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'लीव लेने से पहले जज भी बताएं हम छुट्टी पर हैं' दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर

याचिका वकील अमीष अग्रवाला ने दायर की है, याचिका में कहा गया है कि कोर्ट में सुनवाई के लिए हजारों पक्षकार और गवाह दूर-दूर से आते हैं. कुछ लोग कोर्ट की कार्यवाही देखने भी पहुंचते हैं. लेकिन जब वो कोर्ट रूम में पहुंचते हैं तो पता चलता है कि माननीय जज छुट्टी पर हैं.

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Published : Oct 1, 2019, 1:23 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 3:13 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि निचली अदालतों में जजों की छुट्टी से पहले पूर्व सूचना दी जाए. पूर्व सूचना के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जरूरी प्रशासनिक दिशानिर्देश जारी करने की बात कही है.

याचिका वकील अमीष अग्रवाला ने दायर की है, याचिका में कहा गया है कि कोर्ट में सुनवाई के लिए हजारों पक्षकार और गवाह दूर-दूर से आते हैं. कुछ लोग कोर्ट की कार्यवाही देखने भी पहुंचते हैं. लेकिन जब वो कोर्ट रूम में पहुंचते हैं तो पता चलता है कि माननीय जज छुट्टी पर हैं. कोर्ट में वकील भी अपने केस की घंटों तैयारी करके जाते हैं लेकिन कोर्ट पहुंचने पर सब कुछ बेकार चला जाता है.

'लोग होते हैं परेशान'
याचिका में कहा गया है कि कुछ लोग दिल्ली की जिला अदालतों की वेबसाइट देखकर पता करते हैं कि कौन जज छुट्टी पर हैं और कौन नहीं. जिनका नाम छुट्टी में शामिल नहीं होता उनकी कोर्ट में भी कई बार जब पक्षकार और वकील पहुंचते हैं तो वे छुट्टी पर होते हैं. इससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पक्षकारों को ये भी नहीं पता होता कि माननीय जज महोदय पूरे दिन की छुट्टी पर हैं या आधे दिन की छुट्टी पर.

याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 21 के मुताबिक किसी न्यायिक अधिकारी की छुट्टी का सही समय पर पता चलना पक्षकार का अधिकार है. याचिका में कहा गया है कि आपराधिक कार्यवाहियों में शिकायतकर्ता और अभियुक्त दोनों को कोर्ट में पेश होने को कहा जाता है. ये धारा 19(1)(डी)(जी) का उल्लंघन है.

'वेबसाइट पर हो अपडेट'

याचिका में मांग की गई है कि जजों की छुट्टी की सूचना एक दिन पहले कोर्ट की वेबसाइट पर अपडेट की जानी चाहिए और इसकी सूचना संबंधित वकीलों और पक्षकारों के अलावा पेश होने वाले गवाहों और संबंधित पक्षों को मोबाइल से फोन या टेक्स्ट मैसेज के जरिये करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि निचली अदालतों में जजों की छुट्टी से पहले पूर्व सूचना दी जाए. पूर्व सूचना के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जरूरी प्रशासनिक दिशानिर्देश जारी करने की बात कही है.

याचिका वकील अमीष अग्रवाला ने दायर की है, याचिका में कहा गया है कि कोर्ट में सुनवाई के लिए हजारों पक्षकार और गवाह दूर-दूर से आते हैं. कुछ लोग कोर्ट की कार्यवाही देखने भी पहुंचते हैं. लेकिन जब वो कोर्ट रूम में पहुंचते हैं तो पता चलता है कि माननीय जज छुट्टी पर हैं. कोर्ट में वकील भी अपने केस की घंटों तैयारी करके जाते हैं लेकिन कोर्ट पहुंचने पर सब कुछ बेकार चला जाता है.

'लोग होते हैं परेशान'
याचिका में कहा गया है कि कुछ लोग दिल्ली की जिला अदालतों की वेबसाइट देखकर पता करते हैं कि कौन जज छुट्टी पर हैं और कौन नहीं. जिनका नाम छुट्टी में शामिल नहीं होता उनकी कोर्ट में भी कई बार जब पक्षकार और वकील पहुंचते हैं तो वे छुट्टी पर होते हैं. इससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पक्षकारों को ये भी नहीं पता होता कि माननीय जज महोदय पूरे दिन की छुट्टी पर हैं या आधे दिन की छुट्टी पर.

याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 21 के मुताबिक किसी न्यायिक अधिकारी की छुट्टी का सही समय पर पता चलना पक्षकार का अधिकार है. याचिका में कहा गया है कि आपराधिक कार्यवाहियों में शिकायतकर्ता और अभियुक्त दोनों को कोर्ट में पेश होने को कहा जाता है. ये धारा 19(1)(डी)(जी) का उल्लंघन है.

'वेबसाइट पर हो अपडेट'

याचिका में मांग की गई है कि जजों की छुट्टी की सूचना एक दिन पहले कोर्ट की वेबसाइट पर अपडेट की जानी चाहिए और इसकी सूचना संबंधित वकीलों और पक्षकारों के अलावा पेश होने वाले गवाहों और संबंधित पक्षों को मोबाइल से फोन या टेक्स्ट मैसेज के जरिये करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली की निचली अदालतों में जजों द्वारा छुट्टी लेने की पूर्व सूचना के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करनेवाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर जरुरी प्रशासनिक दिशानिर्देश जारी करने की बात कही।



Body:याचिका वकील अमीष अग्रवाला ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट में सुनवाई के लिए हजारों पक्षकार और गवाह दूर-दूर से आते हैं। कुछ लोग कोर्ट की कार्यवाही देखने भी पहुंचते हैं। लेकिन जब वे कोर्ट रुम में पहुंचते हैं तो पता चलता है कि माननीय जज छुट्टी पर हैं। कोर्ट में वकील भी अपने केस की घंटों तैयारी करके जाते हैं लेकिन कोर्ट पहुंचने पर सब कुछ बेकार चला जाता है।
याचिका में कहा गया है कि कुछ लोग दिल्ली की जिला अदालतों की वेबसाइट देखकर पता करते हैं कि कौन जज छुट्टी पर हैं और कौन नहीं। जिनका नाम छुट्टी में शामिल नहीं होता उनकी कोर्ट में भी कई बार जब पक्षकार और वकील पहुंचते हैं तो वे छुट्टी पर होते हैं। इससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पक्षकारों को ये भी नहीं पता होता कि माननीय जज महोदय पूरे दिन की छुट्टी पर हैं या आधे दिन की छुट्टी पर। याचिका में कहा गया है कि संविधान की धारा 21 के मुताबिक किसी न्यायिक अधिकारी की छुट्टी का सही समय पर पता चलना पक्षकार का अधिकार है।



Conclusion:याचिका में कहा गया है कि आपराधिक कार्यवाहियों में शिकायतकर्ता और अभियुक्त दोनों को कोर्ट में पेश होने को कहा जाता है । ये धारा 19(1)(डी)(जी) का उल्लंघन है। याचिका में मांग की गई है कि जजों की छुट्टी की सूचना एक दिन पहले कोर्ट की वेबसाइट पर अपडेट की जानी चाहिए और इसकी सूचना संबंधित वकीलों और पक्षकारों के अलावा पेश होनेवाले गवाहों और संबंधित पक्षों को मोबाइल से फोन या टेक्स्ट मैसेज के जरिये करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं।
Last Updated : Oct 1, 2019, 3:13 PM IST
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