नई दिल्ली: देश के पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन पांच राज्यों में से तीन राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. लेकिन दिल्ली और पंजाब की तरह आम आदमी पार्टी इस बार इन तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर काफी गंभीर है. आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस महीने के प्रत्येक सप्ताहांत पर चुनावी राज्यों में दौरे पर रहे हैं. वहां पर अलग-अलग वर्ग के लोगों से संवाद कर रहे हैं. बीते रविवार को मध्यप्रदेश के रीवा में आम आदमी पार्टी ने 10 गारंटी भी मध्य प्रदेश की जनता को दे दिया है.
अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक महीने से कम समय में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीन-तीन रैली कर चुके हैं और इस महीने के अंत में और अक्टूबर में वह राजस्थान में भी ताबड़तोड़ चुनावी सभा व रैलियां को संबोधित करेंगे. आम आदमी पार्टी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलाइंस यानि (इंडिया) का हिस्सा होने के बावजूद छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपने आप को कांग्रेस और बीजेपी से बेहतर विकल्प के तौर पर बता रही है. विपक्षी एकता दल के गठन के बाद जिस तरह आगामी चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर बातें कहीं जा रही है अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है.
इन चुनावी राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच रस्साकशी चल रही है. आम आदमी पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक का कहना है कि चुनावी राज्यों के लिए पार्टी ने जो प्लान तैयार किया है, उस प्लान के अनुसार ही विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई गई है. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में इसी रणनीति के तहत पार्टी चुनावी सभाएं कर रही है.
आज से राजस्थान में डोर-टू-डोर कार्यक्रमः आम आदमी पार्टी के राजस्थान प्रभारी और दिल्ली के विधायक विनय मिश्रा इस समय राजस्थान में ही डेरा डाले हैं. बुधवार यानि आज से अलवर में पार्टी के डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसी महीने के अंत में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की चुनावी सभा राजस्थान में होगी. उसके बाद अगले महीने यानि अक्टूबर में बड़े नेताओं के दौरे और सभाएं होंगी. इन्होंने कहा कि कई पार्टियों अलग-अलग राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ खिलाफ चुनाव लड़ती है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामदल एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं. इन सभी विरोधाभास के बावजूद आम आदमी पार्टी राजस्थान की जनता को अलग विकल्प देने की बात कर रही है. तय करना अब राजस्थान की जनता के हाथों में है.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल होने से पूर्व कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अलका लांबा से पूछा गया कि चुनावी राज्यों में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर क्या कहना है, तो उन्होंने साफ कहा कि यह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तय करेंगे. आम आदमी पार्टी गठबंधन में शामिल है और उसके साथ क्या करना है यह निर्णय राज्य इकाई से परामर्श के बाद ही लिया जाएगा.
जमकर प्रचार कर रहे केजरीवाल और भगवंतः बता दें कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के चुनावी दौरा में खुलकर कह रहे हैं कि वे छोटे और आम लोग हैं. उनको गाली-गलौज, राजनीति और नेतागिरी नहीं करनी आती है. वह सिर्फ आपके घर, आपके परिवार और आपके बच्चों के हक की बात करते हैं. हवा-हवाई बात नहीं करते. दिल्ली और पंजाब में उसे लागू करके आए हैं. वहां के लोगों से भी पूछ कर ही आगामी चुनाव में यहां वोट देने से पहले फैसला लें.
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