नई दिल्ली : 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा मामले में आरोपी दीप सिद्धू को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी है. इससे पहले गणतंत्र दिवस के दिन लाल किला परिसर में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू की जमानत याचिका पर दिल्ली की एक अदालत ने बीते सोमवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. इससे पूर्व विशेष न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन ने कहा था कि सिद्धू की जमानत याचिका पर 15 अप्रैल को आदेश सुनाया जाएगा.
पढ़ें: केजरीवाल की दिल्लीवासियों से अपील, वीकेंड कर्फ्यू का करें पालन
सिद्धू के वकील ने अदालत से कहा कि केवल मौजूदगी ही उनके मुवक्किल को गैर कानूनी रूप से एकत्र होने का आरोपी नहीं बना देती और वह एक ईमानदार नागरिक है, जो प्रदर्शन का हिस्सा था.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश लोक अभियोजक ने दावा किया कि सिद्धू हिंसा करने तथा राष्ट्रीय ध्वज का निरादर करने के उद्देश्य से प्रदर्शन में शामिल हुआ था और गैर कानूनी रूप से लोगों के एकत्र होने में उसकी मुख्य भूमिका थी.
पढ़ें: कोरोना के कारण तिहाड़ से पैरोल पर छोड़े गये 3400 कैदी फरार ! बढ़ सकते हैं अपराध
26 जनवरी के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिला परिसर में हुई हिंसा के मामले में सिद्धू को नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. सरकारी वकील ने यह दावा करते हुए जमानत अर्जी का विरोध किया कि यदि सिद्धू को रिहा किया गया तो वह सबूत को नष्ट कर देगा जैसा कि उसने पकड़े जाने से पहले दो फोन नष्ट कर दिये थे.
'25 जनवरी से पहले सिद्धू ने मीडिया को एक साक्षात्कार दिया था'
उन्होंने अदालत से कहा कि 25 जनवरी से पहले सिद्धू ने मीडिया को एक साक्षात्कार दिया था और कहा था, '26 (जनवरी) आ रही है... अधिक से अधिक लोगों को पहुंचना चाहिए.' उन्होंने दावा किया कि सिद्धू को पता था कि सिंघू बार्डर पर प्रदर्शनकारी निर्धारित मार्ग का पालन नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा, 'मार्ग का पालन करने की कोई मंशा नहीं थी. हमारे देश को बदनाम करने की योजना थी. उन्होंने हमारे राष्ट्रध्वज का अपमान किया. जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तब उस पर भीड़ ने नृशंस हमला किया....144 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गये.'सिद्धू के वकील ने साक्षात्कार के अंश को संदर्भ से परे हटाकर पेश करने का आरोप लगाया.