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चाइनीज मांझे में उलझ कर घायल हुए 700 पक्षी, 200 को गंवानी पड़ी जान - चाइनीज मांझे में उलझ कर पक्षी घायल

दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर जमकर पतंगबाजी में चाइनीज मांझे से 700 से अधिक पक्षी घायल हो गए और तकरीबन 200 से ज्यादा पक्षियों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

चाइनीज मांझे में उलझ कर घायल पक्षी, etv bharat
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Published : Aug 18, 2019, 4:15 AM IST

Updated : Aug 18, 2019, 6:40 AM IST

नई दिल्ली: पुरानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर जमकर पतंगबाजी होती है. पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे के इस्तेमाल से पक्षियों के घायल होने का खतरा बना रहता है. इस साल भी भारी संख्या में चीनी मांझे से पक्षी घायल हुए हैं जबकि कुछ पक्षियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है.

पतंगबाजी में चाइनीज मांझा के प्रयोग से कई पक्षी हुए घायल

खुले में बिक रहा है चाइनीज मांझा
दिल्ली सरकार ने 2017 में चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन जिस तरह लगातार पक्षी चाइनीज मांझा की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं, उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि बाजार में चाइनीज मांझा खुले आम बिक रहा है.

चाइनीज मांझा से कई पक्षी हुए घायल
पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे से पक्षियों के घायल होने के मामले पुरानी दिल्ली में अधिक संख्या में देखने को मिले हैं. चाइनीज मांझे की चपेट में आकर पक्षियों के पंख, गर्दन और पैरों पर गहरी चोटे आयी हैं. आसमान में उड़ते समय पतंग के मांझे से पक्षी उलझते हैं जिसमें अधिकांश पक्षी घायल हो जाते हैं.

चाइनीज मांझा स्ट्रेचेबल होता है
पतंगबाज चाइनीज मांझा का इस्तेमाल पतंग को कटने से बचाने के लिए करते हैं क्योंकि चाइनीज मांझा स्ट्रेचेबल होता है और आसानी से नहीं टूटता है. चाइनीज मांझे नायलॉन से बनता है और मांझे पर कांच और लौह कण लगाए जाते हैं. पक्षी जब चाइनीज मांझे की चपेट में आते हैं, तब यह मांझा स्ट्रेचेबल होने के कारण टूटता नहीं है बल्कि पक्षियों के अंगों को काट देता है, जबकि पक्षियों के अंगों में फंसने पर देसी मांझा आसानी से टूट जाता है जिससे पक्षियों को चोटें नहीं आती.

200 से अधिक पक्षी हुए घायल
पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित चैरिटी बर्ड अस्पताल में 13 अगस्त और 15 अगस्त के बीच 700 से अधिक ऐसे मामले मिले, जिसमें पक्षी चाइनीज मांझे की चपेट में आने से घायल हो गए. जिसमें से 200 से अधिक पक्षियों की गंभीर छोटे लगने से मौत हो गई.

नई दिल्ली: पुरानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर जमकर पतंगबाजी होती है. पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे के इस्तेमाल से पक्षियों के घायल होने का खतरा बना रहता है. इस साल भी भारी संख्या में चीनी मांझे से पक्षी घायल हुए हैं जबकि कुछ पक्षियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है.

पतंगबाजी में चाइनीज मांझा के प्रयोग से कई पक्षी हुए घायल

खुले में बिक रहा है चाइनीज मांझा
दिल्ली सरकार ने 2017 में चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन जिस तरह लगातार पक्षी चाइनीज मांझा की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं, उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि बाजार में चाइनीज मांझा खुले आम बिक रहा है.

चाइनीज मांझा से कई पक्षी हुए घायल
पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे से पक्षियों के घायल होने के मामले पुरानी दिल्ली में अधिक संख्या में देखने को मिले हैं. चाइनीज मांझे की चपेट में आकर पक्षियों के पंख, गर्दन और पैरों पर गहरी चोटे आयी हैं. आसमान में उड़ते समय पतंग के मांझे से पक्षी उलझते हैं जिसमें अधिकांश पक्षी घायल हो जाते हैं.

चाइनीज मांझा स्ट्रेचेबल होता है
पतंगबाज चाइनीज मांझा का इस्तेमाल पतंग को कटने से बचाने के लिए करते हैं क्योंकि चाइनीज मांझा स्ट्रेचेबल होता है और आसानी से नहीं टूटता है. चाइनीज मांझे नायलॉन से बनता है और मांझे पर कांच और लौह कण लगाए जाते हैं. पक्षी जब चाइनीज मांझे की चपेट में आते हैं, तब यह मांझा स्ट्रेचेबल होने के कारण टूटता नहीं है बल्कि पक्षियों के अंगों को काट देता है, जबकि पक्षियों के अंगों में फंसने पर देसी मांझा आसानी से टूट जाता है जिससे पक्षियों को चोटें नहीं आती.

200 से अधिक पक्षी हुए घायल
पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित चैरिटी बर्ड अस्पताल में 13 अगस्त और 15 अगस्त के बीच 700 से अधिक ऐसे मामले मिले, जिसमें पक्षी चाइनीज मांझे की चपेट में आने से घायल हो गए. जिसमें से 200 से अधिक पक्षियों की गंभीर छोटे लगने से मौत हो गई.

Intro:पुरानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर जमकर पतंगबाजी होती है, पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे के इस्तेमाल से पक्षियों के घायल होने का खतरा बना रहता है, इस वर्ष भी भारी संख्या में चीनी मांझे से पक्षी घायल हुए हैं जबकि कुछ पक्षियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है.


Body:दिल्ली सरकार द्वारा 2017 में चाईनीज़ मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन जिस तरह लगातार पक्षी चाइनीज मांझा की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि बाजार में चाइनीज मांझा खुले आम बिक रहा है.

पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे से पक्षियों के घायल होने के मामले पुरानी दिल्ली में अधिक संख्या में देखने को मिले हैं, चाइनीज मांझे की चपेट में आकर पक्षियों के पंख, गर्दन और पैरों पर गहरी चोटे आयी हैं. आसमान में उड़ते समय पतंग के मांझे से पक्षी उलझते हैं जिसमें अधिकांश पक्षी घायल हो जाते हैं.

पतंगबाज चाइनीस मांझा का इस्तेमाल पतंग को कटने से बचाने के लिए करते हैं क्योंकि चाइनीस मांझा स्ट्रेचेबल होता है और आसानी से नहीं टूटता है, चाइनीज़ मांझे नायलॉन से बनता है और मांझे पर कांच और लौह कण लगाए जाते हैं. पक्षी जब चाईनीज़ मांझे की चपेट में आते हैं तब यह मांझा स्ट्रेचेबल होने के कारण टूटता नहीं है बल्कि पक्षियों के अंगों को काट देता है, जबकि पक्षियों के अंगों में फंसने पर देसी मांझा आसानी से टूट जाता है जिससे पक्षियों को चोटें नहीं आती.

पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित चैरिटी बर्ड अस्पताल में 13 अगस्त और 15 अगस्त के बीच 700 से अधिक ऐसे मामले मिले जिसमें पक्षी चाईनीज़ मांझे की चपेट में आने से घायल हो गए, जिसमें से 200 से अधिक पक्षियों की गंभीर छोटे लगने से मौत हो गई.


Conclusion:ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब दिल्ली सरकार ने चाइनीज मांझे की बिक्री और उत्पादन पर रोक लगा रखी है, तो चाइनीस मांझा बाजार में क्यों बिक रहा है.
Last Updated : Aug 18, 2019, 6:40 AM IST
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