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पांच वर्षीय लॉ प्रोग्राम में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए फीस में 90% तक की छूट: प्रो. योगेश सिंह - skill enhancement course

डीयू कार्यकारी परिषद की बैठक शुक्रवार को दिल्ली विवि के कन्वेंशन हॉल में हुई. बैठक में कई निर्णय लिए गए. डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ की फीस में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को 90 प्रतिशत की छूट दी गई.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 25, 2023, 7:27 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) की 1267 वीं बैठक शुक्रवार को कान्वेंशन हाल में हुई. अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की. ईसी की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय की वित्त समिति की 17 अगस्त को आयोजित बैठक में की गई सिफारिशों पर स्वीकृति दी गई. आइये जानते हैं इनमें से कुछ मुख्य निर्णय, जो दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद की बैठक में लिए गए.

फीस में मिलेगी 90 फीसदी छूट: बैठक के दौरान पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ की फीस के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कुलपति ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा वित्तीय सहायता योजना के तहत फीस में 90% तक छूट का प्रावधान रखा गया है. उन्होंने बताया कि जिन विद्यार्थियों के माता-पिता की आय चार लाख रुपए या उससे कम है, उन्हें फीस में 90 प्रतिशत छूट दी जाएगी. जिन विद्यार्थियों के माता-पिता की आय चार से आठ लाख रुपए तक है, उन्हें फीस में 50 प्रतिशत छूट है.

कुलपति ने बताया कि पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ के विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए भी विश्वविद्यालय की ओर से 50 हजार रुपए तक विवि की ओर से दी जाएगी. शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम के एससी/एसटी और पीडब्ल्यूबीडी विद्यार्थियों के लिए प्रस्तावित पंजीकरण शुल्क को 1200 रुपये से घटा कर 1000 रुपये तय किया गया.

डूसू चुनाव में 3 वर्ष की छूट: विभिन्न छात्र यूनियनों द्वारा की गई मांग के अनुसार डूसू चुनाव लड़ने और मतदान करने के लिए उम्र में 3 वर्ष की छूट दी गई है. इस वर्ष यूजी विद्यार्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा को 22 वर्ष से बढ़ाकर 25 वर्ष और पीजी विद्यार्थियों के लिए 25 वर्ष से बढ़ाकर 28 वर्ष तक किया गया है. यह छूट केवल एक बार के लिए होगी.

पाठ्यक्रम में होगा वैदिक गणित: मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम वीएसी समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 से यूजीसीएफ-2022-23 के तहत वैदिक गणित- III, वैदिक गणित- IV और वैक: राष्ट्रीय कैडेट कोर-III मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रमों को भी लागू करने को स्वीकृति दी गई. दिल्ली विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड डेव्लपमेंट सेल (आरडीसी) की संगठनात्मक संरचना के लिए भी विभिन्न समितियों के गठन को भी अनुशंसित किया गया. एक आरडीसी सलाहकार समिति होगी, जिसके साथ पांच अलग-अलग समितियां होंगी.

स्किल एनहांसमेंट कोर्स में सक्षम बनेंगे विद्यार्थी: ईसी की बैठक के दौरान यूजीसीएफ-2022 के अनुरूप स्किल एनहांसमेंट कोर्सेज (एसईसी) के पेपर आधारित पाठ्यक्रम भी मंजूर किए गए. इनमें बेसिक ऑफ फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन, बेसिक ऑफ फोरेंसिक साइंस, बेसिक लैबोरेटरी टेक्निक्स, पब्लिक हैल्थ हाइजीन एंड न्यूट्रिशन, ला टेक्स टाइपसेटिंग फॉर बिगनर्स, मैथमेटिकल मॉडलिंग विद एक्सेल, फाइनेंसियल मॉडलिंग विद एक्सेल, नेटवर्क फ्लोव्स, आर-शिनी: पावरफुल वेब एप्प्स फॉर एवरीवन और स्पोकन पर्शियन: एलेमेंट्री लेवेल जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं. कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि इन कोर्सों के बाद विद्यार्थी खाद्य और औषधि मूल्यांकन केंद्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्लेसमेंट पाने में सक्षम हो सकेंगे. यही नहीं वे अपना स्वयं का व्यवसाय/उद्यम स्थापित करने में भी सक्षम होंगे.

