नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन एकेडमिक्स फाॅर एक्सन एंड डेवलपमेंट टीचर्स एसोसिएशन (एएडीटीए) के दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर शिवाजी कॉलेज की गवर्निंग बॉडी (जीबी) के तीन सदस्यों के मनोनयन को अवैध बताया है. कुलपति को लिखे पत्र में कहा है कि हमेशा से सभी कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के गठन में नियम रहा है कि दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्य वही होंगे, जिनके नाम दिल्ली सरकार द्वारा चयन करके भेजे जाएंगे या दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा चयन करने के बाद विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद द्वारा पास किए जाएंगे.
शिवाजी कॉलेज की गवर्निंग बॉडी में तीन ऐसे सदस्यों का मनोनयन किया गया है, जिनके नामों की जानकारी दिल्ली सरकार को नहीं दी गई और न ही इनके नाम को मंजूरी देने का प्रस्ताव कार्यकारी परिषद की बैठक में लाया गया. जबकि, दिल्ली सरकार द्वारा 28 जनवरी को ही दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को अपनी ओर से सभी 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी में मनोनयन करने के लिए सदस्यों की सूची भेज दी गई है. इसके बावजूद दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा तीन फरवरी को डीयू की कार्यकारी परिषद की बैठक में गवर्निंग बॉडी का गठन कर उसको मंजूरी नहीं दिलाई गई.
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से लगातार सभी 28 कॉलेजों की जीबी के गठन में देरी की जा रही है, यह सर्वथा अनुचित है. 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी का कार्यकाल 16 दिसंबर को खत्म हो चुका है. ऐसे में जीबी के गठन न होने से कॉलेजों के प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहे हैं. इसलिए इन तीन सदस्यों के अवैध मनोनयन को खारिज कर विधिवत न्यायिक तरीके से सभी कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी का विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र गठन कर कार्यकारी परिषद की बैठक में उसका अनुमोदन कराए. कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को यह पत्र एएडीटीए के दोनों कार्यकारी परिषद (ईसी) सदस्य सीमा दास और राजपाल सिंह पंवार की ओर से लिखा गया है.