नई दिल्ली: पुरानी दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर जमकर पतंगबाजी होती है. पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे के इस्तेमाल से पक्षियों के घायल होने का खतरा बना रहता है. इस साल भी भारी संख्या में चीनी मांझे से पक्षी घायल हुए हैं जबकि कुछ पक्षियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है.
खुले में बिक रहा है चाइनीज मांझा
दिल्ली सरकार ने 2017 में चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. लेकिन जिस तरह लगातार पक्षी चाइनीज मांझा की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं, उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि बाजार में चाइनीज मांझा खुले आम बिक रहा है.
चाइनीज मांझा से कई पक्षी हुए घायल
पतंगबाजी के दौरान चीनी मांझे से पक्षियों के घायल होने के मामले पुरानी दिल्ली में अधिक संख्या में देखने को मिले हैं. चाइनीज मांझे की चपेट में आकर पक्षियों के पंख, गर्दन और पैरों पर गहरी चोटे आयी हैं. आसमान में उड़ते समय पतंग के मांझे से पक्षी उलझते हैं जिसमें अधिकांश पक्षी घायल हो जाते हैं.
चाइनीज मांझा स्ट्रेचेबल होता है
पतंगबाज चाइनीज मांझा का इस्तेमाल पतंग को कटने से बचाने के लिए करते हैं क्योंकि चाइनीज मांझा स्ट्रेचेबल होता है और आसानी से नहीं टूटता है. चाइनीज मांझे नायलॉन से बनता है और मांझे पर कांच और लौह कण लगाए जाते हैं. पक्षी जब चाइनीज मांझे की चपेट में आते हैं, तब यह मांझा स्ट्रेचेबल होने के कारण टूटता नहीं है बल्कि पक्षियों के अंगों को काट देता है, जबकि पक्षियों के अंगों में फंसने पर देसी मांझा आसानी से टूट जाता है जिससे पक्षियों को चोटें नहीं आती.
200 से अधिक पक्षी हुए घायल
पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित चैरिटी बर्ड अस्पताल में 13 अगस्त और 15 अगस्त के बीच 700 से अधिक ऐसे मामले मिले, जिसमें पक्षी चाइनीज मांझे की चपेट में आने से घायल हो गए. जिसमें से 200 से अधिक पक्षियों की गंभीर छोटे लगने से मौत हो गई.