फाइन आर्ट्स में भी होगी पीएचडी: संगीत एवं ललित कला संकाय द्वारा सत्र 2023-2024 से फाइन आर्ट्स में पीएचडी शुरू करने को भी मंजूरी दी गई. ईसी द्वारा इसके लिए नियम भी पारित कर दिये गए. नियमों के अनुसार कार्यक्रम में बने रहने और थीसिस जमा करने के पात्र होने के लिए एक पीएचडी स्कॉलर को पाठ्यक्रम कार्य में न्यूनतम 55% अंक या 9 क्रेडिट या यूजीसी 7-पॉइंट स्केल में इसके समकक्ष ग्रेड प्राप्त करना होता है. प्रति क्रेडिट शिक्षण कार्य 04 घंटे का है.

76 सीटों के साथ शुरू होगा एमबीए: कॉमर्स विभाग में शुरू किया जा रहा नया प्रोग्राम एमबीए इन बिजनेस एनालिटिक्स 76 सीटों के साथ शुरू होगा. इनमें 40.50% अनारक्षित, 27% ओबीसी, 15% एससी, 7.5% एसटी और 10% ईडब्ल्यूएस कोटे में कुल मिलाकर 60 सीटें होंगी. इनके अलावा सुपरन्यूमैरेरी कोटे के तहत 5% सीडब्ल्यू , 5% पीडब्ल्यूबीडी और विदेशी विद्यार्थियों के लिए 10 % कोटा होगा.विश्वविद्यालय के नियम और गाइडलाइन्स के अनुसार 4 सीटें पीजी वार्ड कोटा के तहत होंगी जिनमें 2 टीचिंग और 2 नॉन टीचिंग के लिए रहेंगी.

ये भी पढ़ें: Delhi University Student Union Election: 3 साल बाद DU छात्र संघ का चुनाव 22 सितंबर को, नोटिफिकेशन जारी

इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और कम्यूनिटी आउटरीच: यूजीसीएफ 2022 के तहत सेमेस्टर 3 से 6 तक लागू इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और कम्युनिटी आउटरीच के दिशानिर्देशों को भी स्वीकृति प्रदान की गई. इसके तहत अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप शुरू करने से पहले कॉलेज को विषय विशिष्ट वाणिज्यिक और गैर-व्यावसायिक संगठनों या उद्यमों और उद्योग के साथ एक पूर्व एमओयू साइन किया होना चाहिए. उपलब्ध सुविधा और बुनियादी ढांचे के अनुसार कॉलेज अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप प्रशिक्षण के लिए सीटों की संख्या तय कर सकता है. एसईसी की तरह ही किसी भी विभाग या प्रोग्राम का कोई भी विद्यार्थी किसी भी प्रस्तावित आईएसी का विकल्प चुन सकता है. आईएसी की प्रत्येक श्रेणी एसईसी की तरह 02 क्रेडिट के बराबर होगी.

ये भी पढ़ें: दिल्ली विश्वविद्यालय में विद्यार्थी परिषद् चला रही ‘नो रैगिंग’ कैंपेन, छात्राओं के लिए सुरक्षित कैंपस बनाना उद्देश्य

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) की 1267 वीं बैठक शुक्रवार को कान्वेंशन हाल में हुई. अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की. ईसी की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय की वित्त समिति की 17 अगस्त को आयोजित बैठक में की गई सिफारिशों पर स्वीकृति दी गई. आइये जानते हैं इनमें से कुछ मुख्य निर्णय, जो दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद की बैठक में लिए गए.

फीस में मिलेगी 90 फीसदी छूट: बैठक के दौरान पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ की फीस के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कुलपति ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा वित्तीय सहायता योजना के तहत फीस में 90% तक छूट का प्रावधान रखा गया है. उन्होंने बताया कि जिन विद्यार्थियों के माता-पिता की आय चार लाख रुपए या उससे कम है, उन्हें फीस में 90 प्रतिशत छूट दी जाएगी. जिन विद्यार्थियों के माता-पिता की आय चार से आठ लाख रुपए तक है, उन्हें फीस में 50 प्रतिशत छूट है.

कुलपति ने बताया कि पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ के विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए भी विश्वविद्यालय की ओर से 50 हजार रुपए तक विवि की ओर से दी जाएगी. शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम के एससी/एसटी और पीडब्ल्यूबीडी विद्यार्थियों के लिए प्रस्तावित पंजीकरण शुल्क को 1200 रुपये से घटा कर 1000 रुपये तय किया गया.

डूसू चुनाव में 3 वर्ष की छूट: विभिन्न छात्र यूनियनों द्वारा की गई मांग के अनुसार डूसू चुनाव लड़ने और मतदान करने के लिए उम्र में 3 वर्ष की छूट दी गई है. इस वर्ष यूजी विद्यार्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा को 22 वर्ष से बढ़ाकर 25 वर्ष और पीजी विद्यार्थियों के लिए 25 वर्ष से बढ़ाकर 28 वर्ष तक किया गया है. यह छूट केवल एक बार के लिए होगी.

