी सभी प्रभारियों को हर प्रकार की चुनौतियों के लिए तैयार रहने की निर्देश दिए हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी को हाल ही में हुए एमसीडी चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था. एमसीडी की सत्ता में 15 साल से काबिज बीजेपी विपक्ष में बैठी हुई है. आम आदमी पार्टी को 250 वार्ड में से 134 वार्ड में जीत मिली थी. विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बावजूद बीजेपी एमसीडी और लोकसभा चुनाव में पहले बेहतर प्रदर्शन करती आ रही थी.
एमसीडी की हार ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की टेंशन बढ़ाई
एमसीडी की हार ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. राजनीतिक विश्लेषक जगदीश ममगाईं का कहना है बीजेपी अब आक्रामक प्रचार के जरिए लोगों को पहले जैसा भरोसा दिलाना चाहती है. एमसीडी की हार से सबक लेकर लोकसभा चुनाव के लिए पहले ही तैयारी शुरू करने की रणनीति को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. बीजेपी ने दिल्ली की सातों सीटों के लिए एक-एक प्रभारी की नियुक्ति की है और ऐसे लोगों को जिम्मेदारी दी है जो संगठन की जानकारी और पकड़ दोनों रखते हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अपने विधानसभा के लिए 63 अध्यक्ष और संगठन मंत्रियों के नाम का ऐलान किया है.
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