पाठ्यक्रम में होगा वैदिक गणित: मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम वीएसी समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 से यूजीसीएफ-2022-23 के तहत वैदिक गणित- III, वैदिक गणित- IV और वैक: राष्ट्रीय कैडेट कोर-III मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रमों को भी लागू करने को स्वीकृति दी गई. दिल्ली विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड डेव्लपमेंट सेल (आरडीसी) की संगठनात्मक संरचना के लिए भी विभिन्न समितियों के गठन को भी अनुशंसित किया गया. एक आरडीसी सलाहकार समिति होगी, जिसके साथ पांच अलग-अलग समितियां होंगी.

स्किल एनहांसमेंट कोर्स में सक्षम बनेंगे विद्यार्थी: ईसी की बैठक के दौरान यूजीसीएफ-2022 के अनुरूप स्किल एनहांसमेंट कोर्सेज (एसईसी) के पेपर आधारित पाठ्यक्रम भी मंजूर किए गए. इनमें बेसिक ऑफ फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन, बेसिक ऑफ फोरेंसिक साइंस, बेसिक लैबोरेटरी टेक्निक्स, पब्लिक हैल्थ हाइजीन एंड न्यूट्रिशन, ला टेक्स टाइपसेटिंग फॉर बिगनर्स, मैथमेटिकल मॉडलिंग विद एक्सेल, फाइनेंसियल मॉडलिंग विद एक्सेल, नेटवर्क फ्लोव्स, आर-शिनी: पावरफुल वेब एप्प्स फॉर एवरीवन और स्पोकन पर्शियन: एलेमेंट्री लेवेल जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं. कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि इन कोर्सों के बाद विद्यार्थी खाद्य और औषधि मूल्यांकन केंद्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्लेसमेंट पाने में सक्षम हो सकेंगे. यही नहीं वे अपना स्वयं का व्यवसाय/उद्यम स्थापित करने में भी सक्षम होंगे.

फाइन आर्ट्स में भी होगी पीएचडी: संगीत एवं ललित कला संकाय द्वारा सत्र 2023-2024 से फाइन आर्ट्स में पीएचडी शुरू करने को भी मंजूरी दी गई. ईसी द्वारा इसके लिए नियम भी पारित कर दिये गए. नियमों के अनुसार कार्यक्रम में बने रहने और थीसिस जमा करने के पात्र होने के लिए एक पीएचडी स्कॉलर को पाठ्यक्रम कार्य में न्यूनतम 55% अंक या 9 क्रेडिट या यूजीसी 7-पॉइंट स्केल में इसके समकक्ष ग्रेड प्राप्त करना होता है. प्रति क्रेडिट शिक्षण कार्य 04 घंटे का है.

76 सीटों के साथ शुरू होगा एमबीए: कॉमर्स विभाग में शुरू किया जा रहा नया प्रोग्राम एमबीए इन बिजनेस एनालिटिक्स 76 सीटों के साथ शुरू होगा. इनमें 40.50% अनारक्षित, 27% ओबीसी, 15% एससी, 7.5% एसटी और 10% ईडब्ल्यूएस कोटे में कुल मिलाकर 60 सीटें होंगी. इनके अलावा सुपरन्यूमैरेरी कोटे के तहत 5% सीडब्ल्यू , 5% पीडब्ल्यूबीडी और विदेशी विद्यार्थियों के लिए 10 % कोटा होगा.विश्वविद्यालय के नियम और गाइडलाइन्स के अनुसार 4 सीटें पीजी वार्ड कोटा के तहत होंगी जिनमें 2 टीचिंग और 2 नॉन टीचिंग के लिए रहेंगी.

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इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और कम्यूनिटी आउटरीच: यूजीसीएफ 2022 के तहत सेमेस्टर 3 से 6 तक लागू इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और कम्युनिटी आउटरीच के दिशानिर्देशों को भी स्वीकृति प्रदान की गई. इसके तहत अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप शुरू करने से पहले कॉलेज को विषय विशिष्ट वाणिज्यिक और गैर-व्यावसायिक संगठनों या उद्यमों और उद्योग के साथ एक पूर्व एमओयू साइन किया होना चाहिए. उपलब्ध सुविधा और बुनियादी ढांचे के अनुसार कॉलेज अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप प्रशिक्षण के लिए सीटों की संख्या तय कर सकता है. एसईसी की तरह ही किसी भी विभाग या प्रोग्राम का कोई भी विद्यार्थी किसी भी प्रस्तावित आईएसी का विकल्प चुन सकता है. आईएसी की प्रत्येक श्रेणी एसईसी की तरह 02 क्रेडिट के बराबर होगी.

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